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चिकित्सा विभाग की समीक्षा बैठक: आमजन को सुगमता से मिले निशुल्क आईपीडी-ओपीडी उपचार: CM गहलोत

सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर चिकित्सा विभाग की समीक्षा बैठक (review meeting of health department) ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि महंगे उपचार के कारण प्रदेशवासियों की जेब पर आने वाले भार को समाप्त करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री निशुल्क निरोगी राजस्थान योजना शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि आमजन को सुगमता से निशुल्क आईपीडी और ओपीडी उपचार मिले.

CM Gehlot took a review meeting with health department
सीएम गहलोत ने चिकित्सा विभाग की समीक्षा बैठक ली
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Published : May 11, 2022, 7:36 AM IST

Updated : May 11, 2022, 8:50 AM IST

जयपुर: सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को चिकित्सा विभाग की समीक्षा बैठक (review meeting of health department) ली. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना की सफलता सुनिश्चित करने का आह्वान (CM Gehlot took a review meeting with health department) किया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मरीजो को ओपीडी और आईपीडी में उपचार और जांच सेवाओं को नि:शुल्क उपलब्ध कराने की इस योजना को सरकार की अभिनव पहल बताई.

गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य का क्षेत्र राज्य सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है. यही कारण है कि हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना और मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं प्रारम्भ की है. इन योजनाओं में प्रदेश के लगभग 1.50 करोड परिवार जुड़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इन योजनाओं का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन हो. इसके लिए योजना की नियमित मॉनिटरिंग और समय-समय पर अधिकारी जनता से फीडबैक लें.

आईपीडी-ओपीडी नि:शुल्क उपचार से आमजन को फायदा- गहलोत ने कहा कि योजना नि:शुल्क ओपीडी-आईपीडी उपचार के अंतर्गत प्रदेश में 1535 प्रकार की दवाइयां, 1582 प्रकार के सर्जिकल और सूचर्स के साथ सीटी स्कैन, एमआरआई, एक्स-रे जैसी जांचें और कॉकलियर इम्प्लांट, बोनमैरो ट्रास्प्लांट, ऑर्गन ट्रास्प्लांट, ब्लड प्लेटलेट्स सहित प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन और लिम्ब प्रोस्थेसिस (बोन कैंसर) जैसी जटिल स्वास्थ्य सेवाएं मरीजो को निःशुल्क दी (free checkups for patients in Rajasthan) जाएंगी. उन्होंने कहा कि योजना का व्यापक प्रचार किया जाए ताकि अधिक से अधिक नागरिक इनसे लाभान्वित हो सके साथ ही हेल्पलाइन नंबर 181 को भी जन-जन तक पहुंचाया जाए.

पढ़ें. Free Treatment Scheme : फ्री इलाज योजना के चलते SMS अस्पताल में CT-MRI व अन्य जांचों के लिए बढ़ी वेटिंग...

नि:शुल्क दवाओं की सप्लाई में न हो कमी- मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि दवाइयों की सप्लाई में किसी प्रकार की कमी नहीं आनी चाहिए. ड्रग वेयर हाउसेज में पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होना चाहिए जिससे कोई भी मरीज निराश न लौटे. साथ ही दवा वितरण केन्द्र आईपीडी से ज्यादा दूर न बनाए जाए ताकि मरीज आसानी से दवाएं प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि बड़े अस्पतालों में काउंटर बनाए जाएं जिससे मरीजों का मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके, और कोरोना काल में चिन्हित किए गए ऐसे डेस्टीट्यूट जिनके पास जन-आधार कार्ड नहीं हैं, उनके जन-आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाए.

संसाधनों की संख्या में की जाए जरूरत अनुसार वृद्धि- गहलोत ने कहा कि इस योजना के लागू होने के बाद चिकित्सा संस्थानों में रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है. प्राथमिक, सामुदायिक जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज के स्तर (cm gehlot said to expand medical facilities) पर नि:शुल्क आईपीडी और ओपीडी का लाभ बिना किसी व्यवधान के मरीजों तक पहुंचना चाहिए. इसके लिए जरूरत अनुसार संसाधनों की संख्या बढ़ाई जाए. बैठक में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव ऊषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा और शासन सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वैभव गालरिया समेत कई अधिकारी मौजूद रहे.

जयपुर: सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को चिकित्सा विभाग की समीक्षा बैठक (review meeting of health department) ली. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना की सफलता सुनिश्चित करने का आह्वान (CM Gehlot took a review meeting with health department) किया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मरीजो को ओपीडी और आईपीडी में उपचार और जांच सेवाओं को नि:शुल्क उपलब्ध कराने की इस योजना को सरकार की अभिनव पहल बताई.

गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य का क्षेत्र राज्य सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है. यही कारण है कि हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना और मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं प्रारम्भ की है. इन योजनाओं में प्रदेश के लगभग 1.50 करोड परिवार जुड़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इन योजनाओं का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन हो. इसके लिए योजना की नियमित मॉनिटरिंग और समय-समय पर अधिकारी जनता से फीडबैक लें.

आईपीडी-ओपीडी नि:शुल्क उपचार से आमजन को फायदा- गहलोत ने कहा कि योजना नि:शुल्क ओपीडी-आईपीडी उपचार के अंतर्गत प्रदेश में 1535 प्रकार की दवाइयां, 1582 प्रकार के सर्जिकल और सूचर्स के साथ सीटी स्कैन, एमआरआई, एक्स-रे जैसी जांचें और कॉकलियर इम्प्लांट, बोनमैरो ट्रास्प्लांट, ऑर्गन ट्रास्प्लांट, ब्लड प्लेटलेट्स सहित प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन और लिम्ब प्रोस्थेसिस (बोन कैंसर) जैसी जटिल स्वास्थ्य सेवाएं मरीजो को निःशुल्क दी (free checkups for patients in Rajasthan) जाएंगी. उन्होंने कहा कि योजना का व्यापक प्रचार किया जाए ताकि अधिक से अधिक नागरिक इनसे लाभान्वित हो सके साथ ही हेल्पलाइन नंबर 181 को भी जन-जन तक पहुंचाया जाए.

पढ़ें. Free Treatment Scheme : फ्री इलाज योजना के चलते SMS अस्पताल में CT-MRI व अन्य जांचों के लिए बढ़ी वेटिंग...

नि:शुल्क दवाओं की सप्लाई में न हो कमी- मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि दवाइयों की सप्लाई में किसी प्रकार की कमी नहीं आनी चाहिए. ड्रग वेयर हाउसेज में पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होना चाहिए जिससे कोई भी मरीज निराश न लौटे. साथ ही दवा वितरण केन्द्र आईपीडी से ज्यादा दूर न बनाए जाए ताकि मरीज आसानी से दवाएं प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि बड़े अस्पतालों में काउंटर बनाए जाएं जिससे मरीजों का मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके, और कोरोना काल में चिन्हित किए गए ऐसे डेस्टीट्यूट जिनके पास जन-आधार कार्ड नहीं हैं, उनके जन-आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाए.

संसाधनों की संख्या में की जाए जरूरत अनुसार वृद्धि- गहलोत ने कहा कि इस योजना के लागू होने के बाद चिकित्सा संस्थानों में रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है. प्राथमिक, सामुदायिक जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज के स्तर (cm gehlot said to expand medical facilities) पर नि:शुल्क आईपीडी और ओपीडी का लाभ बिना किसी व्यवधान के मरीजों तक पहुंचना चाहिए. इसके लिए जरूरत अनुसार संसाधनों की संख्या बढ़ाई जाए. बैठक में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव ऊषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा और शासन सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वैभव गालरिया समेत कई अधिकारी मौजूद रहे.

Last Updated : May 11, 2022, 8:50 AM IST
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