जयपुर. प्रदेश में कोयले की कमी के चलते बिजली संकट का सामना कर रहे बिजली उपभोक्ताओं के लिए अब एक राहत भरी खबर (Coal scarcity in Rajasthan) है. राज्य के बिजली घरों में विदेश से कोयला पहुंचाने की जिम्मेदारी अडानी एंटरप्राइजेज को सौपी गई है. पहले फेज में 5.79 लाख मीट्रिक टन कोयला आयात किया जा रहा है, जिसपर करीब 1042 करोड़ रुपए की लागत आएगी.
आम बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा भार: विदेश से कोयला आयात होने से बिजली उत्पादन की लागत 35 पैसे प्रति यूनिट महंगा हो जाएगा. कोयले के महंगे होने का असर बिजली उपभोक्ताओं पर खास तौर पर पड़ेगा. उपभोक्ताओं से यह वसूली संभवतः फ्यूल सरचार्ज के रूप में की जाएगी. बता दें कि पिछले दिनों विदेश से कोयला आयात करने के निर्देश केंद्र ने ही राज्यों सरकार को (Coal will come to Rajasthan by importing ) दिए थे. विद्युत और कोयला मंत्रालय का आदेश है कि राज्य अपने स्तर पर 10 प्रतिशत तक कोयला आयात करें. साथ ही आयातीत कोयले को कोल इंडिया की कंपनियों से मिलने वाले कोयले में मिलाएं. इससे कम कोयले में ज्यादा बिजली का उत्पादन हो सकेगा, जिसके बाद अब राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने इस दिशा को एक कदम और आगे बढ़ाया है.
इंडोनेशिया से आएगा कोयला, 18 हजार रुपये प्रति टन की लागत: राजस्थान में विदेश से आयात होने वाला कोयला इंडोनेशिया से लाया जाएगा. इस पर 18,000 रुपए प्रति टन की लागत आएगी. लेकिन कंपनी जो विदेश से कोयला लेगी, उसकी बिलिंग अलग हो सकती है. यह लागत इंडोनेशिया से प्रदेश के बिजली घर तक कोयला पहुंचाने तक की रहेगी. बता दें कि पिछले दिनों कोयले की आयात के लिए टेंडर निकाले गए थे, जिसमें दो फर्म शामिल हुई थी. लेकिन एक फॉर्म ने संबंधित दस्तावेज जमा नहीं करवाए, इसी चलते अडानी एंटरप्राइजेज को यह काम (Adani will bring coal for power plants in Rajasthan) मिला.
5 किस्तों में आएगा कोयला: राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आरके शर्मा ने बताया कि इंपोर्ट होने वाला कोयला प्रदेश के छबड़ा थर्मल और सूरतगढ़ थर्मल कोटा थर्मल प्लांट में आएगा. प्रदेश के बिजली घरों में इसकी सप्लाई अगले महीने यानि जून से शुरू होगा. जून में 75000 टन कोयला आयात किया जाएगा. जबकि जुलाई और अगस्त में 1.15 लाख टन कोयला आएगा. इसी तरह सितंबर में 1.29 लाख टन और अक्टूबर में 1.15 लाख टन कोयला इंपोर्ट किया जाएगा. वहीं अगर स्थानीय और विदेशी कोयले की कीमत में अंतर की बात की जाए तो स्थानीय कोयला 4500 से 5000 रुपये मीट्रिक टन तक की लागत में मिल जाता है. जबकि विदेशी कोयला लाने में 17,000 से 19,000 रुपए मीट्रिक टन तक की लागत (Coal will come to Rajasthan by importing) आती है.