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भाजपा की तो आदत है भड़काने की, बहकावे में न आएं किसान: अशोक गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि भाजपा किसानों को भड़काने की बजाय राज्य सरकार की सकारात्मक पहल का स्वागत करे. सीएम ने कहा कि बिना जरूरी सिस्टम विकसित किए दिन में बिजली उपलब्ध करवाना संभव नहीं है. दबाव में ऐसी कोशिश करने से समूची बिजली व्यवस्था ठप हो सकती है, जिससे किसानों और पूरे प्रदेश की जनता को परेशानी होगी.

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अशोक गहलोत न्यूज
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Published : Dec 31, 2020, 10:49 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि भाजपा किसानों को भड़काने की बजाय राज्य सरकार की सकारात्मक पहल का स्वागत करे. मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील कि वो भाजपा के बहकावे में ना आएं.

सीएम ने कहा कि बिना जरूरी सिस्टम विकसित किए दिन में बिजली उपलब्ध करवाना संभव नहीं है. दबाव में ऐसी कोशिश करने से समूची बिजली व्यवस्था ठप हो सकती है, जिससे सभी किसानों और पूरे प्रदेश की जनता को परेशानी होगी.

गहलोत ने कहा कि भाजपा की फितरत यही है कि भाजपा ने राज्य सरकार द्वारा दिन में बिजली देने के फैसले का स्वागत करने की बजाय अपना राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए भोले-भाले किसानों को भड़काया. अगर प्रदेश भाजपा के नेता किसानों को लेकर इतने ही चिंतित हैं तो वे अपने केंद्र के नेताओं को सलाह दें कि वे दिल्ली में धरना दे रहे किसानों की मांगों को मानें. सर्दी में एक महीने से धरना देने के कारण 40 किसान भाइयों की मौत हो चुकी है.

पढ़ें: किसान नेता रामपाल जाट की तबीयत बिगड़ी, जयपुर SMS अस्पताल में भर्ती

अशोक गहलोत ने कहा कि किसानों को ठंड के दिनों में रात्रि में खेतों की सिंचाई करने में तकलीफ होती है. इसलिए राज्य सरकार ने फैसला करके यह तय किया कि किसानों को सिंचाई के लिए दिन में थ्री फेज बिजली उपलब्ध करवाई जाए. इसके लिए बजट में घोषणा की गई है.

भाजपा पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों में देखा गया है कि कई जगहों पर भाजपा नेताओं ने अपना राजनीतिक हित साधने के लिए किसानों को भड़काया और किसानों से धरने दिलवाए. ऐसा उन जिलों में किया गया जहां दूसरे और तीसरे चरण में दिन में थ्री फेज बिजली दिया जाना प्रस्तावित है और इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है. भाजपा नेताओं ने इन धरनों के माध्यम से बिजली कर्मचारियों को भयभीत कर उन पर दबाव बनाया. दबाव के कारण कुछ जिलों के अधीक्षण अभियंताओं ने अपने स्तर पर फैसला कर बिना पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर के दिन में बिजली उपलब्ध कराने की कोशिश की. इससे पूरे बिजली सिस्टम में गड़बड़ी आ गई और विद्युत आपूर्ति में समस्या आ गई. इसके कारण राज्य के कई हिस्सों में थ्री फेज के साथ-साथ सिंगल फेज बिजली देने में भी परेशानियां सामने आई हैं.

इन जिलों में दिन में बिजली दी जा रही है

अजमेर, प्रतापगढ़, उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमन्द, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, पाली, सिरोही, जालोर, कोटा, बूंदी, झालावाड़ एवं धौलपुर में दिन में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है. जैसलमेर में मार्च तक दिन में थ्री फेज कृषि बिजली उपलब्ध होगी. दूसरे चरण में 1 अप्रैल 2022 तक सीकर, झुंझुनू, जयपुर, जोधपुर एवं भरतपुर और तीसरे चरण में 1 अप्रैल 2023 तक शेष जिलों बाड़मेर, अलवर, दौसा, नागौर, टोंक, करौली, सवाई माधोपुर, बारां, बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर और हुनमानगढ़ के सभी ग्रामीण फीडरों पर दिन के ही ब्लॉक में विद्युत आपूर्ति के लिए आधारभूत तंत्र को सुदृढ़ किया जा रहा है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि भाजपा किसानों को भड़काने की बजाय राज्य सरकार की सकारात्मक पहल का स्वागत करे. मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील कि वो भाजपा के बहकावे में ना आएं.

सीएम ने कहा कि बिना जरूरी सिस्टम विकसित किए दिन में बिजली उपलब्ध करवाना संभव नहीं है. दबाव में ऐसी कोशिश करने से समूची बिजली व्यवस्था ठप हो सकती है, जिससे सभी किसानों और पूरे प्रदेश की जनता को परेशानी होगी.

गहलोत ने कहा कि भाजपा की फितरत यही है कि भाजपा ने राज्य सरकार द्वारा दिन में बिजली देने के फैसले का स्वागत करने की बजाय अपना राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए भोले-भाले किसानों को भड़काया. अगर प्रदेश भाजपा के नेता किसानों को लेकर इतने ही चिंतित हैं तो वे अपने केंद्र के नेताओं को सलाह दें कि वे दिल्ली में धरना दे रहे किसानों की मांगों को मानें. सर्दी में एक महीने से धरना देने के कारण 40 किसान भाइयों की मौत हो चुकी है.

पढ़ें: किसान नेता रामपाल जाट की तबीयत बिगड़ी, जयपुर SMS अस्पताल में भर्ती

अशोक गहलोत ने कहा कि किसानों को ठंड के दिनों में रात्रि में खेतों की सिंचाई करने में तकलीफ होती है. इसलिए राज्य सरकार ने फैसला करके यह तय किया कि किसानों को सिंचाई के लिए दिन में थ्री फेज बिजली उपलब्ध करवाई जाए. इसके लिए बजट में घोषणा की गई है.

भाजपा पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों में देखा गया है कि कई जगहों पर भाजपा नेताओं ने अपना राजनीतिक हित साधने के लिए किसानों को भड़काया और किसानों से धरने दिलवाए. ऐसा उन जिलों में किया गया जहां दूसरे और तीसरे चरण में दिन में थ्री फेज बिजली दिया जाना प्रस्तावित है और इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है. भाजपा नेताओं ने इन धरनों के माध्यम से बिजली कर्मचारियों को भयभीत कर उन पर दबाव बनाया. दबाव के कारण कुछ जिलों के अधीक्षण अभियंताओं ने अपने स्तर पर फैसला कर बिना पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर के दिन में बिजली उपलब्ध कराने की कोशिश की. इससे पूरे बिजली सिस्टम में गड़बड़ी आ गई और विद्युत आपूर्ति में समस्या आ गई. इसके कारण राज्य के कई हिस्सों में थ्री फेज के साथ-साथ सिंगल फेज बिजली देने में भी परेशानियां सामने आई हैं.

इन जिलों में दिन में बिजली दी जा रही है

अजमेर, प्रतापगढ़, उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमन्द, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, पाली, सिरोही, जालोर, कोटा, बूंदी, झालावाड़ एवं धौलपुर में दिन में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है. जैसलमेर में मार्च तक दिन में थ्री फेज कृषि बिजली उपलब्ध होगी. दूसरे चरण में 1 अप्रैल 2022 तक सीकर, झुंझुनू, जयपुर, जोधपुर एवं भरतपुर और तीसरे चरण में 1 अप्रैल 2023 तक शेष जिलों बाड़मेर, अलवर, दौसा, नागौर, टोंक, करौली, सवाई माधोपुर, बारां, बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर और हुनमानगढ़ के सभी ग्रामीण फीडरों पर दिन के ही ब्लॉक में विद्युत आपूर्ति के लिए आधारभूत तंत्र को सुदृढ़ किया जा रहा है.

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