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कोरोना को लेकर सीएम गहलोत की समीक्षा बैठक, प्लाज्मा थेरेपी पर डाला जोर

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत ने वीसी के जरिए समीक्षा बैठक ली. इस दौरान सीएम ने ठीक हुए लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की. वहीं चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में मृत्यु दर शून्य करने के प्रयास किए जाएंगे.

Health Minister Raghu Sharma, Review meeting of CM Gehlot
कोरोना को लेकर सीएम गहलोत की समीक्षा बैठक
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Published : Jul 27, 2020, 10:58 PM IST

जयपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की. इस दौरान चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा समेत प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सुप्रिडेंट और अन्य आला अधिकारी मौजूद रहे. जहां सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश के जिन जिलों में अधिक पॉजिटिव के सामने आ रहे हैं, वहां की स्थिति का जायजा लिया.

कोरोना को लेकर सीएम गहलोत की समीक्षा बैठक

इसके अलावा कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने की भी अपील की. इस मौके पर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को शून्य पर लाने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के मुकाबले राज्य में कोराना से होने वाली मृत्यु दर काफी कम है. इसे शून्य पर लाने के प्रयास किए जाएंगे.

अब उदयपुर में भी प्लाज्मा थेरेपी से इलाज संभव

डॉ. शर्मा ने कहा कि कोरोना के गंभीर मरीजों में प्लाज्मा थेरेपी कारगर साबित हुई है. जयपुर, जोधपुर और कोटा के बाद उदयपुर से भी प्लाज्मा थेरेपी के जरिए गंभीर कोरोना मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में प्लाज्मा थेरेपी सबसे पहले जयपुर के एसएमएस अस्पताल से शुरू की थी. यहां सफल प्रयोग के बाद अन्य मेडिकल कॉलेजों ने भी आईसीएमआर से अनुमति मांगी थी. जल्द ही बीकानेर और अजमेर को भी प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की अनुमति मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश के जिला अस्पतालों में भी प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की योजना बनाई जा रही है.

12 हजार पल्स ऑक्सीमीटर खरीदे जाएंगे

उन्होंने यह भी कहा कि विभाग द्वारा जल्द ही 12 हजार पल्स ऑक्सीमीटर खरीदे जाएंगे, जिनसे उन व्यक्तियों की पहचान आसानी से की जा सकेगी, जो एसिंप्टोमेटिक या बिना लक्षण के हैं. उन्होंने कहा कि अभी सबसे ज्यादा चिंता बिना लक्षणों के कोरोना पॉजिटिव की है. यदि इनकी समय रहते पहचान कर ली जाए तो कोरोना के प्रसार को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा.

पढ़ें- CM गहलोत की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, कहा- जिला अस्पतालों में जल्द से जल्द जीवन रक्षक इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जाएं

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि गंभीर रूप से पीड़ित लोगों को 40 हजार रुपये की राशि के इंजेक्शन भी लगाए गए हैं. यह प्रयोग काफी हद तक सफल भी रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में काफी संवेदनशील है, इसीलिए विभाग ने आरएमएससीएल को पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन खरीदने के भी निर्देश दे दिए हैं.

27 स्थानों पर कोरोना की जांच की सुविधा

डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में टेस्टिंग को बढ़ाया है, यही वजह है कि कोरोना पॉजिटिव की संख्या भी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि जितने ज्यादा टेस्ट होंगे. हम कोरोना को उतना ही जल्दी नियंत्रित कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 27 स्थानों पर कोरोना की जांच की सुविधा विकसित कर दी गई है. जल्द ही प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना की जांच की सुविधा मिलने लगेगी.

500 से ज्यादा मोबाइल वैन

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों के इलाज के लिए भी सरकार पूरी तरह सजग और सतर्क है. इसी के मद्देनजर प्रदेश में 500 से ज्यादा मोबाइल वैन गांव- गांव जाकर लोगों को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 15 लाख 60 हजार से ज्यादा लोग चिकित्सकीय सुविधा ले चुके हैं. उन्होंने बताया कि बांसवाड़ा, डूंगरपुर, जालोर, नागौर, पाली और सिरोही जैसे सीमावर्ती जिलों पर मोबाइल वैनों के जरिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

जयपुर. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की. इस दौरान चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा समेत प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सुप्रिडेंट और अन्य आला अधिकारी मौजूद रहे. जहां सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश के जिन जिलों में अधिक पॉजिटिव के सामने आ रहे हैं, वहां की स्थिति का जायजा लिया.

कोरोना को लेकर सीएम गहलोत की समीक्षा बैठक

इसके अलावा कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने की भी अपील की. इस मौके पर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को शून्य पर लाने के प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के मुकाबले राज्य में कोराना से होने वाली मृत्यु दर काफी कम है. इसे शून्य पर लाने के प्रयास किए जाएंगे.

अब उदयपुर में भी प्लाज्मा थेरेपी से इलाज संभव

डॉ. शर्मा ने कहा कि कोरोना के गंभीर मरीजों में प्लाज्मा थेरेपी कारगर साबित हुई है. जयपुर, जोधपुर और कोटा के बाद उदयपुर से भी प्लाज्मा थेरेपी के जरिए गंभीर कोरोना मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में प्लाज्मा थेरेपी सबसे पहले जयपुर के एसएमएस अस्पताल से शुरू की थी. यहां सफल प्रयोग के बाद अन्य मेडिकल कॉलेजों ने भी आईसीएमआर से अनुमति मांगी थी. जल्द ही बीकानेर और अजमेर को भी प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की अनुमति मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश के जिला अस्पतालों में भी प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की योजना बनाई जा रही है.

12 हजार पल्स ऑक्सीमीटर खरीदे जाएंगे

उन्होंने यह भी कहा कि विभाग द्वारा जल्द ही 12 हजार पल्स ऑक्सीमीटर खरीदे जाएंगे, जिनसे उन व्यक्तियों की पहचान आसानी से की जा सकेगी, जो एसिंप्टोमेटिक या बिना लक्षण के हैं. उन्होंने कहा कि अभी सबसे ज्यादा चिंता बिना लक्षणों के कोरोना पॉजिटिव की है. यदि इनकी समय रहते पहचान कर ली जाए तो कोरोना के प्रसार को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा.

पढ़ें- CM गहलोत की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, कहा- जिला अस्पतालों में जल्द से जल्द जीवन रक्षक इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जाएं

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि गंभीर रूप से पीड़ित लोगों को 40 हजार रुपये की राशि के इंजेक्शन भी लगाए गए हैं. यह प्रयोग काफी हद तक सफल भी रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में काफी संवेदनशील है, इसीलिए विभाग ने आरएमएससीएल को पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन खरीदने के भी निर्देश दे दिए हैं.

27 स्थानों पर कोरोना की जांच की सुविधा

डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में टेस्टिंग को बढ़ाया है, यही वजह है कि कोरोना पॉजिटिव की संख्या भी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि जितने ज्यादा टेस्ट होंगे. हम कोरोना को उतना ही जल्दी नियंत्रित कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 27 स्थानों पर कोरोना की जांच की सुविधा विकसित कर दी गई है. जल्द ही प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना की जांच की सुविधा मिलने लगेगी.

500 से ज्यादा मोबाइल वैन

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों के इलाज के लिए भी सरकार पूरी तरह सजग और सतर्क है. इसी के मद्देनजर प्रदेश में 500 से ज्यादा मोबाइल वैन गांव- गांव जाकर लोगों को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 15 लाख 60 हजार से ज्यादा लोग चिकित्सकीय सुविधा ले चुके हैं. उन्होंने बताया कि बांसवाड़ा, डूंगरपुर, जालोर, नागौर, पाली और सिरोही जैसे सीमावर्ती जिलों पर मोबाइल वैनों के जरिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

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