जयपुर. राजस्थान में 8 जून तक लॉकडाउन लगा हुआ है. 2 जून से कुछ रियायतें लॉकडाउन में मिलने जा रही हैं. लेकिन अभी भी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए केवल 20 लोगों को ही अनुमति है. दूसरी ओर जयपुर में समाजसेवी हाजी रफत अहमद के जनाजे में उमड़ी भीड़ के मामले में भाजपा ने कांग्रेस के ऊपर निशाना साधना शुरू कर दिया है. पुलिस ने भी इस मामले में हाजी रफत के 11 परिजनों और कांग्रेस विधायक रफीक खान के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है.
तुष्टीकरण का आरोप भाजपा की छोटी मानसिकता
विधायक रफीक खान ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तुष्टीकरण के आरोप लगाना भाजपा की छोटी मानसिकता है. उस आदमी की डेथ हुई है जिस आदमी की आवाज पर हम उम्मीद करते थे. उनके कहने का समाज पर असर होता था. लोग घरों में नमाज पढ़ते थे. ऐसे में 2 साल से जो आदमी सरकार की कोरोना गाइडलाइन मानने की लोगों से अपील कर रहा था उस आदमी के जनाजे में समाज का हर आदमी शामिल होना चाहता था. लोगों के उनसे इमोशन जुड़े हुए थे. इसलिए उनके जनाजे में भीड़ इकट्ठी हो गई.
रफीक खान ने कहा कि लोग उनकी एक आवाज पर कोरोना गाइडलाइन की पालना के लिए घरों में ही रहे. कुछ तो आकर्षण होगा उस आदमी की आवाज में. जब मुझे जनाजे में ज्यादा भीड़ इकट्ठा होने की सूचना मिली तो मैं वहां पहुंचा और मैंने कोशिश की कि उनके फैमिली मेंबर अनाउंस करें कि ज्यादा से ज्यादा लोग वापस चले जाएं. ऐसा करने की कोशिश भी की गई. लेकिन किसी कारणवश लोगों के इमोशन पर कंट्रोल नहीं रहा और ज्यादा संख्या में लोग जनाजे में मौजूद रहे.
विधायक ने कहा कि पुलिस का मुझे टारगेट करते हुए मामले में पार्टी बना देना पुलिस की नाकामी है. जनता ने जिस आदमी को इलेक्ट करके भेजा है उसकी मोरल रिस्पांसिबिलिटी है कि वह ऐसी जगह तुरंत पहुंचे. इसीलिये मैं वहां गया और अगर आगे भी ऐसी परिस्थिति होगी तो मैं दोबारा भी जाऊंगा. लेकिन इस तरीके से पुलिस अगर विधायक को पार्टी बनाएगी तो इससे अच्छा मैसेज नहीं जाता है.
जयपुर पुलिस सवालों के घेरे में
हकीकत ये भी है कि जनाजे को रास्ता खुद पुलिस दिखा रही थी. भले ही पुलिस ने इस मामले में विधायक समेत हाजी परिवार के 11 सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह भी है कि जिस जयपुर पुलिस पर इसे रोकने की बड़ी जिम्मेदारी थी. वह खुद उल्टा जनाजे के आगे-आगे सुरक्षा मार्ग बनाते हुए चलती नजर आई. पुलिस की आंखों के सामने ही महामारी एक्ट की धज्जियां उड़ती रही.
जब सवाल उठने लगे तो जयपुर पुलिस ने इस जनाजे में शामिल आदर्श नगर के विधायक रफीक खान के साथ ही हाजी के परिजनों सहित 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया. पुलिस ने हजारों लोगों को जनाजे में शामिल होने से रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए. जनाजे के आगे पीछे पुलिस की कई गाड़ियां सुरक्षा देती नजर आई.