जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने इशारों-इशारों में अपनी ही पार्टियों और सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी. सदन में अभिभाषण पर बोलते हुए राम नारायण मीणा ने पहले तो उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा को मौजूदा सरकार में फरियादी करार दे दिया और पीसीसी में जनसुनवाई में उनके ओर से की गई फरियाद का जिक्र तक कर डाला. साथ ही यह भी कहा कि सत्ता के इशारों पर आजकल फैसले हो रहे हैं.
हालांकि, विधायक राम नारायण मीणा के इस वक्तव्य के दौरान ही उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने आपत्ति जता दी और कहा कि वे फरियादी बनकर नहीं गए थे, बल्कि अपने क्षेत्र के एक फरियादी के साथ गए थे. जिसकी फरियाद पर सरकार ने तुरंत एक्शन भी लिया.
जातिगत आरक्षण पर इस तरह की टिप्पणी
मीणा ने अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बारे में कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि सत्ता के इशारों पर फैसले हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं खुद आरक्षित वर्ग से आता हूं, बावजूद इसके 7 बार पार्टी ने उन्हें सामान्य सीट से लड़ाया. हालांकि, इस दौरान मीणा ने चुटकी लेते हुए यह भी कहा कि अगली और अंतिम बार आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने की उनकी इच्छा है, यदि हरीश मीणा सुन ले तो. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू धर्म का अपमान नहीं होना चाहिए. साथ ही यह भी कहा कि प्रदेश में शराब की बिक्री बढ़ रही है, जबकि हम गांधी जी की 150वीं जयंती मना रहे हैं.
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अब सत्तापक्ष के विधायक भी मान चुके हैं स्थिति खराब हैः राजेंद्र राठौड़
राम नारायण मीणा ने परसादी लाल मीणा को फरियादी बताया तो सदन में मौजूद प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी इस पर चुटकी ले ली. राठौड़ ने कहा कि अब सत्तापक्ष के विधायक भी इस बात को स्वीकार करने लगे हैं, जो इस बात का सबूत है कि सरकार के मंत्रियों की ही फरियाद नहीं सुनी जाती और वह अब फरियादी बन चुके हैं. इस बीच सभापति राजेंद्र पारीक से मीणा की हल्की नोंक-झोंक भी हुई.