जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बात कर राजस्थान में कोविड-19 की गंभीर स्थिति से अवगत कराया है. दूसरी तरफ, प्रदेश के तीन कैबिनेट मंत्रियों के समूह की केन्द्र सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ दिनभर चली बैठकों में भी राज्य सरकार ने कोविड के वर्तमान हालात का पूरा ब्यौरा केन्द्र सरकार के साथ साझा किया तथा जल्द से जल्द ऑक्सीजन, इसके परिवहन के लिए टैंकरों एवं अन्य जरूरी दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने की मांग की. गहलोत ने बताया कि सभी केन्द्रीय प्राधिकारियों ने राज्य की आवश्यकताओं को समझा है और पूरी मदद का भरोसा दिया है.
पढ़ें: राजस्थान सरकार की हरकतें सरकार जैसी कम और विपक्ष जैसी ज्यादा लगती है: राज्यवर्धन सिंह राठौड़
मुख्यमंत्री ने मंगलवार रात वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 3 घंटे चली बैठक में कोविड-19 की स्थिति की गहन समीक्षा की. उन्होंने कहा कि राजस्थान में संक्रमण बहुत अधिक तेजी से फैल रहा है, जिसका सबसे बड़ा कारण आमजन द्वारा कोविड अनुशासन की प्रभावी पालना नहीं करना है. यदि लोग स्वयं अनुशासित होकर इस गति पर नियंत्रण में सहयोग नहीं करेंगे तो राज्य सरकार और अधिक कड़े कदम उठाएगी. दिल्ली दौरे पर गए ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल एवं चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत दिल्ली से ही बैठक में शामिल हुए.
गहलोत ने कहा कि तीनों मंत्रियों का दिल्ली दौरा केन्द्र सरकार को राजस्थान में संक्रमण के गंभीर हालात की वास्तविकता बताने में कामयाब रहा. उन्होंने कहा कि इससे एक सकारात्मक माहौल बना है तथा अब केन्द्र सरकार प्रदेश की स्थिति पर अधिक गंभीरता से विचार कर सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने में मदद करेगी. इसके फलस्वरूप राज्य सरकार कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौर में राजस्थानवासियों की जीवन रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों का और अधिक बेहतर प्रबंधन कर सकेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड रोगियों के बेहतर उपचार के लिए जयपुर सहित सभी जिलों में कोविड और नॉन कोविड अस्पतालों का अलग-अलग निर्धारण हो, ताकि ऑक्सीजन सहित तमाम संसाधनों की समय पर आपूर्ति के साथ ही बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित हो सके. उन्होंने निर्देश दिए कि निजी अस्पतालों को रेमडेसिवीर और टॉसिलिजुमेब जैसी दवाओं की उपलब्धता के लिए पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि रोगियों के परिजनों को इसके लिए भटकना नहीं पड़े.
गहलोत ने कहा कि कोविड के कारण मौतों की संख्या में वृद्धि बेहद चिंता का विषय है. जिला प्रशासन सभी मौतों की विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार करें ताकि राज्य सरकार उसके अनुसार अपने प्रबंधन को और अधिक मजबूत कर मृत्युदर में प्रभावी कमी ला सके. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर अस्पतालों की गहन मॉनिटरिंग करते हुए अस्पतालों में संसाधनों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से यह महामारी भयावह रूप ले रही है, उस स्थिति में संक्रमण का प्रसार रोककर ही इस पर काबू पाया जा सकता है. इसके लिए पुलिस एवं प्रशासन जन अनुशासन पखवाड़ा की गाइडलाइन की पालना पूरी सख्ती के साथ कराए. कहीं भी उल्लंघन पाया जाए तो नियमों के अनुरूप सख्त कार्रवाई हो.
उन्होंने शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोविड प्रोटोकॉल की पालना पूरी कड़ाई के साथ करने के निर्देश दिए. गहलोत ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि तेजी से बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए जनसहयोग बहुत जरूरी है. अगर जनता सहयोग नहीं करेगी तो राज्य सरकार कितने भी संसाधन जुटा ले और कितना भी बेहतर प्रबंधन कर ले, संक्रमण की इस चेन को तोड़ना आसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में अपनी और अपनों की जीवन रक्षा के लिए लोग पूरे अनुशासन में रहते हुए मास्क लगाने तथा सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य प्रोटोकॉल की पालना कर जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाएं.
सार्थक रहा तीन मंत्रियों का दिल्ली दौरा
मंत्री समूह ने दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रियों एवं अधिकारियों के साथ दिनभर हुई मुलाकातों और बैठकों का ब्यौरा दिया. मंत्री समूह ने बताया कि उनका दिल्ली आना बहुत ही सार्थक रहा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, रेल मंत्री पीयूष गोयल तथा रसायन राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया सहित संबंधित विभागों के सचिवों के साथ विस्तार से राजस्थान के मेडिकल ऑक्सीजन के कोटे, इसकी परिवहन व्यवस्था तथा जरूरी दवाओं की आपूर्ति पर चर्चा हुई.
मंत्री समूह ने केन्द्रीय मंत्रियों तथा अधिकारियों को मरीजों के बेहतर इलाज के लिए प्रदेश की आवश्यकताओं पर स्पष्ट और तार्किक मांगें रखी. एक बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए और उन्होंने भी राजस्थान की गंभीर स्थिति के अनुरूप मदद करने का आश्वासन दिया. प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने बताया कि जन अनुशासन पखवाड़ा लागू होने के बाद की जा रही सख्ती से करीब 23 जिलों में पॉजिटिव केस की संख्या स्थिरता आई है. उन्होंने कहा कि कोविड सैम्पल देने के बाद लोग स्वयं को आइसोलेट रखें तो संक्रमण का प्रसार रोकने में मदद मिलेगी.
पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल की पालना के लिए लगातार सख्ती की गई है. पहली लहर के मुकाबले एन्फोर्समेंट तीन गुना तक बढ़ाया गया है. ग्रामीण स्तर पर भी कोविड गाइडलाइन्स की पालना कराने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने राज्यभर में ऑक्सीजन की आपूर्ति तथा कोविड प्रबंधन के संबंध में वस्तुस्थिति से अवगत कराया. शासन सचिव स्वायत्त शासन भवानी सिंह देथा ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रदेशभर में कोविड से मृत्यु पर पार्थिव देह का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करवाया जा रहा है.
आरएचयूएस के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस अस्पताल के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी तथा डॉ. वीरेन्द्र सिंह सहित अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी कोविड प्रबंधन एवं संक्रमण की रोकथाम के संबंध में विचार व्यक्त किए. बैठक में चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, एडीजी कानून व्यवस्था सौरभ श्रीवास्तव, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशक पुरूषोतम शर्मा सहित उच्च अधिकारी उपस्थित थे. कोविड-19 महामारी के नियंत्रण के लिए नियोजित नोडल अधिकारी, जिला कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षकों सहित अन्य अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े.