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Confusion Over Jansunvai: उलझन में गहलोत के मंत्री, कहां लगायें हाजिरी CM या फिर जनता दरबार!

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Published : Dec 14, 2021, 8:42 AM IST

Updated : Dec 14, 2021, 9:35 AM IST

प्रदेश की गहलोत सरकार के मंत्री उलझन (Confusion of Ashok Gehlot Ministers) में है . एक तरफ तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot Convenes Meeting On 15 December) ने बुधवार को सुबह 11:30 कैबिनेट और 12:15 पर मंत्री परिषद की बैठक बुलाई है . वहीं दूसरी ओर बुधवार से ही करीब पौने दो साल बाद 11 बजे से 2 बजे तक पीसीसी में मंत्रियों को जन सुनवाई करनी है , ऐसे में अब मंत्री जनसुनवाई करें या कैबिनेट में शामिल हो इसी को लेकर उलझन में हैं .

Confusion Over Jansunvai
उलझन में गहलोत के मंत्री

जयपुर: करीब 21 महीने बाद बुधवार से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (State Congress Office) में फिर से मंत्री दरबार (Mantri Darbar In Rajasthan) लगेगा, सप्ताह के शुरुआती तीन दिन मंत्री और पीसीसी पदाधिकारियों (PCC Office Bearers In Jan Sunvai) को आम लोगों की जन सुनवाई करने की जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन अब मंत्री इस उलझन में हैं (Confusion of Ashok Gehlot Ministers) कि बुधवार को ही गहलोत कैबिनेट (Gehlot Cabinet Meet) और मंत्रिपरिषद की भी बैठक है. ऐसे में करें तो करें क्या? हाजिरी कहां लगायें?

तीन या दो मंत्रियों का है रोस्टर
पिछली बार हुई कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए थे. स्पष्ट आदेश था कि वो सोमवार से बुधवार तक जयपुर में ही रहेंगे और रोस्टर के हिसाब से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (State Congress Office) में आम जनता की जनसुनवाई (PCC Office Bearers In Jansunvai) करेंगे. सप्ताह के पहले तीन दिन दो या तीन मंत्रियों का समूह पीसीसी पदाधिकारी के साथ जन सुनवाई करेगा. चूंकि सीएम ने अपनी सरकार की तीसरी वर्षगांठ को लेकर अहम बैठक बुलाई है और वहां भी उपस्थिति जरूरी है. ऐसे में अब ये जनसुनवाई बैठक की भेंट चढ़ती दिख रही है. एक ही समय में दो जगह मौजूदगी को लेकर सारा Confusion है.

पढ़ें- PCC Releases Jansunwai Roster : 15 दिसम्बर से गहलोत के मंत्री देंगे जनता को टाइम, हफ्ते के 3 दिन तय

आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए लगेगा मंत्री दरबार

आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए सोमवार , मंगलवार और बुधवार को यह मंत्री दरबार लगाना तय किया गया था. इसमें प्रदेश भर से आम व्यक्ति अपनी किसी भी तरह की समस्या को लेकर अपनी गुहार लगा सकता है . इस दरबार में मंत्री आमजन की समस्या के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को चिट्ठी लिखेंगे. जिसकी एक रिपोर्ट भी तैयार होगी. कितने लोग जन सुनवाई में आए , कितने लोगों की समस्याओं का समाधान हुआ इन सब की रिपोर्ट बनेगी, ऐसा कहा गया था.

गौरतलब है कि, अक्टूबर 2019 में जनसुनवाई की शुरुआत करने वाले मंत्री बीडी कल्ला (Minister BD Kalla) ही इस बार भी जनसुनवाई की शुरुआत करेंगे. रोस्टर जारी कर मंत्रियों को इस बाबत निर्देश दिया गया था. रोस्टर के मुताबिक जन सुनवाई सोमवार से बुधवार तक सुबह 11:00 बजे से 2:00 बजे तक होगी. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से रोस्टर जारी किया है वह 15 दिसंबर से 11 जनवरी तक का रोस्टर है, जो आगे भी इसी तरीके से जारी रहेगा. रोस्टर के अनुसार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जनसुनवाई (Public Hearing in Rajasthan PCC) के लिए एक मंत्री का जनसुनवाई के लिए महीने में एक बार प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में नंबर आएगा.

बुधवार 15 दिसंबर का कार्यक्रम

मंत्री बीडी कल्ला और सुखराम बिश्नोई जन सुनवाई करेंगे. उनके साथ प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष हरिमोहन शर्मा और सचिव देशराज मीणा जनसुनवाई में मौजूद रहेंगे.

पढ़ें- Politics on Hindutva : हिन्दुत्ववादी के मायने सियासी या मजहबी...जयपुर में 'राहुल राग' की क्या होगी राह ?

सचिन पायलट के काल में जनसुनवाई

राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय पर तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने मंत्रियों की जनसुनवाई शुरू की थी. 7 अक्टूबर 2019 को शुरू हुई प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय (PCC) पर जनसुनवाई मार्च 2020 तक ही चल सकी. मार्च 2020 में कोरोना (Break On JanSunvai Due To Covid ) वायरस के प्रसार के चलते जनसुनवाई को बंद करना पड़ा. उसके बाद जुलाई महीने में गहलोत और पायलट की उठापटक चलते मंत्रियों की जनसुनवाई बंद हो गई. अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा फिर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बात सीधे सरकार तक पहुंचे. इसे ध्यान में रखते हुए कार्यालय में जनसुनवाई कार्यक्रम का पूरा फॉर्मूला तय किया.

फॉर्मूला बदला, लेकिन नहीं मिली सफलता

राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर लगने वाले मंत्री दरबार को लेकर शिकायत यह रहती थी ,कि इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ता को राजस्थान के अलग-अलग जगह से जयपुर आना पड़ता था. इसके चलते कांग्रेस पार्टी ने पहले यह विचार किया था कि मंत्री जब जिलों में जाएंगे तो वह जिला कांग्रेस कार्यालय में बैठकर जनसुनवाई करेंगे. जिससे कि कार्यकर्ता को जयपुर नहीं आना पड़े. लेकिन इस फार्मूले को कोई खास सफलता नहीं मिली. मंत्रियों की जनसुनवाई जिलों में नहीं हो सकी. ऐसे में अब एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) चाहते हैं की जनसुनवाई प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ही हो, ताकि किस शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई. इसके बारे में प्रदेश कांग्रेस को पता रहे. खुद प्रदेश कांग्रेस भी कांग्रेस कार्यालय में आई शिकायतों के निवारण का पत्र मंत्रियों तक भेज सकें.

जयपुर: करीब 21 महीने बाद बुधवार से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (State Congress Office) में फिर से मंत्री दरबार (Mantri Darbar In Rajasthan) लगेगा, सप्ताह के शुरुआती तीन दिन मंत्री और पीसीसी पदाधिकारियों (PCC Office Bearers In Jan Sunvai) को आम लोगों की जन सुनवाई करने की जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन अब मंत्री इस उलझन में हैं (Confusion of Ashok Gehlot Ministers) कि बुधवार को ही गहलोत कैबिनेट (Gehlot Cabinet Meet) और मंत्रिपरिषद की भी बैठक है. ऐसे में करें तो करें क्या? हाजिरी कहां लगायें?

तीन या दो मंत्रियों का है रोस्टर
पिछली बार हुई कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए थे. स्पष्ट आदेश था कि वो सोमवार से बुधवार तक जयपुर में ही रहेंगे और रोस्टर के हिसाब से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (State Congress Office) में आम जनता की जनसुनवाई (PCC Office Bearers In Jansunvai) करेंगे. सप्ताह के पहले तीन दिन दो या तीन मंत्रियों का समूह पीसीसी पदाधिकारी के साथ जन सुनवाई करेगा. चूंकि सीएम ने अपनी सरकार की तीसरी वर्षगांठ को लेकर अहम बैठक बुलाई है और वहां भी उपस्थिति जरूरी है. ऐसे में अब ये जनसुनवाई बैठक की भेंट चढ़ती दिख रही है. एक ही समय में दो जगह मौजूदगी को लेकर सारा Confusion है.

पढ़ें- PCC Releases Jansunwai Roster : 15 दिसम्बर से गहलोत के मंत्री देंगे जनता को टाइम, हफ्ते के 3 दिन तय

आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए लगेगा मंत्री दरबार

आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए सोमवार , मंगलवार और बुधवार को यह मंत्री दरबार लगाना तय किया गया था. इसमें प्रदेश भर से आम व्यक्ति अपनी किसी भी तरह की समस्या को लेकर अपनी गुहार लगा सकता है . इस दरबार में मंत्री आमजन की समस्या के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों को चिट्ठी लिखेंगे. जिसकी एक रिपोर्ट भी तैयार होगी. कितने लोग जन सुनवाई में आए , कितने लोगों की समस्याओं का समाधान हुआ इन सब की रिपोर्ट बनेगी, ऐसा कहा गया था.

गौरतलब है कि, अक्टूबर 2019 में जनसुनवाई की शुरुआत करने वाले मंत्री बीडी कल्ला (Minister BD Kalla) ही इस बार भी जनसुनवाई की शुरुआत करेंगे. रोस्टर जारी कर मंत्रियों को इस बाबत निर्देश दिया गया था. रोस्टर के मुताबिक जन सुनवाई सोमवार से बुधवार तक सुबह 11:00 बजे से 2:00 बजे तक होगी. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से रोस्टर जारी किया है वह 15 दिसंबर से 11 जनवरी तक का रोस्टर है, जो आगे भी इसी तरीके से जारी रहेगा. रोस्टर के अनुसार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जनसुनवाई (Public Hearing in Rajasthan PCC) के लिए एक मंत्री का जनसुनवाई के लिए महीने में एक बार प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में नंबर आएगा.

बुधवार 15 दिसंबर का कार्यक्रम

मंत्री बीडी कल्ला और सुखराम बिश्नोई जन सुनवाई करेंगे. उनके साथ प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष हरिमोहन शर्मा और सचिव देशराज मीणा जनसुनवाई में मौजूद रहेंगे.

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सचिन पायलट के काल में जनसुनवाई

राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय पर तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने मंत्रियों की जनसुनवाई शुरू की थी. 7 अक्टूबर 2019 को शुरू हुई प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय (PCC) पर जनसुनवाई मार्च 2020 तक ही चल सकी. मार्च 2020 में कोरोना (Break On JanSunvai Due To Covid ) वायरस के प्रसार के चलते जनसुनवाई को बंद करना पड़ा. उसके बाद जुलाई महीने में गहलोत और पायलट की उठापटक चलते मंत्रियों की जनसुनवाई बंद हो गई. अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा फिर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बात सीधे सरकार तक पहुंचे. इसे ध्यान में रखते हुए कार्यालय में जनसुनवाई कार्यक्रम का पूरा फॉर्मूला तय किया.

फॉर्मूला बदला, लेकिन नहीं मिली सफलता

राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर लगने वाले मंत्री दरबार को लेकर शिकायत यह रहती थी ,कि इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ता को राजस्थान के अलग-अलग जगह से जयपुर आना पड़ता था. इसके चलते कांग्रेस पार्टी ने पहले यह विचार किया था कि मंत्री जब जिलों में जाएंगे तो वह जिला कांग्रेस कार्यालय में बैठकर जनसुनवाई करेंगे. जिससे कि कार्यकर्ता को जयपुर नहीं आना पड़े. लेकिन इस फार्मूले को कोई खास सफलता नहीं मिली. मंत्रियों की जनसुनवाई जिलों में नहीं हो सकी. ऐसे में अब एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) चाहते हैं की जनसुनवाई प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ही हो, ताकि किस शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई. इसके बारे में प्रदेश कांग्रेस को पता रहे. खुद प्रदेश कांग्रेस भी कांग्रेस कार्यालय में आई शिकायतों के निवारण का पत्र मंत्रियों तक भेज सकें.

Last Updated : Dec 14, 2021, 9:35 AM IST
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