जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मौसमी बीमारियों और डेंगू के खिलाफ हमें पूरी तरह सतर्क रहना है. इससे बचाव के लिए आमजन को जागरूक करना है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार से कोविड-19 महामारी का कुशल प्रबंधन किया, उसी तत्परता के साथ सरकार डेंगू और अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम, बचाव एवं उपचार का कार्य कर ही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्थानीय निकाय एवं सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की और से पूरे समन्वय के साथ काम करते हुए बेहतर उपचार, स्वच्छता एवं जागरूकता संबंधी कार्यों को प्रभावी रूप से संचालित किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के समय पूरे देश में राजस्थान के कुशल चिकित्सा प्रबंधन और भीलवाड़ा मॉडल की तारीफ हुई. इसी तरह अब एक बार फिर से डेंगू सहित अन्य मौसमी बीमारियों के खिलाफ हमें मिलकर काम करना है. अलग-अलग विभाग मिलकर जिला स्तर से लेकर गांव-ढाणी तक डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के उपचार और बचाव के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करें.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान के दौरान भी आईईसी गतिविधियों के माध्यम से लोगों को डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक करें. उन्होंने स्थानीय निकायों को नियमित रूप से फॉगिंग करने और जिला प्रशासन को मौसमी बीमारियों की निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए.
गहलोत ने कहा- हमारे यहां आंकड़े छिपाने का रिवाज नहीं
गहलोत ने कहा कि हमारे यहां आंकड़े छिपाने का रिवाज नहीं है. मौसमी बीमारियों और डेंगू से संबंधित आंकड़े कितने सही होंगे हम उतना ही प्रभावी नियंत्रण कर पाएंगे. आंकड़ों के आधार पर इन बीमारियों से ज्यादा प्रभावी तरीके से लड़ा जा सकता है. गहलोत ने निजी अस्पतालों से आह्वान किया कि मौसमी बीमारियों के इस दौर में वे मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए आम जनता को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएं. चिरंजीवी योजना को लेकर भी आम लोगों को जागरूक किया जाए. उड़ान योजना को लेकर कहा कि सेनेटरी नैपकिन की बात करने में अब संकोच नहीं रहा. राज्य सरकार इस योजना के तहत 150 करोड़ रुपए खर्च कर रही है. उन्होंने कहा कि इतने बड़े स्तर पर इस तरह की योजना लाने वाला राजस्थान पहला राज्य है.
कोविड स्वास्थ्य सहायकों की नियोजन अवधि 2 माह के लिए बढ़ाई
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में मौसमी बीमारियों की स्थिति तथा कोविड-19 महामारी के प्रभावी नियंत्रण के दृष्टिगत कोविड हेल्थ कंसल्टेंट और कोविड स्वास्थ्य सहायकों के चयन और नियोजन की अवधि को 2 माह यानी नवम्बर और दिसम्बर-2021 तक बढ़ाए जाने की मंजूरी दी है. बता दे कि राज्य सरकार ने कोविड-19 संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने, कोविड संक्रमित मरीजों को समुचित उपचार, चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए प्रदेश में संचालित घर-घर सर्वे एवं दवाई वितरण के कार्य को गति देने के लिए कोविड हेल्थ कंसल्टेंट और कोविड स्वास्थ्य सहायकों का जिला स्तर पर चयन किया था. पूर्व में इनके नियोजन की अवधि अक्टूबर-2021 तक बढ़ाने की अनुमति दी गई थी. अब प्रदेशवासियों को मौसमी बीमारियों के दृष्टिगत बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए इनके नियोजन की अवधि को दो माह और बढ़ाया गया है.