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देश में सबसे अच्छा हो राजस्थान का PDS सिस्टम: मुख्यमंत्री गहलोत - PDS System

वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा करते हुए रविवार को सीएम गहलोत ने जिला कलेक्टरों और जिला रसद अधिकारियों के साथ संवाद किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोविड-19 के विकट समय में खाद्य विभाग के कार्मिकों ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया है. इससे लोगों को जरूरत के समय राशन मिल सका, आगे भी इसी भावना के साथ काम करते हुए पीडीएस सिस्टम को मजबूत बनाएं.

National Food Security Scheme, Antyodaya Scheme, PDS System
अशोक गहलोत ने ली खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक
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Published : Aug 2, 2020, 7:18 PM IST

जयपुर. गरीब और जरूरतमंद तबके की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है, ये कहना है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का. रविवार को उन्होंने निर्देश दिए कि राजस्थान में देश का सबसे अच्छा पीडीएस सिस्टम विकसित किया जाए. जिससे हर पात्र और जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर राशन मिल सके और गेहूं का उठाव एवं वितरण समय पर हो. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली सामग्री के तहत लोगों को चाय, नमक सहित अन्य सामाग्री उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएं.

CM गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा और जिला कलक्टरों, जिला रसद अधिकारियों के साथ संवाद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के विकट समय में खाद्य विभाग के कार्मिकों ने अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया है. इससे लोगों को जरूरत के समय राशन मिल सका. आगे भी इसी भावना के साथ काम करते हुए पीडीएस सिस्टम को मजबूत बनाएं.

बेसहारा और जरूरतमंद वंचित परिवारों का सर्वे अब 15 अगस्त तक...

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण जिन लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है. ऐसे बेसहारा और जरूरतमंद लोगों का राज्य सरकार ने सर्वे करवाया था, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित नहीं हैं. इस सर्वे में 20 लाख परिवारों के 68 लाख सदस्यों का पंजीयन किया गया था जो लोग इस सर्वे में शामिल होने से वंचित रह गए थे, उनके लिए राज्य सरकार ने 22 जुलाई से द्वितीय सर्वे शुरू किया है. उन्होंने कहा कि इस सर्वे की अंतिम तिथि को 3 अगस्त से बढ़ाकर 15 अगस्त, 2020 कर दिया गया है. जिससे कोई भी जरूरतमंद सर्वे से वंचित नहीं रहे. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस कार्य को प्राथमिकता दें.

पढ़ें- सियासी घमासान के बीच CM गहलोत ने की आंदोलनरत किसान नेताओं से मुलाकात

एनएफएसए में वंचित पात्र लोगों के नाम जोड़े केंद्र...

CM गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ही दिया जा रहा है. इस कारण पात्र होते हुए भी बड़ी संख्या में लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसी प्रकार अंत्योदय योजना के लिए भी काफी पहले सर्वे कर परिवारों का चयन किया गया था. हमारा प्रयास है कि हर जरूरतमंद व्यक्ति की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ताजा जनसंख्या के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में वंचित पात्र व्यक्तियों के नाम शामिल करे.

वन नेशन-वन राशन कार्ड के काम को गति दें...

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन नेशन-वन राशन कार्ड के कार्य को गति देते हुए एनएफएसए के लाभार्थियों की आधार सीडिंग जल्द से जल्द करना सुनिश्चित करें. यह कार्य दिसंबर से पहले हर हाल में पूरा हो. उन्होंने निर्देश दिए कि एनएफएसए की सूची में से मृत व्यक्तियों के नाम तथा डुप्लीकेट राशनकार्ड हटाए जाएं. गहलोत ने कहा कि उचित मूल्य की ऐसी दुकानें जो तकनीकी कारणों से ऑनलाइन नहीं हो सकी हैं, उन्हें जल्द से जल्द ऑनलाइन किया जाए.

पढ़ें- जैसलमेर सिविल एयरपोर्ट पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

जिला रसद अधिकारियों के साथ किया संवाद...

वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने बीकानेर, दौसा, नागौर, पाली, उदयपुर, जोधपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, झालावाड़ और बाडमेर सहित अन्य जिलों के रसद अधिकारियों से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, अंत्योदय योजना सहित अन्य योजनाओं के तहत राशन वितरण और इसके उठाव की जानकारी ली. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिलों में उचित मूल्य की दुकानों पर पारदर्शिता के साथ राशन का समय पर वितरण सुनिश्चित किया जाए. सीएम गहलोत ने कॉन्फ्रेंस में मौजूद जिला कलक्टरों को इंदिरा रसोई योजना के तुरंत और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी निर्देश दिए.

मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि सभी जिला कलेक्टर और जिला रसद अधिकारी मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप हर जरूरतमंद और पात्र व्यक्ति की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करें. शासन सचिव खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग हेमंत गेरा ने प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि कोविड-19 के दौरान राज्य सरकार ने 70 करोड़ रुपए व्यय कर एफसीआई से बाजार दर पर गेहूं खरीद कर जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध कराया.

पढ़ें- मलेशिया में फंसे राजस्थान के 5 कामगार, PM मोदी से लगाई मदद की गुहार

साथ ही इस अवधि में राज्य सरकार ने गेहूं के निशुल्क वितरण पर 114 करोड़ की अतिरिक्त राशि वहन की. अप्रैल से जुलाई माह के दौरान सामान्य की तुलना में गेहूं का दोगुना उठाव किया गया. इसी प्रकार मार्च 2019 से जुलाई 2020 तक अंत्योदय, बीपीएल और स्टेट बीपीएल परिवारों को 1 रुपए किलो की दर से गेहूं वितरण पर राज्य सरकार ने 151 करोड़ रुपए की राशि वहन की.

वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अति. आयुक्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सुरेश गुप्ता, सूचना एवं प्रौद्योगिकी आयुक्त वीरेन्द्र सिंह, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी एवं प्रबंध निदेशक खाद्य एवं आपूर्ति निगम वीपी सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

जयपुर. गरीब और जरूरतमंद तबके की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है, ये कहना है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का. रविवार को उन्होंने निर्देश दिए कि राजस्थान में देश का सबसे अच्छा पीडीएस सिस्टम विकसित किया जाए. जिससे हर पात्र और जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर राशन मिल सके और गेहूं का उठाव एवं वितरण समय पर हो. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली सामग्री के तहत लोगों को चाय, नमक सहित अन्य सामाग्री उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएं.

CM गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा और जिला कलक्टरों, जिला रसद अधिकारियों के साथ संवाद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के विकट समय में खाद्य विभाग के कार्मिकों ने अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया है. इससे लोगों को जरूरत के समय राशन मिल सका. आगे भी इसी भावना के साथ काम करते हुए पीडीएस सिस्टम को मजबूत बनाएं.

बेसहारा और जरूरतमंद वंचित परिवारों का सर्वे अब 15 अगस्त तक...

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण जिन लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है. ऐसे बेसहारा और जरूरतमंद लोगों का राज्य सरकार ने सर्वे करवाया था, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित नहीं हैं. इस सर्वे में 20 लाख परिवारों के 68 लाख सदस्यों का पंजीयन किया गया था जो लोग इस सर्वे में शामिल होने से वंचित रह गए थे, उनके लिए राज्य सरकार ने 22 जुलाई से द्वितीय सर्वे शुरू किया है. उन्होंने कहा कि इस सर्वे की अंतिम तिथि को 3 अगस्त से बढ़ाकर 15 अगस्त, 2020 कर दिया गया है. जिससे कोई भी जरूरतमंद सर्वे से वंचित नहीं रहे. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस कार्य को प्राथमिकता दें.

पढ़ें- सियासी घमासान के बीच CM गहलोत ने की आंदोलनरत किसान नेताओं से मुलाकात

एनएफएसए में वंचित पात्र लोगों के नाम जोड़े केंद्र...

CM गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ही दिया जा रहा है. इस कारण पात्र होते हुए भी बड़ी संख्या में लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसी प्रकार अंत्योदय योजना के लिए भी काफी पहले सर्वे कर परिवारों का चयन किया गया था. हमारा प्रयास है कि हर जरूरतमंद व्यक्ति की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ताजा जनसंख्या के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में वंचित पात्र व्यक्तियों के नाम शामिल करे.

वन नेशन-वन राशन कार्ड के काम को गति दें...

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन नेशन-वन राशन कार्ड के कार्य को गति देते हुए एनएफएसए के लाभार्थियों की आधार सीडिंग जल्द से जल्द करना सुनिश्चित करें. यह कार्य दिसंबर से पहले हर हाल में पूरा हो. उन्होंने निर्देश दिए कि एनएफएसए की सूची में से मृत व्यक्तियों के नाम तथा डुप्लीकेट राशनकार्ड हटाए जाएं. गहलोत ने कहा कि उचित मूल्य की ऐसी दुकानें जो तकनीकी कारणों से ऑनलाइन नहीं हो सकी हैं, उन्हें जल्द से जल्द ऑनलाइन किया जाए.

पढ़ें- जैसलमेर सिविल एयरपोर्ट पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

जिला रसद अधिकारियों के साथ किया संवाद...

वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने बीकानेर, दौसा, नागौर, पाली, उदयपुर, जोधपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, झालावाड़ और बाडमेर सहित अन्य जिलों के रसद अधिकारियों से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, अंत्योदय योजना सहित अन्य योजनाओं के तहत राशन वितरण और इसके उठाव की जानकारी ली. उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिलों में उचित मूल्य की दुकानों पर पारदर्शिता के साथ राशन का समय पर वितरण सुनिश्चित किया जाए. सीएम गहलोत ने कॉन्फ्रेंस में मौजूद जिला कलक्टरों को इंदिरा रसोई योजना के तुरंत और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी निर्देश दिए.

मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि सभी जिला कलेक्टर और जिला रसद अधिकारी मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप हर जरूरतमंद और पात्र व्यक्ति की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करें. शासन सचिव खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग हेमंत गेरा ने प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि कोविड-19 के दौरान राज्य सरकार ने 70 करोड़ रुपए व्यय कर एफसीआई से बाजार दर पर गेहूं खरीद कर जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध कराया.

पढ़ें- मलेशिया में फंसे राजस्थान के 5 कामगार, PM मोदी से लगाई मदद की गुहार

साथ ही इस अवधि में राज्य सरकार ने गेहूं के निशुल्क वितरण पर 114 करोड़ की अतिरिक्त राशि वहन की. अप्रैल से जुलाई माह के दौरान सामान्य की तुलना में गेहूं का दोगुना उठाव किया गया. इसी प्रकार मार्च 2019 से जुलाई 2020 तक अंत्योदय, बीपीएल और स्टेट बीपीएल परिवारों को 1 रुपए किलो की दर से गेहूं वितरण पर राज्य सरकार ने 151 करोड़ रुपए की राशि वहन की.

वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अति. आयुक्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सुरेश गुप्ता, सूचना एवं प्रौद्योगिकी आयुक्त वीरेन्द्र सिंह, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी एवं प्रबंध निदेशक खाद्य एवं आपूर्ति निगम वीपी सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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