जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ’एक सबके लिए-सब एक के लिए’ का सहकारिता का नारा कोविड-19 संक्रमण के इस दौर में एकदम सटीक बैठता है. संकट की इस घड़ी में हर गरीब किसान को सहकारिता से जोड़कर इस नारे को यथार्थ रूप से धरातल पर उतारने की जरूरत है.
सीएम गहलोत ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 'दी उदयपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड' उदयपुर के प्रताप नगर में नवनिर्मित प्रधान कार्यालय एवं शाखा भवन तथा सहकार भवन चंदेरिया, चित्तौड़गढ़ के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण के बाद संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन को और अधिक मजबूत बनाते हुए इसे हर व्यक्ति तक पहुंचाने की जरूरत है. ज्यादा से ज्यादा किसानों को इससे जोड़ें, ताकि उन्हें सहकारिता का लाभ मिल सके.
किसानों के हित में कई कदम उठाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पिछली सरकार के समय सहकारिता में कई नवाचार हुए और प्रगतिशील कदम उठाए गए. इस बार हमारी सरकार बनने के साथ ही किसानों के हित में कई फैसले लिए गए. कृषक ऋण माफी योजना लाई गई और सहकारी बैंकों से जुड़े अल्पकालीन फसली ऋण लेने वाले किसानों के 30 नवंबर, 2018 तक के समस्त बकाया फसली ऋण माफ किए गए. पिछली सरकार ने ऋण माफी के पेटे 8 हजार करोड़ रुपये में से सिर्फ 2 हजार करोड़ रुपये ही चुकाए थे. उसका बकाया 6 हजार करोड़ रुपये भी हमारी सरकार ने वहन किया. पशुपालकों को दूध पर 2 रुपये प्रति लीटर बोनस देने की घोषणा की गई. उन्होंने कहा कि 25 लाख से अधिक किसानों को इस वित्तीय वर्ष में 16 हजार करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त अल्पकालीन फसली ऋण वितरित किया जाएगा.
नवाचारों से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा सहकारिता के माध्यम से किसानों को मजबूत बनाना है. ऑनलाइन पंजीयन के साथ ही ऑनलाइन ऋण वितरण किया जा रहा है. इन सभी नवाचारों से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता का लाभ अधिक से अधिक किसानों को पहुंचाने के लिए करीब 8 लाख नए किसानों को पहली बार फसली ऋण से जोड़ा गया.
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 में भी 2 लाख 93 हजार नए किसानों को फसली ऋण से जोड़ा गया है. इनमें से एक लाख 60 हजार किसानों को 248 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए. कोरोना संक्रमण के दौरान किसानों को उनके खेत के निकट ही उपज बेचने की सुविधा मिल सके, इसके लिए 783 खरीद केन्द्र खोले गए.
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कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि कोरोना संक्रमण के देखते हुए सहकारी अल्पकालीन फसली ऋण चुकाने की अवधि 31 अगस्त तक बढ़ाई गई है, जिसका लाभ किसानों को मिलेगा. इसके अलावा कृषि उत्पादों को रहन रखने की सुविधा देते हुए 840 ग्राम सेवा सहकारी समितियों द्वारा 1976 किसानों को 3 प्रतिशत ब्याज दर पर करीब 20 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया है.
साथ ही बताया कि सहकारी भूमि विकास बैंकों से दीर्घकालीन कृषि ऋण लेने वाले काश्तकारों के लिए ब्याज अनुदान योजना की अवधि भी बढ़ाकर 30 जून की गई थी, जिसका लाभ बड़ी संख्या में किसानों को मिला. उन्होंने कहा कि क्रय-विक्रय सहकारी समितियों एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों को गौण मण्डी का दर्जा देेने से किसानों को अपनी उपज बेचने में काफी आसानी हुई है. राज्य सरकार का प्रयास रहेगा कि इन्हें आगे भी जारी रखा जाए, ताकि किसानों को इसका लाभ मिलता रहे.
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सहकारिता राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देते हुए 700 नए एटीएम लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है, साथ ही दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में मोबाइल एटीएम वैन की सुविधा भी दी जा रही है. चित्तौड़गढ़ के प्रभारी मंत्री श्री भजन लाल जाटव ने ऋण माफी के फैसले को राज्य सरकार का ऐतिहासिक कदम बताया.
वहीं प्रमुख शासन सचिव सहकारिता कुंजी लाल मीणा ने बताया कि 'दी उदयपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड' के नवनिर्मित प्रधान कार्यालय एवं शाखा भवन के निर्माण पर एक करोड़ 96 लाख रुपये, जबकि सहकार भवन चंदेरिया, चित्तौड़गढ़ के भवन निर्माण पर एक करोड़ 22 लाख रुपये की लागत आई है. कार्यक्रम के अंत में रजिस्ट्रार, सहकारिता मुक्तानंद अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया.