जयपुर. सीएम गहलोत ने प्रदेश के कर्मचारी और पेंशनरों को बड़ी राहत दी है. गहलोत ने उस प्रस्ताव को मंजूरी दी है कोरोना के दौरान गैर अनुमोदित चिकित्सालयों में कोविड का इलाज कराने वाले कर्मचारी और पेंशनरों को चिकित्सा खर्च का पुनर्भरण मिलने को लेकर दिए गए प्रस्ताव को सीएम गहलोत ने मंजूरी (cm gehlot announcement) दे दी है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 से संक्रमित हुए ऐसे राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स जिन्होंने गैर अनुमोदित चिकित्सालयों में उपचार कराया है, उन्हें भी चिकित्सा व्यय के पुनर्भरण के लिए एक-बारीय शिथिलन देने के प्रस्ताव (reimbursement proposal of Corona treatment) को मंजूरी दी है. साथ ही गैर अनुमोदित चिकित्सालय में उपचार कराने पर अधिकतम इंडिकेटिव स्टे पीरियड पूर्ववत 20 दिवस ही रखे जाने का निर्णय लिया है. सीएम अशोक गहलोत के इस निर्णय से कोविड-19 संक्रमण की विशेष परिस्थितियों में गैर अनुमोदित चिकित्सालयों में उपचार कराने वाले राज्य सरकार के कार्मिकों और पेंशनरों के चिकित्सा व्यय का पुनर्भरण संभव हो सकेगा.
इस शिथिलन का लाभ केवल उन्हीं कार्मिकों और पेंशनरों को देय होगा जिन्होंने कोविड-19 संक्रमण के कारण 30 जून 2021 तक या इससे पहले गैर अनुमोदित चिकित्सालयों में भर्ती रहकर उपचार लिया है. लंबे समय से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास इस बात को लेकर कर्मचारियों की मांग की जा रही थी. कर्मचारी संगठनों की इस मांग को सरकार ने मानते हुए इस प्रस्ताव को मंजूरी दी.