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CM Gehlot on religion based politics : धर्म के नाम पर देश बनाना आसान, लेकिन वह कायम नहीं रह सकता...पाकिस्तान और रूस उदाहरण हैंः गहलोत - सीएम गहलोत का धर्म की राजनीति को लेकर बयान

धर्म की राजनीति को लेकर सीएम अशोक गहलोत (CM Gehlot on religion based politics) ने तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर देश बनाना आसान है, लेकिन वह कायम नहीं रह सकता.

CM Ashok Gehlot, Swarnim Vijay Diwas
सीएम गहलोत का धर्म की राजनीति को लेकर बयान
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Published : Dec 16, 2021, 3:59 PM IST

Updated : Dec 16, 2021, 9:52 PM IST

जयपुर. धर्म के नाम पर बात करने वालों पर एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने तीखा हमला बोला है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि धर्म के नाम पर देश बनाना आसान है. देश बन भी जाए लेकिन देश कायम नहीं रह सकता. यह उदाहरण हमारे सामने पाकिस्तान और रूस का है. कुछ लोग धर्म के नाम पर आग लगा रहे हैं, उन्हें समझने की जरूरत है कि आग लगने के बाद बुझाना बहुत मुश्किल है.

दरअसल स्वर्णिम विजय दिवस (Swarnim Vijay Diwas) पर अमर जवान ज्योति पर आयोजित कार्यक्रम (CM Gehlot in Vijay Diwas programme) में बोलते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान धर्म के नाम पर बना था. फिर भी वह एक नहीं रह पाए. उसके भी दो टुकड़े हो गए. इसलिए धर्म के नाम पर देश तो बनाया जा सकता है, देश बन भी जाए, लेकिन वह कायम नहीं रह सकता है.

सीएम गहलोत का धर्म की राजनीति को लेकर बयान

गहलोत ने कहा कि उदाहरण हमारे सामने पाकिस्तान है. पाकिस्तान में 2 भाषा है बंगाली और पंजाबी उर्दू. वह भाषा के नाम पर बंट गए. उन्होंने कहा कि हमारे देश की अखंड संस्कृति ही सबसे बड़ी ताकत है. अगर देश को इस तरह से धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर बांटने लगे तो देश खतरे में आ जाएगा. हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करते हैं, लेकिन क्या यह संभव है?. इस पर विचार करने की जरूरत है.

यह भी पढ़ें. Kataria On Hindu Vs Hindutvavadi: भाजपा नेता ने राहुल गांधी से हिन्दू होने का मांगा प्रमाण!

आरएसएस और बीजेपी दोनों रहनी चाहिए

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि एक बार राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से किसी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस को खत्म कर देना चाहिए. तब उन्होंने इस बात का विरोध किया. उन्होंने कहा था कि इस देश में बीजेपी और आरएसएस का रहना भी जरूरी है और कांग्रेस का रहना भी. यह सब हमारी एक विचारधारा है. अलग अलग विचारधारा की लड़ाई है. बस जरूरत है कि हमें विचारधारा पर बात करनी चाहिए , न कि धर्म और जाति पर. अगर जाति और धर्म पर बात करने लगे तो देश खतरे में आ जाएगा, लोकतंत्र पर खतरा मंडराने लगेगा.

जवाब नहीं देने की कसम खा रखी है प्रधानमंत्री ने

बूस्टर डोज को लेकर प्रधानमंत्री को लिखे पत्र पर जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछा गया कि इसका कोई जवाब केंद्र सरकार से मिला तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी भी पत्र का जवाब नही देने की कसम खा रखी है. प्रधानमंत्री को चाहिए कि कम से कम मुख्यमंत्री पत्र लिखे तो उसका जवाब दें, लेकिन जवाब देते नहीं हैं. मैंने बूस्टर डोज के लिए सबसे पहले आवाज उठाई कहा कि उसका टाइम आ गया है, जितने आर्टिकल, जितने विशेषज्ञों का सर्वे सामने आ रहा है, उसमें बूस्टर डोज की आवश्यकता है. गहलोत ने कहा कि प्राथमिकता पर बूस्टर डोज लगनी चाहिए, लेकिन भारत सरकार की कोई योजना नहीं है कि बूस्टर डोज लगाएं.

ये भी पढ़ें-Rahul Gandhi in Mehangai Hatao Rally: 'मैं हिन्दू हूं लेकिन हिन्दुत्ववादी नहीं, क्योंकि हिन्दू को सत्य चाहिए और हिन्दुत्ववादी को सत्ता'

गहलोत ने कहा कि कल ही नीति आयोग से बातचीत हुई. लेकिन उनकी बातों से लगा कि भारत सरकार की सोच नहीं है कि वह बूस्टर डोज लगाए और न ही बच्चों के वैक्सीन लगाने के बारे में कोई विचार कर रहे हैं. गहलोत ने कहा कि 'मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहूंगा कि जितने विशेषज्ञ कह रहे हैं उनके अनुभव का लाभ लेना चाहिए'. मुख्यमंत्रियों से बात करनी चाहिए, प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करते हुए बूस्टर डोज के बारे में प्राथमिकता से सोचना चाहिए क्योंकि नया वेरिएंट (CM Gehlot on Omicron) कितना खतरनाक होगा, इसके बारे में अभी अंदाजा नहीं लगा सकते हैं. अगर इस वेरिएंट ने अपना स्वरूप बदल दिया तो सरकार की सांसें फूल जाएंगी, लेकिन कंट्रोल नहीं कर पाएंगे.

जयपुर. धर्म के नाम पर बात करने वालों पर एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने तीखा हमला बोला है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि धर्म के नाम पर देश बनाना आसान है. देश बन भी जाए लेकिन देश कायम नहीं रह सकता. यह उदाहरण हमारे सामने पाकिस्तान और रूस का है. कुछ लोग धर्म के नाम पर आग लगा रहे हैं, उन्हें समझने की जरूरत है कि आग लगने के बाद बुझाना बहुत मुश्किल है.

दरअसल स्वर्णिम विजय दिवस (Swarnim Vijay Diwas) पर अमर जवान ज्योति पर आयोजित कार्यक्रम (CM Gehlot in Vijay Diwas programme) में बोलते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान धर्म के नाम पर बना था. फिर भी वह एक नहीं रह पाए. उसके भी दो टुकड़े हो गए. इसलिए धर्म के नाम पर देश तो बनाया जा सकता है, देश बन भी जाए, लेकिन वह कायम नहीं रह सकता है.

सीएम गहलोत का धर्म की राजनीति को लेकर बयान

गहलोत ने कहा कि उदाहरण हमारे सामने पाकिस्तान है. पाकिस्तान में 2 भाषा है बंगाली और पंजाबी उर्दू. वह भाषा के नाम पर बंट गए. उन्होंने कहा कि हमारे देश की अखंड संस्कृति ही सबसे बड़ी ताकत है. अगर देश को इस तरह से धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर बांटने लगे तो देश खतरे में आ जाएगा. हिंदू राष्ट्र बनाने की बात करते हैं, लेकिन क्या यह संभव है?. इस पर विचार करने की जरूरत है.

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आरएसएस और बीजेपी दोनों रहनी चाहिए

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि एक बार राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से किसी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस को खत्म कर देना चाहिए. तब उन्होंने इस बात का विरोध किया. उन्होंने कहा था कि इस देश में बीजेपी और आरएसएस का रहना भी जरूरी है और कांग्रेस का रहना भी. यह सब हमारी एक विचारधारा है. अलग अलग विचारधारा की लड़ाई है. बस जरूरत है कि हमें विचारधारा पर बात करनी चाहिए , न कि धर्म और जाति पर. अगर जाति और धर्म पर बात करने लगे तो देश खतरे में आ जाएगा, लोकतंत्र पर खतरा मंडराने लगेगा.

जवाब नहीं देने की कसम खा रखी है प्रधानमंत्री ने

बूस्टर डोज को लेकर प्रधानमंत्री को लिखे पत्र पर जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछा गया कि इसका कोई जवाब केंद्र सरकार से मिला तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी भी पत्र का जवाब नही देने की कसम खा रखी है. प्रधानमंत्री को चाहिए कि कम से कम मुख्यमंत्री पत्र लिखे तो उसका जवाब दें, लेकिन जवाब देते नहीं हैं. मैंने बूस्टर डोज के लिए सबसे पहले आवाज उठाई कहा कि उसका टाइम आ गया है, जितने आर्टिकल, जितने विशेषज्ञों का सर्वे सामने आ रहा है, उसमें बूस्टर डोज की आवश्यकता है. गहलोत ने कहा कि प्राथमिकता पर बूस्टर डोज लगनी चाहिए, लेकिन भारत सरकार की कोई योजना नहीं है कि बूस्टर डोज लगाएं.

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गहलोत ने कहा कि कल ही नीति आयोग से बातचीत हुई. लेकिन उनकी बातों से लगा कि भारत सरकार की सोच नहीं है कि वह बूस्टर डोज लगाए और न ही बच्चों के वैक्सीन लगाने के बारे में कोई विचार कर रहे हैं. गहलोत ने कहा कि 'मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहूंगा कि जितने विशेषज्ञ कह रहे हैं उनके अनुभव का लाभ लेना चाहिए'. मुख्यमंत्रियों से बात करनी चाहिए, प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करते हुए बूस्टर डोज के बारे में प्राथमिकता से सोचना चाहिए क्योंकि नया वेरिएंट (CM Gehlot on Omicron) कितना खतरनाक होगा, इसके बारे में अभी अंदाजा नहीं लगा सकते हैं. अगर इस वेरिएंट ने अपना स्वरूप बदल दिया तो सरकार की सांसें फूल जाएंगी, लेकिन कंट्रोल नहीं कर पाएंगे.

Last Updated : Dec 16, 2021, 9:52 PM IST
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