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कोविड की दृष्टि से आगामी 3 महीने चुनौतीपूर्ण, व्यवस्थाओं में नहीं रहे कोई कमी: CM गहलोत

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Published : Nov 11, 2020, 2:10 AM IST

सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजधानी से लेकर ब्लॉक स्तर तक कोविड-19 की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि आगामी तीन महीने कोविड की दृष्टि से बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं. उन्होंने व्यवस्थाओं में कोई कमी नहीं रखने के निर्देश दिए.

CM Ashok Gehlot latest news,  CM Ashok Gehlot
सीएम अशोक गहलोत

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 के प्रबंधन में राजस्थान देश में एक मॉडल स्टेट के रूप में सामने आया है और देश-दुनिया में हमारे प्रयासों की सराहना हुई है. त्योहारी सीजन, सर्दी के मौसम एवं प्रदूषण के कारण आगामी तीन महीने कोविड की दृष्टि से बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं. ऐसे में जिला प्रशासन, चिकित्सा एवं अन्य संबंधित विभाग पहले की तरह ही आगे भी समन्वय एवं पूरी क्षमता के साथ कोविड-19 का बेहतरीन प्रबंधन करें ताकि आने वाले दिनों में कोरोना की स्थिति विस्फोटक नहीं हो.

सीएम अशोक गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजधानी से लेकर ब्लॉक स्तर तक कोविड-19 की समीक्षा कर रहे थे. तीन घंटे से अधिक समय तक चली वीसी में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ संवाद कर कोविड-19 की जमीनी हकीकत जानी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अमेरिका, फ्रांस, यूके, इटली सहित कई देशों में दूसरे चरण में कोविड-19 संक्रमण काफी तेजी से फैला. कई देशों में दोबारा लॉकडाउन लगाना पड़ा. हमारे देश में भी आने वाले समय में संक्रमण बढ़ने की आशंका है.

उपचार में नहीं रखें किसी तरह की कमी

गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए संबंधित अधिकारी सभी जिलों में पहले से ही तमाम आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर लें ताकि हमारे अब तक के प्रयास बेकार ना जाएं और हम आगे भी कोरोना से सफलतापूर्वक लड़ सकें. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों से आने वाले मरीजों को भी उपचार में किसी तरह की कमी नहीं रखें.

पढ़ें- बहरोड़ में हथियार के साथ आरोपी गिरफ्तार, एक नाबालिग भी निरुद्ध

राजस्थान में मास्क के लिए जनआंदोलन

सीएम गहलोत ने कहा कि हाल ही में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वे राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही पूरे देश में मास्क को अनिवार्य रूप से लागू करेंगे, लेकिन राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने मास्क के लिए जनआंदोलन जैसा कार्यक्रम प्रारंभ किया है. साथ ही प्रदेश में मास्क की अनिवार्यता के लिए कानून भी लाया गया है.

मास्क ही कोरोना की वैक्सीन

उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार मास्क ही वर्तमान में कोरोना की वैक्सीन है. हर व्यक्ति आवश्यक रूप से मास्क लगाए क्योंकि किसी भी व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति का जीवन खतरे में डालने का अधिकार नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 टेस्टिंग की पर्याप्त क्षमता उपलब्ध है. संक्रमण रोकने के लिए अधिक से अधिक संख्या में टेस्ट किए जाएं.

आंकड़ों में रखी जा रही पारदर्शिता

गहलोत ने कहा कि कोरोना से संबंधित आंकड़ों में पूरी पारदर्शिता रखी जा रही है. प्रदेश में कोरोना की वास्तविक स्थिति छिपाने की कोई आवश्यकता ही नहीं है क्योंकि राज्य सरकार ने कोरोना के लिए उत्कृष्ट प्रबंधन किया है और हमारे पास पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन एवं आईसीयू बेड, वेंटीलेटर सहित अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं.

संसाधनों की कोई कमी नहीं

सीएम गहलोत ने 'कोई भूखा नहीं सोए' के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिस तरह इस संकल्प को साकार किया गया, आगे भी यह ध्यान रखा जाए कि कोई व्यक्ति खाद्यान्न एवं राशन के लिए परेशान न हो. उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई में संसाधनों को लेकर किसी तरह की कमी नहीं रखेंगे.

स्वास्थ्य विभाग पूरी तैयारी रखें: रघु शर्मा

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि सर्दी में संक्रमण बढ़ने की आशंका को देखते हुए विभाग पूरी तैयारी रखें. उन्होंने कहा कि 2000 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी. इससे चिकित्सकों की कमी काफी हद तक पूरी हो सकेगी. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि अधिकारी जिला मुख्यालय स्तर के अस्पतालों का दौरा कर कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ का मनोबल बढ़ाएं.

कोरोना संक्रमण अभी भी बरकरार है: आर्य

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि कोरोना संक्रमण अभी भी बरकरार है. ऐसे में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतें. पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने कहा कि त्योहारी सीजन में हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना के लिए आमजन को जागरूक करना होगा.

प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में...

शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है. अब तक संक्रमण की दर 5.47 फीसदी रही है, जबकि राष्ट्रीय औसत 7.18 फीसदी है. इसी तरह वर्तमान में कोरोना से मृत्युदर प्रदेश में 0.94 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 1.48 फीसदी है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 की दैनिक समीक्षा कर सभी आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित किए जा रहे हैं.

कोरोना संक्रमण रोकने में मास्क बेहद कारगार

राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार ने बताया कि संक्रमण रोकने में मास्क बेहद कारगर है. प्रदेश में इसके लिए चल रहे जनआंदोलन के सकारात्मक परिणाम आए हैं. सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने कहा कि कोरोना जांच नेगेटिव आने के बावजूद सिरदर्द, खांसी, जुकाम, वायरल फीवर आदि लक्षण हों तो चिकित्सक से आवश्यक रूप से परामर्श लें. उन्होंने बताया कि आरयूएचएस हॉस्पीटल में कोविड के ऐसे रोगियों के लिए डे-केयर सेन्टर शुरू किया है, जो किन्हीं कारणों से अस्पताल में भर्ती नहीं हो सकते हैं. उन्हें डे-केयर सुविधा में कोविड उपचार दिया जा रहा है.

पढ़ें- कांग्रेस ने बोर्ड बना तो लिया है, लेकिन ज्यादा दिन चला नहीं पाएगी : कुसुम यादव

चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि कोरोना को लेकर बेफिक्री आने वाले समय में घातक हो सकती है. सर्दी के मौसम और प्रदूषण के कारण संक्रमण बढ़ सकता है. ऐसे में मास्क अनिवार्य रूप से लगाएं. को-मोरबिड रोगी कम से कम घर से बाहर निकलें.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 के प्रबंधन में राजस्थान देश में एक मॉडल स्टेट के रूप में सामने आया है और देश-दुनिया में हमारे प्रयासों की सराहना हुई है. त्योहारी सीजन, सर्दी के मौसम एवं प्रदूषण के कारण आगामी तीन महीने कोविड की दृष्टि से बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं. ऐसे में जिला प्रशासन, चिकित्सा एवं अन्य संबंधित विभाग पहले की तरह ही आगे भी समन्वय एवं पूरी क्षमता के साथ कोविड-19 का बेहतरीन प्रबंधन करें ताकि आने वाले दिनों में कोरोना की स्थिति विस्फोटक नहीं हो.

सीएम अशोक गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजधानी से लेकर ब्लॉक स्तर तक कोविड-19 की समीक्षा कर रहे थे. तीन घंटे से अधिक समय तक चली वीसी में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ संवाद कर कोविड-19 की जमीनी हकीकत जानी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अमेरिका, फ्रांस, यूके, इटली सहित कई देशों में दूसरे चरण में कोविड-19 संक्रमण काफी तेजी से फैला. कई देशों में दोबारा लॉकडाउन लगाना पड़ा. हमारे देश में भी आने वाले समय में संक्रमण बढ़ने की आशंका है.

उपचार में नहीं रखें किसी तरह की कमी

गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए संबंधित अधिकारी सभी जिलों में पहले से ही तमाम आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर लें ताकि हमारे अब तक के प्रयास बेकार ना जाएं और हम आगे भी कोरोना से सफलतापूर्वक लड़ सकें. उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों से आने वाले मरीजों को भी उपचार में किसी तरह की कमी नहीं रखें.

पढ़ें- बहरोड़ में हथियार के साथ आरोपी गिरफ्तार, एक नाबालिग भी निरुद्ध

राजस्थान में मास्क के लिए जनआंदोलन

सीएम गहलोत ने कहा कि हाल ही में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वे राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही पूरे देश में मास्क को अनिवार्य रूप से लागू करेंगे, लेकिन राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने मास्क के लिए जनआंदोलन जैसा कार्यक्रम प्रारंभ किया है. साथ ही प्रदेश में मास्क की अनिवार्यता के लिए कानून भी लाया गया है.

मास्क ही कोरोना की वैक्सीन

उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार मास्क ही वर्तमान में कोरोना की वैक्सीन है. हर व्यक्ति आवश्यक रूप से मास्क लगाए क्योंकि किसी भी व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति का जीवन खतरे में डालने का अधिकार नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 टेस्टिंग की पर्याप्त क्षमता उपलब्ध है. संक्रमण रोकने के लिए अधिक से अधिक संख्या में टेस्ट किए जाएं.

आंकड़ों में रखी जा रही पारदर्शिता

गहलोत ने कहा कि कोरोना से संबंधित आंकड़ों में पूरी पारदर्शिता रखी जा रही है. प्रदेश में कोरोना की वास्तविक स्थिति छिपाने की कोई आवश्यकता ही नहीं है क्योंकि राज्य सरकार ने कोरोना के लिए उत्कृष्ट प्रबंधन किया है और हमारे पास पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन एवं आईसीयू बेड, वेंटीलेटर सहित अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं.

संसाधनों की कोई कमी नहीं

सीएम गहलोत ने 'कोई भूखा नहीं सोए' के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिस तरह इस संकल्प को साकार किया गया, आगे भी यह ध्यान रखा जाए कि कोई व्यक्ति खाद्यान्न एवं राशन के लिए परेशान न हो. उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई में संसाधनों को लेकर किसी तरह की कमी नहीं रखेंगे.

स्वास्थ्य विभाग पूरी तैयारी रखें: रघु शर्मा

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि सर्दी में संक्रमण बढ़ने की आशंका को देखते हुए विभाग पूरी तैयारी रखें. उन्होंने कहा कि 2000 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी. इससे चिकित्सकों की कमी काफी हद तक पूरी हो सकेगी. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि अधिकारी जिला मुख्यालय स्तर के अस्पतालों का दौरा कर कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ का मनोबल बढ़ाएं.

कोरोना संक्रमण अभी भी बरकरार है: आर्य

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि कोरोना संक्रमण अभी भी बरकरार है. ऐसे में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतें. पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने कहा कि त्योहारी सीजन में हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना के लिए आमजन को जागरूक करना होगा.

प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में...

शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है. अब तक संक्रमण की दर 5.47 फीसदी रही है, जबकि राष्ट्रीय औसत 7.18 फीसदी है. इसी तरह वर्तमान में कोरोना से मृत्युदर प्रदेश में 0.94 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 1.48 फीसदी है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 की दैनिक समीक्षा कर सभी आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित किए जा रहे हैं.

कोरोना संक्रमण रोकने में मास्क बेहद कारगार

राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार ने बताया कि संक्रमण रोकने में मास्क बेहद कारगर है. प्रदेश में इसके लिए चल रहे जनआंदोलन के सकारात्मक परिणाम आए हैं. सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने कहा कि कोरोना जांच नेगेटिव आने के बावजूद सिरदर्द, खांसी, जुकाम, वायरल फीवर आदि लक्षण हों तो चिकित्सक से आवश्यक रूप से परामर्श लें. उन्होंने बताया कि आरयूएचएस हॉस्पीटल में कोविड के ऐसे रोगियों के लिए डे-केयर सेन्टर शुरू किया है, जो किन्हीं कारणों से अस्पताल में भर्ती नहीं हो सकते हैं. उन्हें डे-केयर सुविधा में कोविड उपचार दिया जा रहा है.

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चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि कोरोना को लेकर बेफिक्री आने वाले समय में घातक हो सकती है. सर्दी के मौसम और प्रदूषण के कारण संक्रमण बढ़ सकता है. ऐसे में मास्क अनिवार्य रूप से लगाएं. को-मोरबिड रोगी कम से कम घर से बाहर निकलें.

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