जयपुर. संस्कृत दिवस समारोह में बुधवार को सीएम गहलोत द्वारा आशुकवि पंडित रामस्वरूप दोतोलिया को संस्कृत साधना शिखर सम्मान से नवाजा और एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी गई. वहीं, डॉ. हुकुमचंद भारिल्ल और जुम्मा खान शास्त्री को साधना सम्मान से दिया गया और 51 हजार रुपये की राशि से सम्मानित किया गया.
समारोह में ऐसे 16 संस्कृत के विद्वानों को अलग-अलग सम्मान से सम्मानित किया गया. इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि संस्कृत भाषा कई भाषाओं की जननी है. पूरा विश्व संस्कृत को मानता है. आजादी के बाद संस्कृत भाषा को बढ़ाने में कांग्रेस सरकार की अहम भूमिका रही है. इस दौरान सीएम ने अपने जीवन से जुड़े पल बताते हुए कहा कि वह शुरू से ही संस्कृत और अंग्रेजी में कमजोर छात्र रहे, लेकिन आज वह संस्कृत के प्रेमी बन गए हैं. सीएम ने कहा कि मेरी कलम हमेशा संस्कृत के पक्ष में ही चलेगी.
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इस दौरान सीएम गहलोत ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि संघ को 100 साल पूरे होने वाले हैं. संघ हमेशा हिंदू राष्ट्र की बात करता है, लेकिन यह सब एक सीमा तक जा कर रुक जाता है. सीएम ने कहा कि जिसको संस्कृत भाषा का ज्ञान है वह कभी नहीं सोचेंगा कि धर्म के आधार पर बंटवारा होना चाहिए. संघ को हिंदुत्व की जगह संस्कृत का प्रचार करना चाहिए. आरएसएस को अब अपनी भूमिका बदल लेनी चाहिए.