जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कलेक्टर, जिला एवं उपखंड स्तरीय अधिकारियों से क्वॉरेंटाइन व्यवस्थाओं की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने जरूरी निर्देश भी दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले से लेकर पंचायत स्तर तक मौजूद सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को मिलकर ग्राम स्तर तक क्वॉरेंटाइन व्यवस्था को सुचारू बनाना होगा. इस काम में सांसदों, विधायकों के साथ-साथ सभी शहरी एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका है.
वीसी के दौरान जालोर, सिरोही, पाली, नागौर, भरतपुर, जोधपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा और डूंगरपुर के कलेक्टर ने बाहर से अभी तक जिले में आए प्रवासियों की संख्या और उनके लिए की गई क्वॉरेंटाइन सहित अन्य व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी. इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह यादव, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी वीनू गुप्ता, सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
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स्टेशन पर स्क्रीनिंग, बस में खाना पानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रेन से आने वाले लोगों की रेलवे स्टेशन पर ही स्क्रीनिंग करवाकर बसों से उन्हें गंतव्य स्थल तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए. संभव हो तो रेलवे स्टेशन पर उन्हें चाय-नाश्ता उपलब्ध करवाया जाए और बसों में खाने के पैकेट और पानी रखवाया जाए, ताकि उन्हें आगे के सफर मे परेशानी नहीं हो. उन्होंने कहा कि जालोर, सिरोही एवं पाली जैसे जिलों को क्वॉरेंटाइन व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए, क्योंकि वहां बाहर से आने वाले प्रवासियों की संख्या हजारों में है. डूंगरपुर और भरतपुर जैसे सीमावर्ती जिलों को भी प्रवासियों के लिए समुचित इंतजाम किए जाएं.
जिला स्तर पर मजबूत हो जांच सुविधा
मुख्यमंत्री गहलोत ने निर्देश दिए कि टेस्टिंग की जरूरतों को देखते हुए जिला स्तर पर जांच सुविधाओं को मजबूत किया जाए. जालोर, पाली, सिरोही, बांसवाड़ा, बाड़मेर सहित अन्य जिले, जहां प्रवासी अधिक आ रहे हैं. जल्द से जल्द जांच सुविधाएं विकसित की जाएं. प्रवासियों के क्वॉरेंटाइन के लिए स्थानीय विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए. क्वॉरेंटाइन के लिए जगह चिन्हित करने और ग्राम स्तर पर बनाए गए संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटर्स पर भोजन-पानी की व्यवस्था में भी जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही एनसीसी, एनएसएस, स्काउट और नेहरू युवा केन्द्र से जुड़े युवाओं का भी सहयोग लिया जा सकता है.
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राजस्थान ने प्रो-एक्टिव होकर काम किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना का सामना करने में राजस्थान ने प्रो-एक्टिव होकर काम किया है. उन्होंने कहा कि जहां तक संभव हो बाहर से आने वालों को होम क्वॉरेंटाइन रखा जाए, जरूरी हो तभी उन्हें संस्थागत क्वॉरेंटाइन किया जाए. क्वॉरेंटाइन में रखे गए लोगों में किसी तरह के लक्षण दिखाई देने पर उनकी जांच कर कोविड सेंटर में भेजा जाए. अगर कोई प्रवासी श्रमिक सड़क पर पैदल दिखाई दें तो उसके लिए सभी निर्धारित व्यवस्था की जाएं.
मुख्य सचिव ने भी दिए निर्देश
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में अभी 12 हजार से ज्यादा टेस्टिंग की सुविधा प्रतिदिन उपलब्ध है. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं जिला अस्पतालों में अन्य बीमारियों का समुचित इलाज हो, इसका भी ध्यान रखा जाए. मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि अन्तर्राज्यीय आवागमन आसान होने के बाद बाहर से आने वालों की संख्या काफी बढ़ गयी है. ऐसे में अधिकारी प्रवासियों के क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था पर फोकस करें. क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों के साथ अछूत की तरह व्यवहार नहीं हो और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जाए.
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अफसरों ने व्यवस्थाओं की दी जानकारी
अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप और अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह ने भी कलेक्टर्स एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग सुबोध अग्रवाल ने प्रवासियों के लिए की जा रही बसों एवं ट्रेनों की व्यवस्था, जबकि जेडीए आयुक्त टी. रवीकांत ने जयपुर शहर में की गई क्वॉरेंटाइन सेंटर्स की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी.