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किसान आंदोलन का समर्थन करें, लेकिन राजनीति नहीं करें : अश्क अली टाक

अलग-अलग राज्यों से किसान दिल्ली की ओर कदम बढ़ा रहा है. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अश्क अली टाक ने कहा कि राजनीतिक पार्ट किसान आंदोलन का समर्थन करें, लेकिन इस पर राजनीति नहीं करें...

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कांग्रेस नेता अश्क अली टाक ने कहा कि किसान आंदोलन पर राजनीति नहीं करें
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Published : Dec 4, 2020, 9:45 PM IST

जयपुर. देशभर में किसान आंदोलन का बिगलु बज चुका है. अलग-अलग राज्यों से किसान दिल्ली की ओर कदम बढ़ा रहा है. इस बीच किसान आंदोलन को कांग्रेस नेताओं ने समर्थन करते हुए कहा कि किसान यूनियन के कहे अनुसार हम किसानों की मांग पर राजनीति छाप नहीं लगाना चाहते हैं.

कांग्रेस नेता अश्क अली टाक ने कहा कि किसान आंदोलन पर राजनीति नहीं करें

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद अश्क अली टाक ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने वो किया जो राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने रोक दिया है. पंजाब के बाद राजस्थान दूसरा राज्य है, जिन्होंने बिलों को रोकने के लिए कानून बनाया है, लेकिन राज्यपाल ने रोक दिया है. राजस्थान पहला ऐसा राज्य है, जहां के महामहिम राज्यपाल ने विधानसभा से पारित किए हुए बिल रोक दिए हैं.

यह भी पढ़ें- विभागीय जिम्मेदारों की लापरवाही से ही बिगड़ी हुई है बालिका और बाल संप्रेक्षण गृह की व्यवस्थाएं : गंगाराम पराशर

उन्होंने कहा कि तीनों बिलों को वापस लेने की मांग राजस्थान के किसानों और कांग्रेस सहित तमाम पार्टियों ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया और उस विरोध को विधानसभा का सत्र बुलाकर आहूत करके बिल को पास किया है. जहां भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर किसी ने भी राज्य विधानसभा में हुए बिल का विरोध नहीं किया और आज भी यही हो रहा है.

जयपुर. देशभर में किसान आंदोलन का बिगलु बज चुका है. अलग-अलग राज्यों से किसान दिल्ली की ओर कदम बढ़ा रहा है. इस बीच किसान आंदोलन को कांग्रेस नेताओं ने समर्थन करते हुए कहा कि किसान यूनियन के कहे अनुसार हम किसानों की मांग पर राजनीति छाप नहीं लगाना चाहते हैं.

कांग्रेस नेता अश्क अली टाक ने कहा कि किसान आंदोलन पर राजनीति नहीं करें

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद अश्क अली टाक ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने वो किया जो राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने रोक दिया है. पंजाब के बाद राजस्थान दूसरा राज्य है, जिन्होंने बिलों को रोकने के लिए कानून बनाया है, लेकिन राज्यपाल ने रोक दिया है. राजस्थान पहला ऐसा राज्य है, जहां के महामहिम राज्यपाल ने विधानसभा से पारित किए हुए बिल रोक दिए हैं.

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उन्होंने कहा कि तीनों बिलों को वापस लेने की मांग राजस्थान के किसानों और कांग्रेस सहित तमाम पार्टियों ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया और उस विरोध को विधानसभा का सत्र बुलाकर आहूत करके बिल को पास किया है. जहां भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर किसी ने भी राज्य विधानसभा में हुए बिल का विरोध नहीं किया और आज भी यही हो रहा है.

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