जयपुर. केंद्र की मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल और गैस के दामों में कमी कर आम जनता को बड़ी राहत दी है. केंद्र सरकार के इस फैसले के साथ ही अब राजनीतिक पार्टियों में श्रेय लेने की होड़ भी मच गई है. एक तरफ बीजेपी के नेता मोदी सरकार के इस फैसले को देश हित में बता रहे हैं, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार के इस फैसले के पीछे कांग्रेस का मंहगाई के विरुद्ध जनजागरण अभियान का दबाव बताया.
दबाव आया काम: गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि (CM Gehlot tweet on Petrol diesel price cut) कांग्रेस की ओर से देशभर में लगातार मंहगाई के खिलाफ किए जा रहे विरोध प्रदर्शन और 'नवसंकल्प शिविर' में तय किए गए मंहगाई के विरुद्ध जनजागरण अभियान के दबाव से आज केन्द्र सरकार को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी (Excise duty on Petrol and diesel) कम करने का फैसला करना पड़ा. गहलोत ने कहा कि हालांकि पिछले दो महीने में ही पेट्रोल और डीजल के दाम लगभग 10 रुपए प्रति लीटर बढ़े थे. ऐसे में आज की कटौती महज एक औपचारिकता नजर आती है. यदि केन्द्र सरकार सही मायने में आमजन को राहत देना चाहती है, तो एक्साइज ड्यूटी को घटाकर यूपीए सरकार के स्तर पर ले जाना चाहिए, जिससे डीजल और पेट्रोल की कीमतें करीब 70 रुपए प्रति लीटर से भी कम हो जाएंगी और आमजन को मंहगाई से राहत मिल सकेगी.
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पेट्रोल-डीजल हुआ सस्ता: बता दें कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर जारी सियासत के बीच केंद्र सरकार ने इन उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी कम करने का बड़ा फैसला लिया. शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा,'हम पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क 8 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर कम कर रहे हैं. इससे पेट्रोल की कीमत 9.5 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 7 रुपए प्रति लीटर कम हो जाएगी. इसका सरकार के लिए लगभग 1 लाख करोड़ रुपए प्रतिवर्ष का राजस्व निहितार्थ होगा.'
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12 सिलेंडर तक 200 रुपए की सब्सिडी: वहीं, घरेलू गैस के संबंध में उन्होंने कहा, 'साथ ही इस वर्ष हम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 9 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 200 रुपए प्रति गैस सिलेंडर (12 सिलेंडर तक) की सब्सिडी देंगे. इससे हमारी माताओं और बहनों को मदद मिलेगी. इससे सालाना लगभग 6100 करोड़ रुपए का राजस्व प्रभावित होगा.
राज्य सरकार को होगी 1200 करोड़ प्रतिवर्ष की हानिः केन्द्र सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में की गई एक्साइज कटौती से राज्य सरकार का पेट्रोल पर 2.48 रुपये प्रति लीटर एवं डीजल पर 1.16 रुपये प्रति लीटर वैट भी कम होगा. इससे प्रदेश में पेट्रोल 10.48 रुपये एवं डीजल 7.16 रुपये प्रति लीटर सस्ता होगा. इससे राज्य को करीब 1200 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की राजस्व हानि होगी एवं आमजन को इसका लाभ मिल सकेगा. पूर्व में दो बार की गई वैट की कमी से राज्य को 6300 करोड़ रुपये की राजस्व हानि हुई थी. आज की कटौती को जोड़कर राज्य को करीब 7500 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की राजस्व हानि होगी.