जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वर्तमान में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत लाभार्थियों की संख्या जनगणना 2011 पर आधारित है. बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए सरकार का यह नैतिक दायित्व बनता है कि कोई भी पात्र व्यक्ति राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभ से वंचित न रहे. उन्होंने यह बात शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम ) में नवीन पंजीकरण के संबंध में हुई बैठक के दौरान कही.
सीएम गहलोत ने कहा जनगणना 2011 के आंकड़े वर्तमान परिपेक्ष्य में अपर्याप्त है. ऐसे में सभी गरीबों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम में शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से नए प्रावधान किए जाने चाहिए. पात्र लाभार्थियों की संख्या बढ़ानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रदेश सरकार की ओर से पूर्व में भी प्रधानमंत्री और केन्द्रीय मंत्री से कई बार आग्रह किया जा चुका है. साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से फिर से इस संबंध में प्रधानमंत्री से आग्रह किया जाएगा.
कोई भूखा ना सोएः उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से हर संभव प्रयास कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश में चिन्हित किए गए 33 लाख निराश्रित, असहाय, स्ट्रीट वेंडर व अन्य पात्र व्यक्तियों में से कोई लाभ से वंचित न रहे. साथ ही खाद्य सुरक्षा का दायरा बढ़ाने तथा ‘कोई भूखा ना सोए’ के संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए बजट घोषणा के अनुसार 5 हजार नई राशन की दुकानें खोलने का कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा.
10 लाख नए परिवारों को जोड़ा जाएगाः गहलोत ने अधिकारियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश के सभी पात्र नागरिकों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने के दिशा निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार गरीब, जरूरतमंद और अल्प आय वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार की ‘कोई भूखा ना सोए’ की सोच के साथ उन सभी पात्र लोगों को इस योजना से जोड़ा जाएगा, जो अब तक खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभ से वंचित थे. उन्होंने एनएफएसए सूची में नाम जोड़ने के लिए प्राप्त आवेदनों को फिर से सूचीबद्ध कर बजट घोषणानुसार 10 लाख नवीन परिवारों को शीघ्रातिशीघ्र जोड़ने के भी निर्देश दिए.
डोर स्टेप डिलीवरीः राज्य सरकार दिव्यांग, वृद्धजन आदि को राशन की ‘डोर स्टेप डिलीवरी उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्य कर रही है. इस के लिए 8 लाख से अधिक परिवारों को चिह्नित किया जा चुका है. उन्होंने इसके क्रियान्वयन के लिए आवश्यक. कदम उठाए जाने के भी निर्देश दिए.