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प्रतापगढ़ और जालोर में नए मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को केन्द्र दे शीघ्र मंजूरी- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखा (CM Gehlot writes to Union health minister) है. पत्र में प्रतापगढ़ और जालोर में राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रस्तावों को शीघ्र मंजूरी देने के साथ राजसमन्द जिले के लिए नवीन राजकीय मेडिकल कॉलेज के लिए प्रावधानों में आवश्यक संशोधन करने की मांग की है.

CM Gehlot writes to Union health minister,  Medical college in Jalore
प्रतापगढ़ और जालोर में नए मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को केन्द्र दे शीघ्र मंजूरी- मुख्यमंत्री
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Published : Apr 26, 2022, 11:08 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखा (CM Gehlot writes to Union health minister) है. पत्र में प्रतापगढ़ और जालोर में राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रस्तावों को शीघ्र मंजूरी देने के साथ राजसमन्द जिले के लिए नवीन राजकीय मेडिकल कॉलेज के लिए प्रावधानों में आवश्यक संशोधन करने की मांग की है.

मुख्यमंत्री ने मांडविया को पत्र लिखकर भारत सरकार के स्तर पर लंबित प्रतापगढ़ और जालोर जिला मुख्यालयों पर नवीन मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए प्रस्तावों को केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान करने के साथ योजना के प्रावधानों में राजसमन्द जिले के लिए शिथिलता प्रदान करने की मांग की है. गहलोत ने पत्र में लिखा है कि राजस्थान के प्रतापगढ़, जालोर और राजसमन्द जिले में राजकीय मेडिकल कॉलेज नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने पत्र में बताया कि प्रतापगढ़ और जालोर जिले की डीपीआर बना कर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पास पहले ही प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया गया था, परंतु इन प्रस्तावों को अभी तक स्वीकृत नहीं किया गया है .

पढ़ें: Alwar and Nagaur Medical colleges: अलवर-नागौर मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास, गहलोत बोले-प्राइवेट सेक्टर में मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति दे केंद्र सरकार

प्रावधानों में समीक्षा की आवश्यकता: मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के प्रावधान के अनुसार नया मेडिकल कॉलेज उन्हीं जिलों में स्वीकृत किया जा सकता है, जहां पहले से कोई सरकारी अथवा निजी मेडिकल कॉलेज स्थापित नहीं हो. इस प्रावधान की वजह से जिस जिले में प्राइवेट कॉलेज हैं, उस जिले के बच्चों को राजकीय मेडिकल कॉलेज की सुविधा से वंचित होना पड़ता है. राजसमन्द जिले में निजी क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज पहले से ही होने के कारण यहां केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के प्रावधान के अनुसार राजकीय मेडिकल कॉलेज स्थापित नहीं किया जा सकता है. इस संबंध में राज्य सरकार ने केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के संबंधित प्रावधानों की समीक्षा कर आवश्यक संशोधन करने के लिए पहले भी कई पत्रों के माध्यम से आग्रह किया था. गहलोत ने कहा कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में शुल्क अधिक होता है और प्रत्येक विद्यार्थी इतने ज्यादा शुल्क का भार वहन नहीं कर सकता है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखा (CM Gehlot writes to Union health minister) है. पत्र में प्रतापगढ़ और जालोर में राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रस्तावों को शीघ्र मंजूरी देने के साथ राजसमन्द जिले के लिए नवीन राजकीय मेडिकल कॉलेज के लिए प्रावधानों में आवश्यक संशोधन करने की मांग की है.

मुख्यमंत्री ने मांडविया को पत्र लिखकर भारत सरकार के स्तर पर लंबित प्रतापगढ़ और जालोर जिला मुख्यालयों पर नवीन मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए प्रस्तावों को केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान करने के साथ योजना के प्रावधानों में राजसमन्द जिले के लिए शिथिलता प्रदान करने की मांग की है. गहलोत ने पत्र में लिखा है कि राजस्थान के प्रतापगढ़, जालोर और राजसमन्द जिले में राजकीय मेडिकल कॉलेज नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने पत्र में बताया कि प्रतापगढ़ और जालोर जिले की डीपीआर बना कर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पास पहले ही प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया गया था, परंतु इन प्रस्तावों को अभी तक स्वीकृत नहीं किया गया है .

पढ़ें: Alwar and Nagaur Medical colleges: अलवर-नागौर मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास, गहलोत बोले-प्राइवेट सेक्टर में मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति दे केंद्र सरकार

प्रावधानों में समीक्षा की आवश्यकता: मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के प्रावधान के अनुसार नया मेडिकल कॉलेज उन्हीं जिलों में स्वीकृत किया जा सकता है, जहां पहले से कोई सरकारी अथवा निजी मेडिकल कॉलेज स्थापित नहीं हो. इस प्रावधान की वजह से जिस जिले में प्राइवेट कॉलेज हैं, उस जिले के बच्चों को राजकीय मेडिकल कॉलेज की सुविधा से वंचित होना पड़ता है. राजसमन्द जिले में निजी क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज पहले से ही होने के कारण यहां केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के प्रावधान के अनुसार राजकीय मेडिकल कॉलेज स्थापित नहीं किया जा सकता है. इस संबंध में राज्य सरकार ने केन्द्रीय प्रवर्तित योजना के संबंधित प्रावधानों की समीक्षा कर आवश्यक संशोधन करने के लिए पहले भी कई पत्रों के माध्यम से आग्रह किया था. गहलोत ने कहा कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में शुल्क अधिक होता है और प्रत्येक विद्यार्थी इतने ज्यादा शुल्क का भार वहन नहीं कर सकता है.

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