जयपुर. सीएम अशोक गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना प्रबंधन की उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे. गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हमें शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सैंपलिंग और डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग पर जोर देना होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिस प्रकार कोरोना मामले और इसके संक्रमण का खतरा बढ़ा है, उसे देखते हुए ही राज्य सरकार ने 8 जिला मुख्यालयों पर रात्रिकालीन कर्फ्यू, वैवाहिक समारोह में लोगों की उपस्थिति 100 तक ही सीमित रखने, इसके उल्लंघन करने और मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना बढ़ाने जैसे सख्त कदम उठाएं हैं. कोविड के खतरे से बचने के लिए लोगों को इनकी पालना करना जरूरी है.
ऑनलाइन लें शादी समारोहों की सूचना...
गहलोत ने कहा कि जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि विवाह और अन्य समारोहों में कहीं भी लोगों की संख्या के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन न हो. उन्होंने कहा कि विवाह के आयोजन की सूचना देने के लिए लोगों को परेशान न होना पड़े और इसके लिए कहीं भी भीड़ न उमड़े. उन्होंने कहा कि शादी के आयोजन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है, सिर्फ पूर्व सूचना देना जरूरी किया गया है.
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वैक्सीनेशन के लिए पुख्ता तैयारी रखें...
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गहलोत ने प्रदेश में वैक्सीन की तैयारियों पर भी चर्चा की. उन्होंने संभावित वैक्सीन की प्राथमिकता के निर्धारण, इसके सुरक्षित परिवहन और सुरक्षित वैक्सीनेशन आदि बिन्दुओं पर अभी से पुख्ता तैयारी रखने के निर्देश दिए. शासन सचिव चिकित्सा और स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने वैक्सीनेशन की तैयारियों के बारे में अवगत कराया. उन्होंने बताया कि प्रदेश में वैक्सीन को सुरक्षित रखने, कोल्ड चेन सुविधाओं को सुदृढ़ करने, वैक्सीन लगाने वाले लोगों की डाटा एनालिसिस आदि बिन्दुओं पर काम प्रारंभ कर दिया गया है.
जागरूकता अभियान अब 31 दिसंबर तक...
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक मास्क पहनना और भीड़ से दूरी बनाए रखना ही इस महामारी से बचाव का मूलमंत्र है. हमें लोगों को लगातार इसके लिए जागरूक करते रहना होगा. गहलोत ने कोरोना के विरूद्ध जागरूकता अभियान को 30 नवंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर तक करने के निर्देश दिए.
मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर का करें अध्ययन...
गहलोत ने कहा कि कोविड पॉजिटिव रोगियों को अकेले में रहने और बीमारी के दुष्प्रभावों के कारण मानसिक परेशानियों से भी जूझना पड़ रहा है. साथ ही वर्क फ्रॉम होम, इस बीमारी के कारण लंबे समय से लोगों के घर पर ही रहने, बाहर न निकलने से बच्चों और बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है.
6 जिलों की 25 तहसील सूखाग्रस्त घोषित
राजस्थान सरकार की ओर से सूखा प्रबंधन संहिता के आधार पर राजस्थान एफेक्टेड एरियाज (सस्पेंशन ऑफ प्रोसिडिंग्स) एक्ट 1952 के तहत राज्य के 6 जिलों की 13 तहसीलों को गंभीर और 12 तहसीलों को मध्यम सूखाग्रस्त घोषित किया गया है. आपदा प्रबंधन सहायता और नागरिक सुरक्षा विभाग के आदेश के अनुसार वर्षा की कमी, सतही जल और भूजल उपलब्धता में कमी, फसलों की कमजोर स्थिति और रिमोट सेन्सिंग से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर संवत् खरीफ 2077 में सूखे से प्रभावित क्षेत्रें का आंकलन, प्रदेश में सूखा प्रबंधन संहिता 2016 के राजस्थान एफेक्टेड एरियाज एक्ट द्वारा किया गया है.