ETV Bharat / city

IAS पी रमेश के वीआरएस मामले में CMO ने मांगी रिपोर्ट

आईएएस पी रमेश के वीआरएस लेने का मामला मुख्य सचिव से वार्ता के बाद भी खत्म होता हुआ दिख नहीं रहा है. यही वजह है कि ऊर्जा विभाग के सीएमडी पद से हटाने के बाद वीआरएस का आवेदन करने वाले आईएएस पी रमेश की रिपोर्ट अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने मांग ली है.

Jaipur news, jaipur hindi news
IAS पी रमेश के वीआरएस मामले में CMO ने मांगी रिपोर्ट
author img

By

Published : Oct 8, 2020, 10:18 AM IST

जयपुर. राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के अध्यक्ष प्रबंध निदेशक पद से हटाकर संभागीय आयुक्त उदयपुर के पद पर स्थानांतरित किए गए वरिष्ठ आईएसपी रमेश की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगने के मामले का पटाक्षेप नहीं हुआ है.

अब यह मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुंच गया है. सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय ने ऊर्जा विभाग के 2 आईएएस अफसरों के बीच चल रहे विवाद की रिपोर्ट भी तलब की है. अब इस मामले में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्तर पर होने की उम्मीद है.

हालांकि आला अधिकारी नहीं चाहते कि रमेश का वीआरएस मंजूर किया जाए. इस तथ्य से सरकार को अवगत कराया गया है. मुख्य सचिव राजीव स्वरूप का दावा है कि रमेश ने भावता में वीआरएस की अर्जी थमा दी थी. इसकी बात उनसे हो चुकी है अब जल्द ही नया पद संभाल लेंगे. इससे उलट रमेश फिलहाल इस पूरे मामले पर खामोश हैं. ऐसे में उनकी वीआरएस की अर्जी पर निर्णय नहीं हो सका है.

यह भी पढ़ेंः 31 अक्टूबर तक नहीं खुलेंगे स्कूल, सिलेबस भी किया जाएगा कम, 15 अक्टूबर को शिक्षकों का होगा वर्चुअल सम्मान

बता दें कि पी रमेश को समझा इसके लिए मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने पुणे सचिवालय बुलाया था. आधे घंटे की बातचीत के बाद भी यह माना जा रहा था कि पी रमेश मुख्य सचिव की समझाइश के बाद अपने नाराजगी खत्म कर वीआरएस की अर्जी को वापस ले लेंगे. लेकिन अभी भी इसमें कोई रास्ता नजर नहीं आने और विवाद को बढ़ता देख अब इस पूरे मामले पर सीएमओ ने दखल दे दिया है. दरअसल ऊर्जा विभाग में टेंडर को लेकर 2 आईएएस अफसरों के बीच में विवाद हो गया था. उस विवाद के बीच सोमवार को जारी हुई आईएस तबादला सूची में पी रमेश का तबादला ऊर्जा विभाग के सीएम की पद से हटाकर संभागीय आयुक्त उदयपुर कर दिया गया था. तबादले से नाराज होकर पी रमेश ने मुख्य सचिव को पीआरएस की अर्जी थमा दी थी. पी रमेश की नाराजगी की बीच ब्यूरोक्रेसी में भी काफी चर्चाओं का बाजार गर्म हो चुका है.

जयपुर. राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के अध्यक्ष प्रबंध निदेशक पद से हटाकर संभागीय आयुक्त उदयपुर के पद पर स्थानांतरित किए गए वरिष्ठ आईएसपी रमेश की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगने के मामले का पटाक्षेप नहीं हुआ है.

अब यह मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुंच गया है. सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय ने ऊर्जा विभाग के 2 आईएएस अफसरों के बीच चल रहे विवाद की रिपोर्ट भी तलब की है. अब इस मामले में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्तर पर होने की उम्मीद है.

हालांकि आला अधिकारी नहीं चाहते कि रमेश का वीआरएस मंजूर किया जाए. इस तथ्य से सरकार को अवगत कराया गया है. मुख्य सचिव राजीव स्वरूप का दावा है कि रमेश ने भावता में वीआरएस की अर्जी थमा दी थी. इसकी बात उनसे हो चुकी है अब जल्द ही नया पद संभाल लेंगे. इससे उलट रमेश फिलहाल इस पूरे मामले पर खामोश हैं. ऐसे में उनकी वीआरएस की अर्जी पर निर्णय नहीं हो सका है.

यह भी पढ़ेंः 31 अक्टूबर तक नहीं खुलेंगे स्कूल, सिलेबस भी किया जाएगा कम, 15 अक्टूबर को शिक्षकों का होगा वर्चुअल सम्मान

बता दें कि पी रमेश को समझा इसके लिए मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने पुणे सचिवालय बुलाया था. आधे घंटे की बातचीत के बाद भी यह माना जा रहा था कि पी रमेश मुख्य सचिव की समझाइश के बाद अपने नाराजगी खत्म कर वीआरएस की अर्जी को वापस ले लेंगे. लेकिन अभी भी इसमें कोई रास्ता नजर नहीं आने और विवाद को बढ़ता देख अब इस पूरे मामले पर सीएमओ ने दखल दे दिया है. दरअसल ऊर्जा विभाग में टेंडर को लेकर 2 आईएएस अफसरों के बीच में विवाद हो गया था. उस विवाद के बीच सोमवार को जारी हुई आईएस तबादला सूची में पी रमेश का तबादला ऊर्जा विभाग के सीएम की पद से हटाकर संभागीय आयुक्त उदयपुर कर दिया गया था. तबादले से नाराज होकर पी रमेश ने मुख्य सचिव को पीआरएस की अर्जी थमा दी थी. पी रमेश की नाराजगी की बीच ब्यूरोक्रेसी में भी काफी चर्चाओं का बाजार गर्म हो चुका है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.