जयपुर. ग्रेटर नगर निगम की विभिन्न समितियों के चेयरमैन ने मंगलवार को कार्यभार संभाला. बसंत पंचमी के दिन को शुभ मानते हुए चेयरमैन मुहूर्त अनुसार कुर्सी पर बैठे. इस दौरान बीजेपी के कई दिग्गज नेता भी शुभकामनाएं देने पहुंचे. हालांकि निगम के गलियारों में लाइसेंस और फायर समिति में बदले गए समिति सदस्यों के नाम भी चर्चा का विषय रहे.
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ग्रेटर नगर निगम में 17 समितियों के 21 चेयरमैन बनाए गए हैं. इनमें से वित्त समिति अध्यक्ष शील धाबाई, भवन अनुज्ञा एवं संकर्म समिति अध्यक्ष जितेंद्र श्रीमाली, लाइसेंस समिति के अध्यक्ष रमेश सैनी, लोक वाहन समिति के अध्यक्ष विनोद चौधरी और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन समिति की अध्यक्ष अर्चना शर्मा, महिला एवं बाल विकास समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी शर्मा ने बसंत पंचमी के मौके पर पदभार ग्रहण किया. इस दौरान जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, विधायक कालीचरण सराफ सहित बीजेपी के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि पार्षदों ने चेयरमैन की कुर्सी संभाली है. उन्हें शुभकामनाओं के साथ-साथ आग्रह है कि उनकी कुर्सी से जनता को जो उम्मीद है वैसा काम कर ग्रेटर नगर निगम को नए आयाम दें. वहीं सराफ ने कहा कि नगर निगम बोर्ड बैठक के बाद अब बसंत पंचमी के मौके पर ग्रेटर नगर निगम के समिति चेयरमैन ने आज कार्यभार ग्रहण किया. निश्चित रूप से नगर निगम के काम अब गति पकड़ेंगे.
उधर, ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट भी सभी नवनियुक्त चेयरमैन को शुभकामनाएं देने उनके कक्ष में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जयपुर ग्रेटर की सशक्त टीम निगम के माध्यम से जनता के काम करने के लिए तैयार है. वहीं कुछ समितियों में सदस्यों के नाम बदले जाने को उपमहापौर ने एजेंडा में लिपिकीय त्रुटि बताते हुए उसे शुद्ध किया जाना बताया.
पूर्व मेयर और वित्त समिति के चेयरमैन शील धाबाई ने कहा कि वित्त समिति एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है और इसमें चुनौतियां भी हैं. सरकार कांग्रेस की है, लेकिन पहले भी गहलोत सरकार के कार्यकाल में वो निगम में काम कर चुकी हैं. उस दौरान भी राज्य सरकार से सहयोग मिला था. इस बार भी राज्य सरकार से आग्रह है कि निगम के सफल संचालन में सपोर्ट करें. जबकि बीपीसी समिति के जितेंद्र श्रीमाली ने बताया कि बीजेपी संगठन के विभिन्न पदों पर रहकर जो अनुभव प्राप्त किया. उस आधार पर ये प्रयास रहेगा कि भवन निर्माण समिति के माध्यम से शहर में भ्रष्टाचार की व्यवस्था को खत्म कर शासन चलाया जाएगा.
इसके अलावा महापौर ने सात और समितियां बनाने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है. लेकिन फिलहाल लाइसेंस और फायर समिति में बदले गए समिति सदस्य के नाम चर्चा का विषय बने हुए हैं.