जयपुर. कोरोना से बचाव के लिए व्यक्ति को कुछ सेकंड में सैनिटाइज करने वाली सैनिटाइजेशन टनल शहर भर से हटाई जाएंगी. जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने इसके लिए आदेश जारी किए हैं. कलेक्टर ने कहा कि WHO और केंद्र सरकार की एडवाइजरी के तहत ये निर्णय लिया गया है.
जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम ने सीएमएचओ को पत्र लिखकर सैनिटाइजेशन टनल पर आपत्ति जताई है. जयपुर शहर में विधानसभा, पुलिस थाने, औद्योगिक इकाइयां और कॉलोनियों में पूरी बॉडी को सैनिटाइज करने वाली टनल को लगाया गया है. ये टनल बिना प्रमाणिकता के लगाई गई है. WHO और केंद्र सरकार तक सैनिटाइजेशन टनल को लेकर एडवाइजरी जारी कर चुके हैं. एडवाइजरी में बताया गया है कि यह शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकता है. इसलिए इसका उपयोग अस्पतालों और अन्य संस्थाओं में नहीं किया जाए.
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इस एडवाइजरी में कहा गया है कि इन टनल या चैम्बरों में सोडियम हाइपोक्लोराइट एल्कोहल का छिड़काव किया जाता है. यह शरीर के अंगों और कपड़ों का पूरी तरह से सैनिटाइज नहीं करता. साथ ही इससे हाथ, आंखों में जलन, गले में खराश, स्किन एलर्जी, उल्टी की शिकायत मिल रही है. साथ ही फेफड़ों में नुकसान पहुंचता है. एडवाइजरी के अनुसार इस टनल से लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा होती है. इस टनल से निकलने के बाद लोग स्वयं को सैनिटाइज समझ बैठते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ धोने के प्रोटोकाल की अनदेखी करने लगते हैं. कलेक्टर ने कहा है कि अब इसका उपयोग बिना किसी अनुमति और प्रमाणिकता के अस्पताल और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर नहीं किया जाए.
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आपको बता दें कि जयपुर शहर में कई जगह पर ऐसी सैनिटाइजेशन की टनल लगाई गई है और इसमें से जब व्यक्ति निकलता है तो अलग-अलग जगह से उस पर सैनिटाइज की बौछारें गिरती है और व्यक्ति सैनिटाइज हो जाता है. यहां लोगों की भीड़ जमा हो जाती है और सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना नहीं होती.