जयपुर. कोरोना काल के दौरान बढ़ती महंगाई पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. घरेलू रसोई गैस और पेट्रोल के दामों में हो रही बढ़ोतरी पर सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि एक ओर जहां आम जनता कोरोना संकट के दौर से गुजर रहा है, तो वहीं दूसरी मोदी सरकार आम जनता पर महंगाई की मार डाल रही है. मोदी सरकार ने महंगाई को बढ़ा कर आम जनता के साथ विश्वासघात किया है.
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कोरोना महामारी के दौर में केंद्र सरकार द्वारा डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दामों में बढ़ोत्तरी करना आम आदमी के साथ विश्वासघात है। यूपीए सरकार के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल थीं लेकिन पेट्रोल, डीजल के दाम 70 रुपये प्रति लीटर थे।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 3, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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">कोरोना महामारी के दौर में केंद्र सरकार द्वारा डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दामों में बढ़ोत्तरी करना आम आदमी के साथ विश्वासघात है। यूपीए सरकार के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल थीं लेकिन पेट्रोल, डीजल के दाम 70 रुपये प्रति लीटर थे।
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1/कोरोना महामारी के दौर में केंद्र सरकार द्वारा डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दामों में बढ़ोत्तरी करना आम आदमी के साथ विश्वासघात है। यूपीए सरकार के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल थीं लेकिन पेट्रोल, डीजल के दाम 70 रुपये प्रति लीटर थे।
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सीएम अशोक गहलोत ने ट्विटर के जरिए कहा कि कोरोना काल मे जहां मोदी सरकार को आम लोगों की मदद करनी चाहिए थी, तब मोदी सरकार लोगों को महंगाई का बोझ तले दबा रही है. केंद्र सरकार को आम तबकों को राहत देने के लिए डीजल-पेट्रोल के दाम कम करने चाहिए, जबकि केंद्र सरकार ने रसोई गैस के दामों में 50 रुपए की बढ़ोतरी कर बजट को गड़बड़ा दिया है.
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मोदी सरकार के दौर में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल से भी कम पहुंच गई है लेकिन मोदी सरकार डीजल, पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ा रही ही है।
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2/मोदी सरकार के दौर में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल से भी कम पहुंच गई है लेकिन मोदी सरकार डीजल, पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ा रही ही है।
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केंद्र सरकार की ओर से रसोई गैस सब्सिडी को खत्म कर दी गई है, जिससे उज्जवला योजना में लाभ पाने वाले गरीब लोग भी अपना सिलेंडर की रिफिल भी नहीं करा पा रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में चुनाव आता है तो पेट्रोल-डीजल के दाम को स्थिर कर दिया जाता है और चुनाव खत्म होने के साथ फिर से डीजल और पेट्रोल के दामों में वृद्धि शुरू हो जाती है.
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कोरोना काल में जब सरकार को लोगों की मदद करनी चाहिये थी तब मोदी सरकार लोगों को महंगाई के बोझ तले दबा रही है। केंद्र सरकार को कच्चे तेल की कम कीमत का फायदा आमजन को देने के लिये डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दाम कम करने चाहिये।
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">कोरोना काल में जब सरकार को लोगों की मदद करनी चाहिये थी तब मोदी सरकार लोगों को महंगाई के बोझ तले दबा रही है। केंद्र सरकार को कच्चे तेल की कम कीमत का फायदा आमजन को देने के लिये डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दाम कम करने चाहिये।
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5/कोरोना काल में जब सरकार को लोगों की मदद करनी चाहिये थी तब मोदी सरकार लोगों को महंगाई के बोझ तले दबा रही है। केंद्र सरकार को कच्चे तेल की कम कीमत का फायदा आमजन को देने के लिये डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दाम कम करने चाहिये।
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार के दौर में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 50 डॉलर प्रति बैरल से भी कम पहुंच गई है, लेकिन मोदी सरकार डीजल, पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ा रही है. यूपीए सरकार के समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 120 डॉलर प्रति बैरल थी, तब पेट्रोल-डीजल के दाम 70 रुपए प्रति लीटर थे.