जयपुर. बापू के शहीद दिवस पर गुरुवार को उद्योग विभाग और सीआईआई के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय 'खादी के वैश्वीकरण' पर से सम्मेलन का आयोजन ओटीएस सभागार में किया जा रहा है. इस सम्मेलन का उद्धघाटन सीएम अशोक गहलोत ने किया.
सम्मेलन में उद्योग मंत्री प्रसादी लाल मीणा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे. वहीं कार्यक्रम में 8 देशों सहित देशभर के खादी विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया, जो दो दिन तक खादी पर मंथन करेंगे. गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के 70 साल में पहली बार खादी पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हो रहा है.
खादी को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई संस्थाएं काम कर रही है और इन संस्थाओं ने गांव-गांव में रोजगार दिया है. लेकिन, नई पीढ़ी को संस्थाओं से जोड़ना होगा, अगर नई पीढ़ी खादी में शामिल नहीं होगी तो खादी का प्रचार प्रसार सम्भव नहीं है.
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गहलोत ने कहा कि खादी में अलग अलग फैशन आ गया है और मैं भी 40 साल से खादी पहन रहा हूं. गहलोत ने कहा कि खादी धर्म जाती से बढ़कर काम कर रही है. सीएम ने कहा कि खादी का उपयोग जितना बढेगा उतना गांधी जी को लेकर संदेश लोगों तक जाएगा.
गहलोत ने कहा कि इन दो दिवसीय सम्मेलन में जो भी सुझाव आएंगे, उसपर राज्य सरकार काम करने का प्रयास करेगी. बुनकरों की कमी पर गहलोत ने कहा कि आप योजना बनाए ताकि उनपर काम किया जाए. मंत्री प्रसादी लाल मीणा ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि बुनकरों की संख्या बहुत कम हो चुकी है, इसको जोड़ने का काम करना होगा.
वहीं लोगों को अंबर चरखी का प्रशिक्षण देना चाहिए ताकि 500 अंबर चरखी चलाने वाले लोगों की संख्या 5 हजार तक पहुंच सके. गांवों में आज भी महिलाओं में रोजगार की कमी है, महिलाएं नरेगा तक नहीं पहुंच पा रही है, अगर महिलाओं को अंबर चरखे का प्रशिक्षण दिया जाएगा तो वे रोजगार की दिशा में आगे बढ़ेगी.
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उधर, उद्योग विभाग के एसीएस सुबोध अग्रवाल ने कहा प्रदेश में खादी भंडार में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है, जो 28 फरवरी तक रहेगी. अग्रवाल ने बताया कि 50 प्रतिशत छूट से स्थानीय उत्पादन का लगभग सामान बिक चुका है. वहीं अब तक खादी का 2 से 4 करोड़ का अनुदान ही हुआ करता था, लेकिन 50 प्रतिशत छूट से दिसंबर तक 17.5 करोड़ का अनुदान हुआ है और जनवरी- फरवरी तक 30 से 35 करोड़ का अनुदान होने की उम्मीद है.
अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने बजट में रिवॉल्विंग फण्ड की राशि को 3 से 10 करोड़ कर दिया था और इस राशि का क्रियान्वयन विभाग द्वारा किया जा रहा है. विभाग अब तक खादी को लेकर 3 राज्य स्तरीय, एक राष्ट्रीय और एक अंतरष्ट्रीय स्तर पर सेमिनार, वर्कशॉप कर चुका है. सरकार अब निचले स्तर तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है.