ETV Bharat / city

जिला परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों की बैठक चढ़ी हंगामे की भेंट, मुख्य कार्यकारी अधिकारी से छीना गया माइक - District Collector Antar Singh Nehra

जयपुर में बुधवार को जिला परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों की बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. कांग्रेस और भाजपा के सदस्य मंच के पास पहुंच गए और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू कर दिया.

जिला परिषद की बैठक, district council meeting
जिला परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों की बैठक में हंगामा
author img

By

Published : Sep 29, 2021, 4:04 PM IST

Updated : Sep 29, 2021, 4:57 PM IST

जयपुर. जिला परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों की पहली बैठक राजनीति का अखाड़ा बन गई. बुधवार को हुई पहली बैठक में उप जिला प्रमुख की कुर्सी मंच पर लगाने को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा किया.

पढ़ेंः Assembly Bypoll: आमसभा पर रोक का माकन- डोटासरा ने निकाला तोड़, करेंगे कार्यकर्ता सम्मेलन

हंगामे के दौरान जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा और मुख्य कार्यकारी सदस्य पूजा पार्थ नाराज हो कर चले गए. साथ ही कांग्रेस के एक सदस्य ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी का माइक भी छीन लिया. 20 से 25 मिनट तक चले हंगामे के बीच प्रस्ताव भी पास कर दिया और जिला प्रमुख ने बैठक समाप्ति की घोषणा कर दी.

जिला परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों की बैठक में हंगामा

दरअसल बुधवार को को नवनिर्वाचित जिला परिषद सदस्यों की पहली साधारण सभा की बैठक हुई. इस बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रस्ताव पर चर्चा की जानी थी. बैठक का समय 11 बजे रखा गया था, लेकिन कोरम पूरा होने में समय लगा और करीब 15 मिनट बाद बैठक शुरू हुई, लेकिन कांग्रेस के उप जिला प्रमुख मोहन डागर मीटिंग में शामिल नही हुए.

जिला परिषद की बैठक, district council meeting
जिला कलेक्टर के सामने ही हंगामा शुरु

बैठक में शामिल हुए अन्य कांग्रेस के सदस्य भी हस्ताक्षर कर नीचे चले गए. आधे घंटे बाद करीब 11:40 पर कांग्रेस के सभी सदस्य एक साथ साधारण सभा की बैठक में पहुंचे और जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा से शिकायत की कि हमेशा से ही उप जिला प्रमुख की कुर्सी मंच पर अन्य अधिकारियों और जिला प्रमुख के साथ लगती आई है. इसका भाजपा के सदस्यों ने विरोध किया. इस बात को लेकर हंगामा शुरू हो गया.

जिला परिषद की बैठक, district council meeting
मुख्य कार्यकारी अधिकारी से छीना गया माइक

कांग्रेस और भाजपा के सदस्य मंच के पास पहुंच गए और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू कर दिया. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूजा पार्थ ने भी सदस्यों को समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन वे नाकाम रहे. भाजपा विधायक रामलाल शर्मा भी बैठक में पहुंचे, लेकिन कुछ देर बाद वहां से रवाना हो गए. हंगामा बढ़ने पर भाजपा सदस्यों ने जिला परिषद को नाथी का बाड़ा नहीं बनने देने के नारे भी लगाएं.

मुख्य कार्यकारी अधिकारी का माइक छीना

बैठक में हंगामे के दौरान जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूजा पार्थ का माइक भी एक कांग्रेस सदस्य ने छीन लिया. इस पर वह गुस्सा हो गईं. जिला परिषद सीईओ ने इसका विरोध किया. हंगामे के दौरान पूजा पार्थ ने सदस्यों को समझाने की कोशिश भी की. इस दौरान कांग्रेस के एक सदस्य ने उनका माइक छीन लिया और जिला परिषद सीईओ ने इसका विरोध किया. कांग्रेस के सदस्य उनके माइक के जरिए अपनी बात कहते रहे इस पर जिला परिषद सीईओ पूजा पार्थ नाराज होकर बैठक से बाहर चली गई.

नाराज होकर निकले जिला कलेक्टर

मंच के पास जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा के पास पहुंचे कांग्रेस और भाजपा के सदस्यों ने अपनी-अपनी बात रखी. जिला कलेक्टर ने सभी सदस्यों को समझाने का प्रयास भी किया और उन्होंने कहा कि जो भी नियम होंगे उसके अनुसार ही बैठक आयोजित की जाएगी. यदि कोई परंपरा सालों से चली आ रही है तो उसे भी मानने से कोई हर्ज नहीं है. इसके बावजूद भी कांग्रेस और भाजपा के सदस्य हंगामा करते रहे और इसके बाद जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा नाराज होकर बैठक से बाहर चले गए.

कांग्रेस का एक सदस्य चढ़ा मंच पर

हंगामे के दौरान कांग्रेस का एक सदस्य मंच पर चढ़ गया और अन्य सदस्यों से बात करने लगा. इसका भाजपा के सदस्यों ने नाराजगी जताई और कहा कि यह सदस्य बिना किसी अनुमति के मंच पर कैसे चल गए. विरोध के बाद कांग्रेस का सदस्य मंच से नीचे आ गया.

जिला प्रमुख की दो टूक

हंगामे के बीच भाजपा की जिला प्रमुख रमा देवी चोपड़ा ने एजेंडा पास करने का अनुमोदन पारित कर दिया और मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि यदि नियमों में होगा तो ही उप जिला प्रमुख मंच पर बैठेंगे नहीं, तो उन्हें अन्य सदस्यों के साथ मंच के सामने ही बैठना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि एक तो कांग्रेस सदस्य समय पर नहीं आए और जब देरी से आए तो उन्होंने कुर्सी को लेकर हंगामा कर दिया. कलेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नाराजगी को लेकर जिला प्रमुख रमा देवी चोपड़ा ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों का रवैया गलत था वे केवल लड़ने के लिए ही आए थे, वह विकास पर चर्चा नहीं करना चाहते. कांग्रेस के सदस्य कुर्सियों के लिए ही लड़ते हैं.

उप जिला प्रमुख ने कहा, जिला प्रमुख का ध्यान सेल्फ डेवलपमेंट पर

उप जिला प्रमुख कांग्रेस के मोहन डागर ने हंगामे से साफ इंकार करते हुए कहा कि कांग्रेस के सदस्य सदन को व्यवस्था के अनुसार चलाने की बात कह रहे थे. उन्होंने कहा कि भाजपा के सदस्य अनर्गल आरोप लगाते हैं. जब पिछली बार भाजपा के जिला प्रमुख और उप जिला प्रमुख थे उस समय भी हमने विकास के मुद्दों पर अपनी सहमति दी थी. इस तरह की बात हमने कभी नहीं की. सदन को बड़े अनुशासन के साथ चलाया गया.

पढ़ेंः भूमि संरक्षण के लिए प्रो. श्यामसुंदर ज्याणी हुए संयुक्त राष्ट्र के पुरस्कार से सम्मानित, वन मंत्री सुखराम बिश्नोई ने दी बधाई

डागर ने कहा कि जिला परिषद सदस्य ही सालों से चली आ रही परंपरा बनाते हैं और आगे भी इसी तरह से परंपरा बनाते रहेंगे. 15 साल से यह परंपरा रही है कि उप जिला प्रमुख की कुर्सी मंच पर लगती आ रही है और कांग्रेस के सदस्य भी यही चाहते हैं कि जो परंपरा चली आ रही है वही बनी रहे. इसमें जिद जैसी कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य अति उत्साह में आ गए और वे परंपरा तोड़ने की बात कर रहे थे. उन्होंने ही सदन नहीं चलने दिया. वे एक दिन में ही परंपरा तोड़ना चाहते है.

भाजपा की अनर्गल आरोप लगाने की परंपरा रही है और झूठ बोलकर ही सत्ता में आए हैं. मोहन डागर ने कहा कि जिला प्रमुख को विकास से कोई मतलब नहीं है यदि उन्हें विकास ही करना होता तो वह कांग्रेस से ही जिला प्रमुख बन जाती. उन्होंने कहा कि केवल सेल्फ डेवलपमेंट की तरफ उनका ध्यान है. आगे हमारी यही सोच रहेगी कि हम मिलजुल कर सदन को चलाएं.

जयपुर. जिला परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों की पहली बैठक राजनीति का अखाड़ा बन गई. बुधवार को हुई पहली बैठक में उप जिला प्रमुख की कुर्सी मंच पर लगाने को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा किया.

पढ़ेंः Assembly Bypoll: आमसभा पर रोक का माकन- डोटासरा ने निकाला तोड़, करेंगे कार्यकर्ता सम्मेलन

हंगामे के दौरान जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा और मुख्य कार्यकारी सदस्य पूजा पार्थ नाराज हो कर चले गए. साथ ही कांग्रेस के एक सदस्य ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी का माइक भी छीन लिया. 20 से 25 मिनट तक चले हंगामे के बीच प्रस्ताव भी पास कर दिया और जिला प्रमुख ने बैठक समाप्ति की घोषणा कर दी.

जिला परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों की बैठक में हंगामा

दरअसल बुधवार को को नवनिर्वाचित जिला परिषद सदस्यों की पहली साधारण सभा की बैठक हुई. इस बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रस्ताव पर चर्चा की जानी थी. बैठक का समय 11 बजे रखा गया था, लेकिन कोरम पूरा होने में समय लगा और करीब 15 मिनट बाद बैठक शुरू हुई, लेकिन कांग्रेस के उप जिला प्रमुख मोहन डागर मीटिंग में शामिल नही हुए.

जिला परिषद की बैठक, district council meeting
जिला कलेक्टर के सामने ही हंगामा शुरु

बैठक में शामिल हुए अन्य कांग्रेस के सदस्य भी हस्ताक्षर कर नीचे चले गए. आधे घंटे बाद करीब 11:40 पर कांग्रेस के सभी सदस्य एक साथ साधारण सभा की बैठक में पहुंचे और जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा से शिकायत की कि हमेशा से ही उप जिला प्रमुख की कुर्सी मंच पर अन्य अधिकारियों और जिला प्रमुख के साथ लगती आई है. इसका भाजपा के सदस्यों ने विरोध किया. इस बात को लेकर हंगामा शुरू हो गया.

जिला परिषद की बैठक, district council meeting
मुख्य कार्यकारी अधिकारी से छीना गया माइक

कांग्रेस और भाजपा के सदस्य मंच के पास पहुंच गए और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू कर दिया. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूजा पार्थ ने भी सदस्यों को समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन वे नाकाम रहे. भाजपा विधायक रामलाल शर्मा भी बैठक में पहुंचे, लेकिन कुछ देर बाद वहां से रवाना हो गए. हंगामा बढ़ने पर भाजपा सदस्यों ने जिला परिषद को नाथी का बाड़ा नहीं बनने देने के नारे भी लगाएं.

मुख्य कार्यकारी अधिकारी का माइक छीना

बैठक में हंगामे के दौरान जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूजा पार्थ का माइक भी एक कांग्रेस सदस्य ने छीन लिया. इस पर वह गुस्सा हो गईं. जिला परिषद सीईओ ने इसका विरोध किया. हंगामे के दौरान पूजा पार्थ ने सदस्यों को समझाने की कोशिश भी की. इस दौरान कांग्रेस के एक सदस्य ने उनका माइक छीन लिया और जिला परिषद सीईओ ने इसका विरोध किया. कांग्रेस के सदस्य उनके माइक के जरिए अपनी बात कहते रहे इस पर जिला परिषद सीईओ पूजा पार्थ नाराज होकर बैठक से बाहर चली गई.

नाराज होकर निकले जिला कलेक्टर

मंच के पास जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा के पास पहुंचे कांग्रेस और भाजपा के सदस्यों ने अपनी-अपनी बात रखी. जिला कलेक्टर ने सभी सदस्यों को समझाने का प्रयास भी किया और उन्होंने कहा कि जो भी नियम होंगे उसके अनुसार ही बैठक आयोजित की जाएगी. यदि कोई परंपरा सालों से चली आ रही है तो उसे भी मानने से कोई हर्ज नहीं है. इसके बावजूद भी कांग्रेस और भाजपा के सदस्य हंगामा करते रहे और इसके बाद जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा नाराज होकर बैठक से बाहर चले गए.

कांग्रेस का एक सदस्य चढ़ा मंच पर

हंगामे के दौरान कांग्रेस का एक सदस्य मंच पर चढ़ गया और अन्य सदस्यों से बात करने लगा. इसका भाजपा के सदस्यों ने नाराजगी जताई और कहा कि यह सदस्य बिना किसी अनुमति के मंच पर कैसे चल गए. विरोध के बाद कांग्रेस का सदस्य मंच से नीचे आ गया.

जिला प्रमुख की दो टूक

हंगामे के बीच भाजपा की जिला प्रमुख रमा देवी चोपड़ा ने एजेंडा पास करने का अनुमोदन पारित कर दिया और मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि यदि नियमों में होगा तो ही उप जिला प्रमुख मंच पर बैठेंगे नहीं, तो उन्हें अन्य सदस्यों के साथ मंच के सामने ही बैठना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि एक तो कांग्रेस सदस्य समय पर नहीं आए और जब देरी से आए तो उन्होंने कुर्सी को लेकर हंगामा कर दिया. कलेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नाराजगी को लेकर जिला प्रमुख रमा देवी चोपड़ा ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों का रवैया गलत था वे केवल लड़ने के लिए ही आए थे, वह विकास पर चर्चा नहीं करना चाहते. कांग्रेस के सदस्य कुर्सियों के लिए ही लड़ते हैं.

उप जिला प्रमुख ने कहा, जिला प्रमुख का ध्यान सेल्फ डेवलपमेंट पर

उप जिला प्रमुख कांग्रेस के मोहन डागर ने हंगामे से साफ इंकार करते हुए कहा कि कांग्रेस के सदस्य सदन को व्यवस्था के अनुसार चलाने की बात कह रहे थे. उन्होंने कहा कि भाजपा के सदस्य अनर्गल आरोप लगाते हैं. जब पिछली बार भाजपा के जिला प्रमुख और उप जिला प्रमुख थे उस समय भी हमने विकास के मुद्दों पर अपनी सहमति दी थी. इस तरह की बात हमने कभी नहीं की. सदन को बड़े अनुशासन के साथ चलाया गया.

पढ़ेंः भूमि संरक्षण के लिए प्रो. श्यामसुंदर ज्याणी हुए संयुक्त राष्ट्र के पुरस्कार से सम्मानित, वन मंत्री सुखराम बिश्नोई ने दी बधाई

डागर ने कहा कि जिला परिषद सदस्य ही सालों से चली आ रही परंपरा बनाते हैं और आगे भी इसी तरह से परंपरा बनाते रहेंगे. 15 साल से यह परंपरा रही है कि उप जिला प्रमुख की कुर्सी मंच पर लगती आ रही है और कांग्रेस के सदस्य भी यही चाहते हैं कि जो परंपरा चली आ रही है वही बनी रहे. इसमें जिद जैसी कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य अति उत्साह में आ गए और वे परंपरा तोड़ने की बात कर रहे थे. उन्होंने ही सदन नहीं चलने दिया. वे एक दिन में ही परंपरा तोड़ना चाहते है.

भाजपा की अनर्गल आरोप लगाने की परंपरा रही है और झूठ बोलकर ही सत्ता में आए हैं. मोहन डागर ने कहा कि जिला प्रमुख को विकास से कोई मतलब नहीं है यदि उन्हें विकास ही करना होता तो वह कांग्रेस से ही जिला प्रमुख बन जाती. उन्होंने कहा कि केवल सेल्फ डेवलपमेंट की तरफ उनका ध्यान है. आगे हमारी यही सोच रहेगी कि हम मिलजुल कर सदन को चलाएं.

Last Updated : Sep 29, 2021, 4:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.