जयपुर. महाराष्ट्र की सत्ता का सिंहासन सज किसी और के लिए रहा था, और उस पर बैठ कोई और रहा है. रातों रात हुई इस उठापटक के बाद शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस सीएम बन गए, और एनसीपी से बागी हुए अजित पवार डिप्टी सीएम बन बैठे. महाराष्ट्र में हुए इस बड़े फेरबदल ने सभी राजनीतिक दलों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
वहीं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस इसे लोकतंत्र की हत्या बता रही है. प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या किसे कहते हैं, यह महाराष्ट्र में देखने को मिल गया है. 1952 से लेकर अब तक कभी ऐसा नहीं हुआ, कि 10 घंटे के अंदर रातों-रात राष्ट्रपति शासन भी हट गया हो और शपथ भी ले ली गई हो. धारीवाल ने सरकार बनने के ऊपर से नीचे तक हर बिंदु की अवहेलना होने की बात कही.
उधर, प्रदेश के सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि महाराष्ट्र में जो सरकार बनी है, वह अलोकतांत्रिक सरकार है. जिस तरह से कानून को ताक पर रखकर दादागिरी अंदाज में सरकार बनाई गई है, पूरा देश इसकी भर्त्सना कर रहा है.
उन्होंने कोर्ट से अपेक्षा रखते हुए कहा कि फिलहाल सुनवाई चल रही है, देश का कानून बिना किसी दबाव में आए उचित निर्णय लेगा और जो निर्णय महाराष्ट्र के राज्यपाल ने लिया है, इसे रद्द करते हुए वहां लोकतांत्रिक, बहुमत वाली, स्थाई सरकार बनेगी.
इस दौरान कांग्रेस के साथ साथ शिवसेना के विधायकों की जयपुर में बाड़ाबंदी किए जाने के सवाल पर महेश जोशी ने कहा कि, राजस्थान में कानून का राज है, ऐसे में महाराष्ट्र के कांग्रेस और दूसरे राजनीतिक दलों के विधायकों का राजस्थान में स्वागत है.
बहरहाल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जनादेश मिलने के एक महीने बाद तक किसी ने उम्मीद नहीं की होगी कि महाराष्ट्र की राजनीति इस तरह से करवट लेगी. लेकिन, जिस तरह से महाराष्ट्र में सरकार बनी है उसके बाद से कांग्रेस और शिवसेना को अपने विधायकों के बागी होने का भी डर सता रहा है.