जयपुर. प्रदेश कांग्रेस और सरकार में चल रही खींचतान एक बार फिर जगजाहिर होने लगी है. विधानसभा के सदन में सीटिंग अरेंजमेंट के खिलाफ अब सचिन पायलट खेमे के तीसरे विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने भी मोर्चा खोल दिया है. सोलंकी ने भी कहा है जिस एससी/एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय के कारण प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी उन्हें सदन में उचित महत्व देना चाहिए. सोलंकी ने इस दौरान सीटिंग अरेंजमेंट देख रहे मुख्य सचेतक महेश जोशी पर भी जमकर जुबानी हमला बोला.
सीटिंग अरेंजमेंट में सीनियरिटी और एससी/एसटी अल्पसंख्यकों की अनदेखी
वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि जब कोई चीज उछलती है तभी सामने आती है. मैंने भी सदन में मौजूदा सीटिंग अरेंजमेंट को देखा है और इस बात को महसूस किया है कि जिन 50 सदस्यों की सीटिंग बदली गई है और जिनके पास माइक नहीं है, उनमें अधिकतर अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक समाज के विधायक हैं. सोलंकी ने यह भी कहा की मुख्य सचेतक महेश जोशी ने किस तरह सीटिंग अरेंजमेंट किया है और इसका क्या क्राइटेरिया रखा है यह भी समझ के परे है, क्योंकि एक और दो बार के जीते हुए सदस्य आगे बैठे हैं, जबकि 3 से 5 बार तक जीतकर सदन में पहुंचे सदस्य पीछे बिना माइक के बैठे हैं.
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अंबेडकर जी के संविधान को भूल गए
कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने यह भी कहा कि हम अंबेडकर जी को याद तो हमेशा करते हैं, लेकिन अंबेडकर जी ने जो संविधान बनाया है उसे चलाने की जिम्मेदारी भी हम सब की है. माननीय महेश जोशी जी ने जो सीटिंग अरेंजमेंट किया उससे किसी एक विधायक की नाराजगी नहीं है, बल्कि कई विधायकों की नाराजगी है. सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए कि जिनके खून पसीने की मेहनत से यह सरकार बनी है उन्हें उचित महत्व दिया जाए.
जांच का विषय है, जोशी जारी करे नाम,करे गलती में सुधार
पायलट समर्थक माने जाने वाले विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के अनुसार मुख्य सचेतक महेश जोशी ने जो सीटिंग अरेंजमेंट किया है, यह भी जांच का विषय है और जोशी को उन विधायकों की सूची भी जारी करनी चाहिए, जिनकी सीटिंग अरेंजमेंट में बदलाव किया गया है और जिन्हें बिना माइक वाली सीट दी गई है, ताकि यह सामने आ सके कि ऐसे विधायकों में कितने सीनियर और किस-किस समाज के विधायक हैं.
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वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि जो कुछ हुआ उसका पूरे राजस्थान के अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक समाज में नेगेटिव असर गया है. ऐसे में महेश जोशी जी को मौजूदा सीटिंग अरेंजमेंट में सुधार करना चाहिए. सोलंकी ने यह भी कहा कि महेश जोशी कहते हैं कि एससी, एसटी और अल्पसंख्यक समुदाय कांग्रेस की बैकबोन है, लेकिन दूसरी तरफ यह भी कहते हैं कि अच्छे बोलने वालों को हमने आगे बैठाया इसका मतलब यह हुआ कि या तो दलित समाज के विधायकों को बोलना नहीं आता और अपनी बात उठाना नहीं आती या फिर वरिष्ठ लोगों का अनादर किया गया.
कद्दावर नेता हैं रमेश मीणा, आहत हुए हैं तो उनकी भावना आलाकमान तक पहुंचाएंगे
वेद प्रकाश सोलंकी ने यह भी कहा कि कांग्रेस विधायक रमेश मीणा एक कद्दावर नेता हैं. यह तीन बार जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं और बिना कांग्रेस के टिकट पर भी वह जीते थे. सोलंकी ने कहा कि अगर किसी बात से उनकी भावना आहत हुई है तो यह बात आलाकमान तक भी पहुंचाएंगे. सोलंकी ने कहा कि अंबेडकर जी ने जो संविधान बनाया है तो पार्टी के भीतर भी उसका सम्मान करना चाहिए और यह भेदभाव दूर करना चाहिए.
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बता दें, इससे पहले सचिन पायलट गुट से आने वाले कांग्रेस विधायक रमेश मीणा सदन के भीतर सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर चुके हैं, जिसका समर्थन कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा ने भी किया और अब वेद प्रकाश सोलंकी ने भी.