जयपुर/नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज राहुल गांधी के आवास पर कांग्रेस के विभिन्न पदाधिकारियों से मुलाकात की. इस मीटिंग में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी मौजूद थे. कयास लगाया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ की गोधन योजना को लेकर पार्टी गंभीर है और इसे राजस्थान में भी लागू कराया जा सकता है. दूसरी ओर हाल में बजट में सीएम ने विभिन्न योजनाओं खासकर पुरानी पेंशन योजना की बहाली की बात कही है उसको कांग्रेस शासित अन्य प्रदेशों में लागू कराने को लेकर भी इस हाइप्रोफाइल मीटिंग में मंथन हुआ.
बाद में सीएम गहलोत मीडिया से मुखातिब हुए तो कहा कि उन्होंने 5 राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर भी गंभीर चर्चा की है. इसे योजनाबद्ध तरीके से अमलीजामा पहनाने की कोशिश पार्टी कर रही है. चर्चा इस पर भी की गई कि चुनाव बाद की परिस्थितियों से कैसे डील करना है.
सीएम ने इस दौरान केन्द्र सरकार की नीति और नीयत को कटघरे में खड़ा किया. सरकार को फासीवादी करार दिया. कहा- इन्हें लोकतंत्र में यकीन नहीं है. संविधान में यकीन नहीं है जिसके कारण देश के संविधान और लोकतंत्र को खतरा है. सीएम गहलोत ने दावा किया कि साहित्यकार, पत्रकार, लेखक सब दुखी हैं और मीडिया पर भी दबाव है.
ओपीएस पर गहलोत: ओपीएस को गहलोत ने प्रदेश सरकार की उपलब्धि करार दिया. कहा ओल्ड पेंशन स्कीम पर हमने सोच समझ कर फैसला किया है, रिसर्च की है और मानवीय दृष्टिकोण से किया है. यदि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी सुरक्षित महसूस नहीं करेगा तो वह सरकार में अपना योगदान कैसे करेगा? मानवाधिकार आयोग ने भी टिप्पणी की है कि सरकार को अपने निर्णय पर विचार करना चाहिये. ज्यूडिशरी के पे कमीशन इसे नहीं मान रहे, डिफेंस वाले इससे पहले ही अलग किए जा चुके हैं .मानवाधिकार आयोग खुद ये कह रहा है ऐसी स्थिति में लोग दो वर्ग में बंट गए हैं. इन सबको देखते हुए हमारी सरकार ने सोच समझ कर निर्णय लिया है.