जयपुर. राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय पर लगातार जनसुनवाई होती हैं. जिसमें बड़ी तादात में लोग अपनी फरियाद लेकर पहुचते हैं. लेकिन अब ये फरियाद ब्यूरोक्रेसी के लिए मुसीबत बनने जा रही है. जिलों से शिकायतों को लेकर फरियादी जयपुर क्यों आ रहें है, इसका भी कारण देखा जा रहा है.
दरअसल कांग्रेस सरकार का एक साल पूरा होने के एक दिन पहले मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सरकार जनता को देना चाहती है. जिस तरह से कई बार ब्यूरोक्रेसी की शिकायतें आती हैं. उसे भी सरकार गम्भीरता से लेती है. जो भ्रष्टाचार में पकड़े जा रहे हैं, उनकी तो बात ही अलग है. उनके साथ उपर से लेकर नीचे तक कोई समझौता नहीं होगा. जो भ्रष्टाचार करेगा उस पर कार्रवाई होगी.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपनी कलेक्टरों के साथ हुई वीडियो काफ्रेंस का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली वीसी में हमने 9 कर्मचारियों को सस्पेंड किया था. अब हर महीने ये वीसी होगी, ताकि जवाबदेही बनी रहे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय या फिर मुख्यमंत्री आवास पर जो लोग अपनी परेशानिया लेकर आ रहें है, उसमें देखा जा रहा है कि लोग अपनी परेशानियां लेकर जयपुर आ क्यों रहे हैं.
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जबकि सरकार का मानना है कि जिलों में ही शिकायत का निस्तारण हो. जो भी शिकायतें राजधानी में आ रही हैं, उसे सीएमओ में लगी टीम देख रही है. जो बाकायदा शिकायतों का विश्लेषण कर उसे जिलों में भेजती है और जिला प्रशासन को जवाब मांगती है. उसके आधार पर तय होता है कि जो कुछ भी शिकायत थी उसका क्या हुआ. शिकायतें जिस जिले की ज्यादा आ रही हैं. उसके आधार पर भी परफार्मेंस की जांच की जाएगी. इससे जिले से लेकर ब्लॉक तक कौन क्या काम कर रहा है, उसका परफार्मेंस काउंट होगा.