जयपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम की डिजिटल लॉन्चिंग 22 जून को करेंगे. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि कोरोना के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए 21 से 30 जून तक प्रदेशव्यापी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
इस अभियान के जरिए आमजन को यह समझाने का प्रयास किया जाएगा कि कोरोना के प्रति सावधानी ही उनके जीवन को खतरे से बचा सकती है. उन्होंने कहा कि 22 जून को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से अभियान का डिजिटल लॉन्च किया जाएगा. इसमें प्रदेश भर के पंचायत स्तर तक के जनप्रतिनिधियों और प्राधिकारियों सहित लगभग एक लाख लोग वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़ेंगे. जिलों के प्रभारी मंत्री और सचिव भी जिला मुख्यालयों पर मौजूद रहकर अभियान में शामिल होंगे.
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डॉ. शर्मा ने बताया कि जिला प्रभारी मंत्री, जिला कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों के साथ कोरोना के संक्रमण की स्थिति के साथ-साथ गैर-कोविड बीमारियों की स्थिति, पेयजल आपूर्ति, मनरेगा कार्यों, टिड्डी नियंत्रण अभियान आदि की समीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा कि इस दौरान हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में कोरोना से रोकथाम से जुड़ी सभी तरह की पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं. वेंटिलेटर्स, आइसोलेशन वार्ड, पीपीई किट, एन-95, थ्री लेयर मास्क सहित सभी तरह की बचाव सामग्री की कोई कमी नहीं है. लेकिन यदि प्रदेश के लोग कोरोना के प्रति लापरवाह हो जाएंगे तो कोरोना प्रदेश के लिए खतरा बन सकता है.
कोरोना टेस्ट और इलाज को लेकर गाइडलाइन
डॉ. शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवेदनशीलता दिखाते हुए राजस्थान के निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के बिल को नियंत्रित करने का निर्णय लिया है. प्रदेश में निजी लैब कोरोना टेस्ट के लिए 2200 रुपये प्रति जांच और अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए भर्ती मरीजों के लिए सामान्य बेड का किराया 2000 रुपये प्रतिदिन और वेंटिलेटर सहित आईसीयू बेड का 4000 रुपये प्रतिदिन से अधिक चार्ज नहीं ले सकेंगे.
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इसे लेकर उन्होंने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निजी अस्पतालों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं. हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी अधिनियम सहित अन्य प्रावधानों के तहत मरीजों से अधिक पैसा वसूलने वाले अस्पताल या लैब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.