ETV Bharat / city

स्मृति ईरानी के आरोपों पर CM गहलोत का पलटवार...कहा- भ्रामक और झूठे प्रचार से बाज नहीं आ रही भाजपा - केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के आरोपों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है. सीएम गहलोत ने कहा कि दिल्ली से राजस्थान आकर भाजपा के नेता झूठ फैलाते हैं. जनता ने झूठ का निकाय चुनावों में करारा जवाब दिया, लेकिन भाजपा नकारात्मक राजनीति से बाज नहीं आ रही. कर्जमाफी को लेकर स्मृति ईरानी ने जो बयान दिया था उसमें तथ्यों पर पूरा होमवर्क नहीं किया, इसलिए उन्होंने फैक्चुअली इनकरेक्ट बयान दिया.

cm gehlot on diesel petrol prime
CM गहलोत का पलटवार
author img

By

Published : Feb 9, 2021, 8:46 PM IST

जयपुर. सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा 7 फरवरी को जयपर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजस्थान सरकार पर लगाए गए आरोपों पर दिल्ली से आकर भाजपा के नेता राजस्थान में झूठ फलाते हैं. जनता ने नगरीय निकया चुनावों में इनके झूठ और भ्रामक प्रचार का करारा जवाब दिया है, लेकिन बीजेपी नकारात्मक राजनीत से बाज नहीं आ रही है. स्मृति ईरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिथ्या आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने 10 दिन में कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ. गहलोत ने कहा कि ईरानी ने तथ्यों पर पूरा होमवर्क नहीं किया, इसलिए उन्होंने इतना फैक्चुअली इनकरेक्ट बयान दिया है.

पढ़ें : राजस्थान आ रहे राहुल गांधी पर भाजपा का कटाक्ष, पूनिया बोले- इस बार ट्रैक्टर में सोफा सेट लगता है या नहीं...

गहलोत ने आगे कहा कि 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दो दिन बाद 19 दिसंबर को मैंने प्रेस वार्ता कर किसानों की कर्जमाफी का एलान किया. राजस्थान सरकार ने अपने अधीन सभी सहकारी एवं भूमि विकास बैंकों से 20 लाख 56 हजार किसानों के 30 नवंबर 2018 तक किसानों के सम्पूर्ण बकाया फसली ऋणों को माफ किया, साथ ही पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा की गई कर्जमाफी के 6,072 करोड़ रुपये का भुगतान भी कांग्रेस सरकार ने किया. कांग्रेस सरकार ने कुल 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के किसानों के कर्ज माफ किए हैं. श्रीमती ईरानी को बताना चाहिए कि मोदी सरकार 2008 में यूपीए सरकार द्वारा की गई 72 हजार करोड़ रुपये की किसान कर्जमाफी की तरह पूरे देश के किसानों के कर्ज माफ क्यों नहीं कर रही? पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर गहलोत ने कहा कि बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि राज्य सरकार ने वैट बढ़ा रखा है. केन्द्र में जब यूपीए की सरकार थी तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 130 डॉलर प्रति बैरल थीं, लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम 70 रुपये से कम रहते थे. मोदी सरकार के कार्यकाल में कच्चे तेल की कीमतें 50 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं तब भी पेट्रोल-डीजल के दाम 90 रुपये के आसपास क्यों है?

पहले केंद्र सरकार से टैक्स कम करवाएं भाजपा नेता...

प्रदेश सरकार ने 10 दिन पहले ही वैट में दो प्रतिशत की कटौती की है. केन्द्र सरकार को भी बजट में केंद्रीय करों को कम करने का साहस दिखाना चाहिए था. उन्होंने एक्साइज ड्यूटी कम की, लेकिन एक नया सेस लगा दिया जिससे कोई फायदा आम जनता को ना मिल सके. आम जनता को मालूम नहीं है कि पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी का कुछ हिस्सा राज्यों को भी मिलता है, लेकिन मोदी सरकार ने इसमें राज्यों के हिस्से को लगातार कम किया है. केन्द्र सरकार षडयंत्रपूर्ण तरीके से पेट्रोल-डीजल पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और एडिशनल एक्साइज ड्यूटी को बढ़ा रही है, जिससे राज्यों को कोई फायदा ना मिले और केन्द्र सरकार का खजाना भरता रहे. गहलोत ने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में राजस्थान से ज्यादा वैट और टैक्स लग रहे हैं. राजस्थान में पेट्रोल पर 36% वैट एवं 1.5 रुपये सेस और डीजल पर 26% वैट एवं 1.75 रुपये सेस है, जबकि मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर 33% वैट के साथ 4.5 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त वैट एवं 1% सेस है एवं डीजल पर 23% वैट, 3 रुपये अतिरिक्त वैट एवं 1% सेस है जो राजस्थान से ज्यादा है. मणिपुर में पेट्रोल पर 36.50% वैट है, कर्नाटक में पेट्रोल पर 35% सेल्स टैक्स लगता है, अगर बीजेपी नेताओं को जनहित से कोई सरोकार है तो वे पहले केन्द्र सरकार से टैक्स कम करवाएं.

अपना वादा याद करें PM...

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राजस्थान प्रदेश की चिंता ना करें, यहां का संतुलन हमारी सरकार बनाए रखेगी. राजस्थान में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा रिफायनरी का काम पूरे 5 साल तक न अटकाया गया होता तो राजस्थान की जनता को भी यहीं रिफाइन किया गया सस्ता पेट्रोल-डीजल मिल सकता था. ERCP के सवाल पर ईरानी द्वारा कोई जवाब नहीं देने पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि श्रीमती ईरानी को प्रधानमंत्री को राजस्थान की जनता से किया वादा याद करवाना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 जुलाई, 2018 और 6 अक्टूबर, 2018 को राजस्थान में रैली को संबोधित करते हुये ERCP को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने का वादा किया था, लेकिन वो अपने वादे को पूरा ना कर राजस्थान की जनता की उपेक्षा कर रहे. राजस्थान सरकार की कैबिनट ने भी इसके लिए प्रस्ताव पास कर भेजा हुआ है. भारत सरकार द्वारा पूर्व में 16 बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया गया, लेकिन ERCP को अभी तक राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया गया है.

जयपुर. सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा 7 फरवरी को जयपर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राजस्थान सरकार पर लगाए गए आरोपों पर दिल्ली से आकर भाजपा के नेता राजस्थान में झूठ फलाते हैं. जनता ने नगरीय निकया चुनावों में इनके झूठ और भ्रामक प्रचार का करारा जवाब दिया है, लेकिन बीजेपी नकारात्मक राजनीत से बाज नहीं आ रही है. स्मृति ईरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिथ्या आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने 10 दिन में कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ. गहलोत ने कहा कि ईरानी ने तथ्यों पर पूरा होमवर्क नहीं किया, इसलिए उन्होंने इतना फैक्चुअली इनकरेक्ट बयान दिया है.

पढ़ें : राजस्थान आ रहे राहुल गांधी पर भाजपा का कटाक्ष, पूनिया बोले- इस बार ट्रैक्टर में सोफा सेट लगता है या नहीं...

गहलोत ने आगे कहा कि 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दो दिन बाद 19 दिसंबर को मैंने प्रेस वार्ता कर किसानों की कर्जमाफी का एलान किया. राजस्थान सरकार ने अपने अधीन सभी सहकारी एवं भूमि विकास बैंकों से 20 लाख 56 हजार किसानों के 30 नवंबर 2018 तक किसानों के सम्पूर्ण बकाया फसली ऋणों को माफ किया, साथ ही पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा की गई कर्जमाफी के 6,072 करोड़ रुपये का भुगतान भी कांग्रेस सरकार ने किया. कांग्रेस सरकार ने कुल 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के किसानों के कर्ज माफ किए हैं. श्रीमती ईरानी को बताना चाहिए कि मोदी सरकार 2008 में यूपीए सरकार द्वारा की गई 72 हजार करोड़ रुपये की किसान कर्जमाफी की तरह पूरे देश के किसानों के कर्ज माफ क्यों नहीं कर रही? पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर गहलोत ने कहा कि बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि राज्य सरकार ने वैट बढ़ा रखा है. केन्द्र में जब यूपीए की सरकार थी तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 130 डॉलर प्रति बैरल थीं, लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम 70 रुपये से कम रहते थे. मोदी सरकार के कार्यकाल में कच्चे तेल की कीमतें 50 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं तब भी पेट्रोल-डीजल के दाम 90 रुपये के आसपास क्यों है?

पहले केंद्र सरकार से टैक्स कम करवाएं भाजपा नेता...

प्रदेश सरकार ने 10 दिन पहले ही वैट में दो प्रतिशत की कटौती की है. केन्द्र सरकार को भी बजट में केंद्रीय करों को कम करने का साहस दिखाना चाहिए था. उन्होंने एक्साइज ड्यूटी कम की, लेकिन एक नया सेस लगा दिया जिससे कोई फायदा आम जनता को ना मिल सके. आम जनता को मालूम नहीं है कि पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी का कुछ हिस्सा राज्यों को भी मिलता है, लेकिन मोदी सरकार ने इसमें राज्यों के हिस्से को लगातार कम किया है. केन्द्र सरकार षडयंत्रपूर्ण तरीके से पेट्रोल-डीजल पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और एडिशनल एक्साइज ड्यूटी को बढ़ा रही है, जिससे राज्यों को कोई फायदा ना मिले और केन्द्र सरकार का खजाना भरता रहे. गहलोत ने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में राजस्थान से ज्यादा वैट और टैक्स लग रहे हैं. राजस्थान में पेट्रोल पर 36% वैट एवं 1.5 रुपये सेस और डीजल पर 26% वैट एवं 1.75 रुपये सेस है, जबकि मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर 33% वैट के साथ 4.5 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त वैट एवं 1% सेस है एवं डीजल पर 23% वैट, 3 रुपये अतिरिक्त वैट एवं 1% सेस है जो राजस्थान से ज्यादा है. मणिपुर में पेट्रोल पर 36.50% वैट है, कर्नाटक में पेट्रोल पर 35% सेल्स टैक्स लगता है, अगर बीजेपी नेताओं को जनहित से कोई सरोकार है तो वे पहले केन्द्र सरकार से टैक्स कम करवाएं.

अपना वादा याद करें PM...

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राजस्थान प्रदेश की चिंता ना करें, यहां का संतुलन हमारी सरकार बनाए रखेगी. राजस्थान में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा रिफायनरी का काम पूरे 5 साल तक न अटकाया गया होता तो राजस्थान की जनता को भी यहीं रिफाइन किया गया सस्ता पेट्रोल-डीजल मिल सकता था. ERCP के सवाल पर ईरानी द्वारा कोई जवाब नहीं देने पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि श्रीमती ईरानी को प्रधानमंत्री को राजस्थान की जनता से किया वादा याद करवाना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 जुलाई, 2018 और 6 अक्टूबर, 2018 को राजस्थान में रैली को संबोधित करते हुये ERCP को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने का वादा किया था, लेकिन वो अपने वादे को पूरा ना कर राजस्थान की जनता की उपेक्षा कर रहे. राजस्थान सरकार की कैबिनट ने भी इसके लिए प्रस्ताव पास कर भेजा हुआ है. भारत सरकार द्वारा पूर्व में 16 बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया गया, लेकिन ERCP को अभी तक राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.