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CM गहलोत का पुलिस के मजबूत रिस्पांस टाइम पर जोर, कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश - सीएम गहलोत समीक्षा बैठक

सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक ली. इस दौरान सीएम गहलोत ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है, कि अपराधों पर शिकंजा कसने और लोगों को बेहतर सुरक्षा-व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए पुलिस बिना देरी के घटनास्थल पर पहुंचे.

CM Gehlot review meeting, पुलिस का रिस्पांस टाइम, सीएम गहलोत ने ली बैठक
CM गहलोत ने कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक ली
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Published : Feb 7, 2020, 9:01 AM IST

जयपुर. प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक ली. इस दौरान सीएम गहलोत ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है, कि अपराधों पर शिकंजा कसने और लोगों को बेहतर सुरक्षा-व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए पुलिस बिना देरी के घटनास्थल पर पहुंचे.

CM गहलोत ने कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक ली

घटनास्थल पर जल्दी पहुंचने के लिए सीएम ने कहा, कि प्रदेश में इमरजेंसी रिस्पोंस सिस्टम लागू किया जाए. इसके लिए अलवर और भरतपुर में यह प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है, जिसमें पुलिस 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचेगी.

सीएम ने प्रदेश में पुलिस की ओर से माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को ज्यादा सशक्त बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा, कि किसी भी तरह का माफिया हो, उसके खिलाफ पुलिस पूरी सख्ती और सतर्कता के साथ कार्रवाई को अंजाम दे, ताकि आमजन को बेहतर सुरक्षा मिल सके. इसके लिए सरकार संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं होने देगी. पुलिस महकमे की वाहनों की खरीदारी के लिए 70 करोड़ रुपए का बजट उपलब्ध कराया गया है.

मुख्यमंत्री ने FIR के लिए ’फ्री रजिस्ट्रेशन’ की नीति पर जोर देते हुए कहा, कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें, कि पुलिस थानों में आने वाले फरियादियों को FIR दर्ज कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो. उन्होंने कहा, कि FIR दर्ज करने में आनाकानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ऐसा मामला सामने आने पर अधिकारी संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.

यह भी पढ़ें- जयपुर: पौने दो करोड़ रुपए के तांबे से भरा ट्रक लूटने वाली गैंग के तीन शातिर बदमाश गिरफ्तार

बैठक में पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह ने बताया, कि महिला उत्पीड़न और जघन्य अपराधों की रोकथाम के लिए गठित विशेष यूनिट सभी जिलों में तत्परता से काम कर रही है. उन्होंने कहा, कि संगठित अपराध और विभिन्न माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस विभाग ने पिछले दिनों विशेष अभियान चलाकर प्रभावी कार्रवाई की है, जिससे बीते महीनों में अपराधों पर नियंत्रण की स्थिति बेहतर हुई है. उन्होंने कहा, कि जनवरी महीने में सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आई है.

अधिकारियों ने बताया, कि मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक विभिन्न पुलिस रेंज के प्रभारी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों ने क्षेत्र में रात को विश्राम प्रारम्भ कर दिया है. पुलिस विभाग में सालों से लंबित पदोन्नति पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाएगा. अगले दो-तीन माह में विभिन्न स्तर पर पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इससे पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहन मिलेगा. प्रदेश के थानों में स्वागत कक्ष बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है.

यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री के आने से पहले मंत्रियों में कुर्सी का खेल, तिरछी नजरों से कोसते रहे मंत्री जी !

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था एमएल लाठर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध बीएल सोनी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक इंटेलीजेंस उमेश मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मानवाधिकार आरपी मेहरड़ा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एटीएस एण्ड एसओजी अनिल पालीवाल, शासन सचिव गृह विभाग एनएल मीणा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

जयपुर. प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक ली. इस दौरान सीएम गहलोत ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है, कि अपराधों पर शिकंजा कसने और लोगों को बेहतर सुरक्षा-व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए पुलिस बिना देरी के घटनास्थल पर पहुंचे.

CM गहलोत ने कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक ली

घटनास्थल पर जल्दी पहुंचने के लिए सीएम ने कहा, कि प्रदेश में इमरजेंसी रिस्पोंस सिस्टम लागू किया जाए. इसके लिए अलवर और भरतपुर में यह प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है, जिसमें पुलिस 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचेगी.

सीएम ने प्रदेश में पुलिस की ओर से माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को ज्यादा सशक्त बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा, कि किसी भी तरह का माफिया हो, उसके खिलाफ पुलिस पूरी सख्ती और सतर्कता के साथ कार्रवाई को अंजाम दे, ताकि आमजन को बेहतर सुरक्षा मिल सके. इसके लिए सरकार संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं होने देगी. पुलिस महकमे की वाहनों की खरीदारी के लिए 70 करोड़ रुपए का बजट उपलब्ध कराया गया है.

मुख्यमंत्री ने FIR के लिए ’फ्री रजिस्ट्रेशन’ की नीति पर जोर देते हुए कहा, कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें, कि पुलिस थानों में आने वाले फरियादियों को FIR दर्ज कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो. उन्होंने कहा, कि FIR दर्ज करने में आनाकानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ऐसा मामला सामने आने पर अधिकारी संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.

यह भी पढ़ें- जयपुर: पौने दो करोड़ रुपए के तांबे से भरा ट्रक लूटने वाली गैंग के तीन शातिर बदमाश गिरफ्तार

बैठक में पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह ने बताया, कि महिला उत्पीड़न और जघन्य अपराधों की रोकथाम के लिए गठित विशेष यूनिट सभी जिलों में तत्परता से काम कर रही है. उन्होंने कहा, कि संगठित अपराध और विभिन्न माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस विभाग ने पिछले दिनों विशेष अभियान चलाकर प्रभावी कार्रवाई की है, जिससे बीते महीनों में अपराधों पर नियंत्रण की स्थिति बेहतर हुई है. उन्होंने कहा, कि जनवरी महीने में सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आई है.

अधिकारियों ने बताया, कि मुख्यमंत्री के निर्देश के मुताबिक विभिन्न पुलिस रेंज के प्रभारी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों ने क्षेत्र में रात को विश्राम प्रारम्भ कर दिया है. पुलिस विभाग में सालों से लंबित पदोन्नति पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाएगा. अगले दो-तीन माह में विभिन्न स्तर पर पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इससे पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहन मिलेगा. प्रदेश के थानों में स्वागत कक्ष बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है.

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बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था एमएल लाठर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध बीएल सोनी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक इंटेलीजेंस उमेश मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मानवाधिकार आरपी मेहरड़ा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एटीएस एण्ड एसओजी अनिल पालीवाल, शासन सचिव गृह विभाग एनएल मीणा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

Intro:कानून-व्यवस्था की समीक्षा
मजबूत हो पुलिस का रेस्पोंस सिस्टम , बिना देरी घटनास्थल पर पहुंचना सुनिश्चित करें - सीएम गहलोत

एंकर:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अपराधों पर प्रभावी शिकंजा कसने और लोगों को बेहतर सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए पुलिस बिना देरी के घटनास्थल पर पहुंचना सुनिश्चित करे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घटनास्थल पर पुलिस की त्वरित पहुंच के लिए पूरे प्रदेश में इमरजेंसी रेस्पोंस सिस्टम लागू करने का प्रयास किया जाए। फिलहाल अलवर एवं भरतपुर जिलों में यह प्रोेजेक्ट शुरू किया जा रहा है, जिसमें पुलिस 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचेगी। सीएम गहलोत गुरूवार को प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश में पुलिस द्वारा माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को अधिक सशक्त बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह का माफिया हो, पुलिस पूरी सख्ती एवं सतर्कता के साथ कार्रवाई को अंजाम दे, ताकि आमजन को बेहतर सुरक्षा मिल सके। इसके लिए सरकार संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं रखेगी। पुलिस महकमे को वाहनों की खरीद के लिए 70 करोड़ रूपये का बजट उपलब्ध कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने एफआईआर के लिए ’फ्री रजिस्ट्रेशन’ की नीति पर पुनः जोर देते हुए कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि पुलिस थानों में आने वाले फरियादियों को एफआईआर दर्ज कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो। उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऎसा प्रकरण सामने आने पर अधिकारी संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
बैठक में पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि महिला उत्पीड़न एवं जघन्य अपराधों की रोकथाम के लिए गठित विशेष यूनिट सभी जिलों में कार्यशील हो गई है। संगठित अपराध एवं विभिन्न माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस विभाग ने पिछले दिनों विशेष अभियान चलाकर प्रभावी कार्रवाई की है, जिससे बीते महीनों में अपराधों पर नियंत्रण की स्थिति बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि जनवरी महीने में सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आई है।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार विभिन्न पुलिस रेंज के प्रभारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों ने क्षेत्र में रात्रि विश्राम प्रारम्भ कर दिया है। साथ ही, पुलिस विभाग में वर्षों से लंबित पदोन्नतियां जल्द से जल्द करने की कार्रवाई की जा रही हैं। अगले दो-तीन माह में विभिन्न स्तर पर पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इससे पुलिस कार्मिकों को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के थानों में स्वागत कक्ष बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था एम.एल. लाठर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध बी.एल. सोनी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक इंटेलीजेंस उमेश मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मानवाधिकार आर.पी. मेहरड़ा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एटीएस एण्ड एसओजी अनिल पालीवाल, शासन सचिव गृह विभाग एन.एल. मीणा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।Body:ViConclusion:Vi
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