जयपुर. देश में लागू हुए नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में 22 दिसंबर को पैदल शांति मार्च निकाला जाएगा. इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल होंगे. मुख्यमंत्री ने इस बात की जानकारी शुक्रवार सुबह मुस्लिम संगठनों के साथ हुई वार्ता के बाद दी.
मुस्लिम संगठनों के साथ हुई वार्ता के बाद सीएम गहलोत ने कहा कि 22 दिसंबर को वो खुद भी पैदल मार्च करेंगे. उन्होंने कहा कि पूरे देश में उबाल आया है. इनके एजेंडे संविधान की जो मूल भावना से हटके है और इस वजह से तकलीफ आ रही है. बिना कारण संशोधन करवा दिया. एनआरसी की बात की जा रही है, जो लागू हो ही नहीं सकता, क्योंकि प्रैक्टिकल है ही नहीं.
सीएएम गहलोत ने कहा कि असम में केंद्र सरकार ने 1600 करोड़ रुपये का खर्चा किया. सुप्रीम कोर्ट ने मॉनिटरिंग की और उसके बाद असम में राजनीतिक दल कह रहे हैं कि इसे लागू नहीं कर सकते. इनकी खुद की सरकार वहां पर कह रही है ये मंजूर नहीं है. ऐसे में आपके पास जवाब क्या है?
पढ़ें: ख्वाजा की दरगाह पर मुस्लिम समाज ने काले झंडे लगाकर CAA का किया विरोध, बाजुओं पर काली पट्टी भी बांधी
उन्होंने कहा कि फिर देश में बार-बार गृह मंत्री अमित शाह जी बोल-बोल कर लोगों को भड़का रहे हैं. पिछले एक महीने से वो लगातार वो पूरे देशवासियों को भड़का रहे है. जो एक तानाशाही प्रवृत्ति की भाषा होती है, वो बोलते हैं. ये लोकतंत्र में अच्छी बात नहीं है.
सीएम गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत आपके पास हो, वो एक अलग बात है. विपक्ष क्या कहता है, उसकी बात सुनी जाती है. देश में क्या ध्वनि निकलती है, वो भी सुनी जाती है. उन्होंने बताया कि पैदल शांति मार्च 22 तारीख निकालेंगे.
पढ़ें: राजस्थान के शहरों में CAA को लेकर विरोध प्रदर्शन, जोधपुर में पुलिस ने किया लाठीचार्ज
सीएम गहलोत ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों के साथ ही वो सभी इस मार्च में शामिल हों, जो विश्वास करते हैं कि आज जो कुछ हो रहा है, वो ठीक नहीं हो रहा. बता दें कि पैदल शांति मार्च सुबह 11 बजे अलबर्ट हॉल से शुरू होकर गांधी जी के स्टेच्यू तक निकाला जाएगा.