जयपुर. प्रदेश के 20 जिलों के 90 निकाय प्रमुखों के चुनाव परिणाम में एक बार फिर सत्तारूढ़ कांग्रेस का हाथ मजबूत हुआ है. आरएलपी और एनसीपी ने भी बतौर निकाय प्रमुख राजस्थान अपना खाता खोला है.
90 में से 48 निकायों में कांग्रेस के प्रमुख जीते हैं. जबकि 37 पर बीजेपी की जीत हुई है. 3 निकायों में निर्दलीय, 1 पर एनसीपी और 1 पर आरएलपी का निकाय प्रमुख जीता है. हालांकि इनमें से 3 निकायों में प्रमुख पहले ही सर्वसम्मति से घोषित कर दिए गए थे. बचे हुए 87 निकायों में आज निकाय प्रमुख चुनाव हुए जिसका परिणाम सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए सुखद माना जा सकता है.
यह है चुनाव परिणाम
- कुल 90 निकाय
- कांग्रेस -48
- बीजेपी -37
- निर्दलीय -3
- आरएलपी -1
- एनसीपी -1
नगर निगम और नगर परिषद पर इनका कब्जा
चुनाव परिणाम बताते हैं कि अजमेर नगर निगम में भाजपा का कब्जा रहा. जबकि 9 नगर परिषदों में से 5 में बीजेपी ने अपना कमल खिलाया. इनमें किशनगढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, डूंगरपुर और झालावाड़ नगर परिषद शामिल हैं.
3 नगर परिषद में कांग्रेस का निकाय प्रमुख बना. इनमें बूंदी, सुजानगढ़ और राजसमंद नगर परिषद शामिल हैं. इसी तरह नागौर नगर परिषद में निर्दलीय निकाय प्रमुख बना है. लेकिन यहां निकाय प्रमुख बीजेपी के समर्थन से बनाया गया है.
19 निकायों में था कांग्रेस को पूर्ण बहुमत, लेकिन 48 में बनाए निकाय प्रमुख
पिछले दिनों हुए इन्हीं निकायों में वार्ड पार्षद के चुनाव परिणाम में कांग्रेस को 19 निकायों में पूर्ण बहुमत मिला था. जबकि बीजेपी को 24 निकायों में पूर्ण बहुमत मिला था. अब जब निकाय प्रमुख के चुनाव परिणाम भी सबके सामने हैं.
तो कांग्रेस ने बहुमत के अलावा 29 अन्य निकायों में भी अपने प्रमुख बना लिया. हालांकि इसके लिए 29 निकायों में कांग्रेस को निर्दलीयों का सहारा लेना पड़ा. जिस में सत्तारूढ़ कांग्रेस में बीजेपी की तुलना में बाजी मार ली.
बीजेपी को 24 निकायों में मिला था पूर्ण बहुमत, लेकिन 30 निकाय प्रमुख बनाए
विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी भले ही इन चुनाव में 90 में से महज से 37 निकायों में ही अपना बोर्ड और प्रमुख बना पाई हो. लेकिन वार्ड पार्षद के चुनाव परिणाम के दौरान बीजेपी को केवल 24 निकायों में ही पार्षदों के लिहाज से पूर्ण बहुमत मिला था.
मतलब भाजपा ने इसके अतिरिक्त 13 अन्य निकायों में भी अपने निकाय प्रमुख बनाने में सफलता हासिल कर ली है. बीजेपी ने एक नगर निगम पांच नगर परिषद और 31 नगर पालिकाओं में अपने प्रमुख और बोर्ड बनाए हैं. नागौर नगर परिषद में भले ही निकाय प्रमुख निर्दलीय बना हो, लेकिन वो बीजेपी के समर्थन से ही बनाया गया है.
पिछले चुनाव की तुलना में बीजेपी पिछड़ी, कांग्रेस को मिली बढ़त
इन्हीं 90 निकायों में पिछले बार हुए चुनाव की यदि बात की जाए, तो उसके परिणाम बताते हैं कि बीजेपी इस बार काफी पिछड़ गई है. क्योंकि पिछले चुनाव में 90 में से 60 निकायों में भाजपा का कब्जा था. जबकि 25 निकायों में कांग्रेस का और 5 निकायों में निर्दलीयों का कब्जा था.
अब चुनाव परिणाम सामने आए हैं तो बीजेपी को 37 निकायों में ही संतोष करना पड़ा. मतलब बीजेपी के हाथ से 23 निकाय इस चुनाव में निकल गए. कांग्रेस के हाथ में पिछले निकायों की तुलना में 23 निकाय अधिक आए हैं.
इन निकायों में बीजेपी का बोर्ड
अजमेर, बिजयनगर,किशनगढ़, कुशलगढ़, आसींद, भीलवाड़ा, जहाजपुर, मांडलगढ़, शाहपुरा, श्रीडूंगरगढ़, कपासन, बीदासर, छापर, रतननगर, डूंगरपुर, पोकरण, झालावाड़, पिड़ावा, झालरापटन, सूरजगढ़, बग्गड़, नावां, परबरसर, बाली, फालना, जैतारण, रानीखुर्द, सादड़ी, सोजत सिटी, तख्तगढ़, प्रतापगढ़, देवगढ़, श्रीमाधोपुर, निवाई, मालपुरा, टोडारायसिंह, फतेहनगर.
इन निकायों में कांग्रेस अध्यक्ष
केकड़ी, सरवाड़, गुलाबपुरा, देशनोक, बूंदी, लाखेरी, केशोरायपाटन, नैंनवा, कापरेन, इंद्रगढ़, बड़ी सादड़ी, बेगूं, राजलदेसर, रतनगढ़, सरदारशहर, तारानगर, सुजानगढ़, सागवाड़ा, संगरिया, पीलीबंगा, रावतसर, नोहर, भादरा, सांचौर, अकलेरा, भवानीमंडी, खेतड़ी, मंडावा, उदयपुरवाटी, मुकुंदगढ़, नवलगढ़, चिड़ावा, डेगाना, कुचामनसिटी, कुचेरा, लाडनूं, मेड़ता सिटी, छोटी सादड़ी, राजसमंद, फतेहपुर शेखावाटी, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़ शेखावाटी, खंडेला, रींगस, लोसल, देवली, उनियारा, सलूम्बर.
नोखा में एनसीपी, मूंडवा में आरएलपी, नागौर में निर्दलीय, भींडर में निर्दलीय और गंगापुर में निर्दलीय की जीत हुई.