जयपुर. राजधानी में एक बार फिर से हथियारों के दम पर बदमाश दहशत फैलाने में लगे हुए हैं. फायरिंग की कई वारदातें बीते कुछ दिनों में राजधानी में घटित हुई है. चाहे एनएचएआई के कंसलटेंट की हत्या की वारदात हो, घाटगेट पेट्रोल पंप पर लूट की वारदात हो या सदर थाने के हिस्ट्रीशीटर की हत्या की वारदात हो, इन तमाम वारदातों में बदमाशों ने हथियारों का प्रयोग किया है. जिसे देखते हुए एक बार फिर से कमिश्नरेट स्पेशल टीम अलर्ट हो गई है और अब एक नई रणनीति के तहत बदमाशों पर निगरानी रखी जा रही है.
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विशेषकर दूसरे राज्य से जयपुर में आकर हथियारों का इस्तेमाल कर विभिन्न वारदातों को अंजाम देने हैं वाली गैंग में शामिल बदमाशों को चिन्हित करने का काम किया जा रहा है. इसके लिए दूसरे राज्यों की पुलिस से भी लगातार जयपुर पुलिस संपर्क बनाए हुए हैं और बदमाशों की कुंडली को खंगालने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही लोकल गैंग के बदमाशों पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है.
डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बताया की राजधानी जयपुर में जितनी भी गैंग सक्रिय हैं. उन तमाम गैंग में शामिल बदमाशों की जानकारी पुलिस के पास है. ऐसे में बदमाशों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है. गैंग में शामिल ऐसे बदमाश जो काफी लंबे समय से फरार चल रहे हैं और चोरी-छिपे गैंग का संचालन कर रहे हैं उनकी जानकारी जुटाई जा रही है.
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राजधानी में हथियारों के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए पुलिस पहले से ही 'ऑपरेशन आग' का संचालन कर रही है जिसके तहत भी बदमाशों की धरपकड़ की जा रही है. वहीं, जेल में बंद कोई भी बदमाश जमानत पर रिहा होकर बाहर आ रहा है तो उस पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. जमानत पर रिहा होने के बाद कोई भी बदमाश फिर से गैंग का संचालन तो नहीं कर रहा या फिर नई गैंग बनाकर अपराधिक गतिविधियों को अंजाम तो नहीं दे रहा इस पर पुलिस का विशेष फोकस है.