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CM गहलोत ने फिर बोला मोदी सरकार पर हमला, Tweet कर कह दी ये बड़ी बात...

देश भर में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है. सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिये कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा किसानों के विरोध को कम करने के लिए दिए जा रहे बयान दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय हैं.

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Published : Dec 14, 2020, 6:23 PM IST

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अशोक गहलोत ने फिर मोदी सरकार पर बोला हमला...

जयपुर. देश भर में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है. सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिये कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा किसानों के विरोध को कम करने के लिए दिए जा रहे बयान दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय हैं. सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन को बातचीत के जरिये खत्म करने के बजाए, जो बयान जारी किए वो दुर्भाग्यपूर्ण है. केंद्र सरकार को इन विरोध प्रदर्शनों के लिए राष्ट्र विरोधी तत्वों को जिम्मेदार ठहराने की बजाए किसानों की शिकायतों का समाधान करना चाहिए. किसान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं. उनका विरोध स्वास्तिक चिंताओं के लिए है, जिसको केंद्र सरकार नजरअंदाज कर रही है.

  • The statements issued by BJP leaders decrying farmers’ protest are most unfortunate & condemnable. Govt must find an amicable solution & address the grievances of farmers sympathetically instead of blaming gangs, anti national elements for these protests.

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 14, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें: भरतपुर: कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने जिला कलेक्ट्रेट पर दिया धरना, रिलायंस मॉल पर लगाया ताला

इससे पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिये कहा था कि राज्य सरकारों, संगठनों और कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किए तीनों कृषि बिल बनाए गए. इन तीनों बिलों को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किए बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया, जबकि विपक्ष दल इन बिलों को सेलेक्ट कमेटी को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था. केंद्र सरकार ने किसी से कोई चर्चा नहीं की. यही वजह है कि आज पूरे देश में किसान सड़कों पर हैं.

पढ़ें: अलवर में किसानों का गांधीवादी धरना, कृषि कानूनों के विरोध में रिलायंस स्मार्ट कराया बंद

नए किसान कानूनों पर किसान की बात रखने के लिए पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टिन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया. फिर हम सभी चारों कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा, जिसमें किसानों की बात रख सके. लेकिन, राष्ट्रपति की कोई मजबूरी रही होगी, इस कारण हमें मिलने का समय नही मिल सका. सीएम गहलोत ने कहा कि किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी. जिसके कारण आज किसान पूरे देश मे आंदोलन कर रहे हैं.

जयपुर. देश भर में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है. सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिये कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा किसानों के विरोध को कम करने के लिए दिए जा रहे बयान दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय हैं. सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन को बातचीत के जरिये खत्म करने के बजाए, जो बयान जारी किए वो दुर्भाग्यपूर्ण है. केंद्र सरकार को इन विरोध प्रदर्शनों के लिए राष्ट्र विरोधी तत्वों को जिम्मेदार ठहराने की बजाए किसानों की शिकायतों का समाधान करना चाहिए. किसान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं. उनका विरोध स्वास्तिक चिंताओं के लिए है, जिसको केंद्र सरकार नजरअंदाज कर रही है.

  • The statements issued by BJP leaders decrying farmers’ protest are most unfortunate & condemnable. Govt must find an amicable solution & address the grievances of farmers sympathetically instead of blaming gangs, anti national elements for these protests.

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 14, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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इससे पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिये कहा था कि राज्य सरकारों, संगठनों और कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किए तीनों कृषि बिल बनाए गए. इन तीनों बिलों को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किए बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया, जबकि विपक्ष दल इन बिलों को सेलेक्ट कमेटी को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था. केंद्र सरकार ने किसी से कोई चर्चा नहीं की. यही वजह है कि आज पूरे देश में किसान सड़कों पर हैं.

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नए किसान कानूनों पर किसान की बात रखने के लिए पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टिन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया. फिर हम सभी चारों कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा, जिसमें किसानों की बात रख सके. लेकिन, राष्ट्रपति की कोई मजबूरी रही होगी, इस कारण हमें मिलने का समय नही मिल सका. सीएम गहलोत ने कहा कि किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी. जिसके कारण आज किसान पूरे देश मे आंदोलन कर रहे हैं.

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