जयपुर: महंगाई के खिलाफ कांग्रेस (Congress Protest Against Inflation) पार्टी के देशव्यापी अभियान (Pan India Campaign Of Congress) को और तेजी देने के साथ ही आम जनता को केंद्र की मोदी सरकार की गलत नीतियों (Modi Government Wrong Policies) के बारे में जानकारी देने के लिए कांग्रेस पार्टी 12 दिसंबर को दिल्ली में एक बड़ी रैली करने जा रही है.
दिल्ली में होने वाली रैली को सफल बनाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी राजस्थान के कंधों पर (Congress Maharally Responsibility On Rajasthan) होगी. इसकी वजह राजस्थान में कांग्रेस की सरकार तो है ही दूसरा कांग्रेस शासित राज्यों के मुकाबले प्रदेश की दिल्ली से नजदीकी भी है.
चूंकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अजय माकन के पद स्थापित होने के बाद (12 दिसंबर को होने वाली कांग्रेस की महारैली) पहली रैली है, सो दोनों खूब मेहनत भी कर रहे हैं. प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने मंगलवार को (30 नवंबर 2021) मंत्री, विधायकों की बैठक ली. सूत्रों के मुताबिक आज उन Inputs के आधार पर डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Trio Of CM Maken Dotasra) से रैली सफल बनाने को लेकर रणनीति बनाएंगे.
भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी मंत्री-विधायकों पर
दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की महारैली (Congress Maharally In Delhi) को सफल बनाने के लिए प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा रहने वाली है. प्रदेश कांग्रेस की ओर से एक परफॉर्मा बनाकर विधायकों, मंत्रियों और निवर्तमान जिला अध्यक्षों को दे दिया गया है जिसमें कौन नेता, कितनी बसों में कितने लोग लेकर गया इसकी जानकारी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय को देनी होगी.
रैली को सफल बनाने की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा दिल्ली से नजदीक 7 जिलों की होगी और यहां के मंत्रियों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी रैली को सफल बनाने की ज्यादा रखी जाएगी. इन 7 जिलों में अलवर, जयपुर, सीकर, चूरू,झुंझुनू ,दोसा ओर भरतपुर शामिल है. मंत्री शकुंतला रावत, टीकाराम जूली, प्रताप सिंह खाचरियावास, महेश जोशी, लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव, मुरारी लाल मीणा, परसादी लाल मीणा, ममता भूपेश, विजेंद्र सिंह ओला, विश्वेंद्र सिंह ,भजन लाल जाटव, जाहिदा और सुभाष गर्ग के कंधों पर ज्यादा भार होगा.