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सीएम गहलोत ने बुलाई आपात बैठक, प्रदेश में पानी-बिजली के बिगड़े हालात पर लेंगे फीडबैक...ट्वीट कर केन्द्र सरकार पर खड़े किए सवाल

प्रदेश में बढ़ती गर्मी, पेयजल संकट और बीजली कटौती को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत आज 12 बजे बैठक करेंगे. इसमें वो प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त से तत्कालीन हालात का फीडबैक लेंगे. इस बैठक से पहले सीएम ने ट्वीट कर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है साथ ही प्रदेशवासियों से बिजली बचाने की अपील की है.

Water Supply problems in Rajasthan
सीएम की बैठक
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Published : Apr 29, 2022, 11:02 AM IST

जयपुर. प्रदेश में बढ़ती गर्मी के सितम के साथ ही अब पानी और बिजली ने भी आम जनजीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. बिजली के संकट के बीच प्रदेश में बिजली कटौती शुरू हो गई है. वहीं पेयजल आपूर्ति सुचारू रूप से नहीं होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन हालातों पर मंथन करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज आपात बैठक बुलाई है. इस बैठक में पानी बिजली के बिगड़े हालातों पर प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त से फीडबैक लिया जाएगा.

बिगड़े हालातों पर फीडबैक: प्रदेश में पानी का संकट विकराल रूप ले रहा है. कई जगह पर तो कई दिनों से पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इन सबके बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज दोपहर 12:00 बजे प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर, संभागीय आयुक्त, विभागों के मंत्रियों और संबंधित अधिकारियों से फीडबैक लेंगे. मुख्यमंत्री निवास पर होने वाली इस बैठक में सभी जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे. वहीं मंत्री और विभाग के आला अधिकारी सीएमआर से मीटिंग में शामिल होंगे.

कोयले की किल्लत ने बिगाड़ा गणित: राजस्थान में कोयले की किल्लत और तेज गर्मी के कारण बिजली की डिमांड में बढ़त देखने को मिली है. इस कारण प्रदेश का पावर तंत्र गड़बड़ा गया है. सीएम और मंत्रियों को Peak Hour में आम जनता को बिजली मुहैया कराने के लिए सरकार ने बिजली कटौती का फैसला किया. इसके बाद प्रदेश में बिजली कटौती का शेड्यूल जारी किया गया. इसके तहत संभाग स्तर पर एक घंटे, जिला स्तर पर 2 घंटे और कस्बा और नगर पालिका स्तर पर 3 घंटे की बिजली कटौती शुरू की गई.

पढ़ें-पीएम मोदी सभी राज्यों के सीएम से खुलकर चर्चा करें तो वास्तविकता पता लगे-सीएम गहलोत

बिजली कटौती से पानी सप्लाई बाधित: प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा जिले हैं, जहां पर पानी की भारी किल्लत ने आम जनजीवन को बुरी तरीके से प्रभावित कर दिया है. इसके साथ ही प्रदेश में शुरू हुई बिजली कटौती सोने पर सुहागा की तरह है. चूरू में 3 दिन से बिजली कटौती का असर पानी सप्लाई सप्लाई पर पड़ा है. 3 दिनों से शहर में पानी की सप्लाई सुचारू रूप से नहीं हो पा रही है. इसी तरह से झालावाड़, जोधपुर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, पाली, अलवर, जैसलमेर सहित कई जिले ऐसे हैं, जहां पर बिजली कटौती ने पानी की सप्लाई को प्रभावित किया है.

Water Supply problems in Rajasthan
सीएम का ट्वीट
  • यह एक राष्ट्रीय संकट है। मैं सभी से अपील करता हूं कि इस संकट में एकजुट होकर परिस्थितियों को बेहतर करने में सरकार का साथ दें। अपने निवास या कार्यक्षेत्र के गैर-जरूरी बिजली उपकरणों को बन्द रखें। अपनी प्राथमिकताएं तय कर बिजली का उपयोग जरूरत के मुताबिक करें।
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    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • राजस्थान में प्रदेश भाजपा बिजली घरों पर प्रदर्शन कर इस संकट में चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे बिजली कर्मचारियों को परेशान कर उन पर दबाव बनाने का कार्य कर रही है। मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि राज्यों को कोयला उपलब्ध करवाने का काम केन्द्र सरकार का है।
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    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • क्या प्रदेश भाजपा का दिशाहीन नेतृत्व केन्द्र सरकार से इस बारे में सवाल पूछेगा कि वो मांग के अनुसार कोयला उपलब्ध करवाने में सक्षम क्यों नहीं है जिसके कारण 16 राज्यों में बिजली कटौती की नौबत आई है?
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    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएम का ट्वीट: सीएम ने आज इस बैठक से पहले कई माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. जिसमें उन्होंने केन्द्र की भाजपा सरकार को बिजली संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही सीएम ने लोगों से बिजली समस्या से निपटने में सरकार की मदद करने की अपील भी की है. सीएम ने लिखा है- 'देश के 16 राज्यों में बढ़ती गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है एवं इसके अनुरूप कोयले की आपूर्ति नहीं हो रही है जिसके कारण आवश्यकतानुसार बिजली आपूर्ति संभव नहीं है. यह एक राष्ट्रीय संकट है। मैं सभी से अपील करता हूं कि इस संकट में एकजुट होकर परिस्थितियों को बेहतर करने में सरकार का साथ दें. अपने निवास या कार्यक्षेत्र के गैर-जरूरी बिजली उपकरणों को बन्द रखें.अपनी प्राथमिकताएं तय कर बिजली का उपयोग जरूरत के मुताबिक करें. '

'राजस्थान में प्रदेश भाजपा बिजली घरों पर प्रदर्शन कर इस संकट में चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे बिजली कर्मचारियों को परेशान कर उन पर दबाव बनाने का कार्य कर रही है. मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि राज्यों को कोयला उपलब्ध करवाने का काम केन्द्र सरकार का है. क्या प्रदेश भाजपा का दिशाहीन नेतृत्व केन्द्र सरकार से इस बारे में सवाल पूछेगा कि वो मांग के अनुसार कोयला उपलब्ध करवाने में सक्षम क्यों नहीं है जिसके कारण 16 राज्यों में बिजली कटौती की नौबत आई है?'

जयपुर. प्रदेश में बढ़ती गर्मी के सितम के साथ ही अब पानी और बिजली ने भी आम जनजीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. बिजली के संकट के बीच प्रदेश में बिजली कटौती शुरू हो गई है. वहीं पेयजल आपूर्ति सुचारू रूप से नहीं होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन हालातों पर मंथन करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज आपात बैठक बुलाई है. इस बैठक में पानी बिजली के बिगड़े हालातों पर प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त से फीडबैक लिया जाएगा.

बिगड़े हालातों पर फीडबैक: प्रदेश में पानी का संकट विकराल रूप ले रहा है. कई जगह पर तो कई दिनों से पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इन सबके बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज दोपहर 12:00 बजे प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर, संभागीय आयुक्त, विभागों के मंत्रियों और संबंधित अधिकारियों से फीडबैक लेंगे. मुख्यमंत्री निवास पर होने वाली इस बैठक में सभी जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ेंगे. वहीं मंत्री और विभाग के आला अधिकारी सीएमआर से मीटिंग में शामिल होंगे.

कोयले की किल्लत ने बिगाड़ा गणित: राजस्थान में कोयले की किल्लत और तेज गर्मी के कारण बिजली की डिमांड में बढ़त देखने को मिली है. इस कारण प्रदेश का पावर तंत्र गड़बड़ा गया है. सीएम और मंत्रियों को Peak Hour में आम जनता को बिजली मुहैया कराने के लिए सरकार ने बिजली कटौती का फैसला किया. इसके बाद प्रदेश में बिजली कटौती का शेड्यूल जारी किया गया. इसके तहत संभाग स्तर पर एक घंटे, जिला स्तर पर 2 घंटे और कस्बा और नगर पालिका स्तर पर 3 घंटे की बिजली कटौती शुरू की गई.

पढ़ें-पीएम मोदी सभी राज्यों के सीएम से खुलकर चर्चा करें तो वास्तविकता पता लगे-सीएम गहलोत

बिजली कटौती से पानी सप्लाई बाधित: प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा जिले हैं, जहां पर पानी की भारी किल्लत ने आम जनजीवन को बुरी तरीके से प्रभावित कर दिया है. इसके साथ ही प्रदेश में शुरू हुई बिजली कटौती सोने पर सुहागा की तरह है. चूरू में 3 दिन से बिजली कटौती का असर पानी सप्लाई सप्लाई पर पड़ा है. 3 दिनों से शहर में पानी की सप्लाई सुचारू रूप से नहीं हो पा रही है. इसी तरह से झालावाड़, जोधपुर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, पाली, अलवर, जैसलमेर सहित कई जिले ऐसे हैं, जहां पर बिजली कटौती ने पानी की सप्लाई को प्रभावित किया है.

Water Supply problems in Rajasthan
सीएम का ट्वीट
  • यह एक राष्ट्रीय संकट है। मैं सभी से अपील करता हूं कि इस संकट में एकजुट होकर परिस्थितियों को बेहतर करने में सरकार का साथ दें। अपने निवास या कार्यक्षेत्र के गैर-जरूरी बिजली उपकरणों को बन्द रखें। अपनी प्राथमिकताएं तय कर बिजली का उपयोग जरूरत के मुताबिक करें।
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    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • राजस्थान में प्रदेश भाजपा बिजली घरों पर प्रदर्शन कर इस संकट में चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे बिजली कर्मचारियों को परेशान कर उन पर दबाव बनाने का कार्य कर रही है। मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि राज्यों को कोयला उपलब्ध करवाने का काम केन्द्र सरकार का है।
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  • क्या प्रदेश भाजपा का दिशाहीन नेतृत्व केन्द्र सरकार से इस बारे में सवाल पूछेगा कि वो मांग के अनुसार कोयला उपलब्ध करवाने में सक्षम क्यों नहीं है जिसके कारण 16 राज्यों में बिजली कटौती की नौबत आई है?
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    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएम का ट्वीट: सीएम ने आज इस बैठक से पहले कई माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. जिसमें उन्होंने केन्द्र की भाजपा सरकार को बिजली संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इसके साथ ही सीएम ने लोगों से बिजली समस्या से निपटने में सरकार की मदद करने की अपील भी की है. सीएम ने लिखा है- 'देश के 16 राज्यों में बढ़ती गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है एवं इसके अनुरूप कोयले की आपूर्ति नहीं हो रही है जिसके कारण आवश्यकतानुसार बिजली आपूर्ति संभव नहीं है. यह एक राष्ट्रीय संकट है। मैं सभी से अपील करता हूं कि इस संकट में एकजुट होकर परिस्थितियों को बेहतर करने में सरकार का साथ दें. अपने निवास या कार्यक्षेत्र के गैर-जरूरी बिजली उपकरणों को बन्द रखें.अपनी प्राथमिकताएं तय कर बिजली का उपयोग जरूरत के मुताबिक करें. '

'राजस्थान में प्रदेश भाजपा बिजली घरों पर प्रदर्शन कर इस संकट में चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे बिजली कर्मचारियों को परेशान कर उन पर दबाव बनाने का कार्य कर रही है. मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि राज्यों को कोयला उपलब्ध करवाने का काम केन्द्र सरकार का है. क्या प्रदेश भाजपा का दिशाहीन नेतृत्व केन्द्र सरकार से इस बारे में सवाल पूछेगा कि वो मांग के अनुसार कोयला उपलब्ध करवाने में सक्षम क्यों नहीं है जिसके कारण 16 राज्यों में बिजली कटौती की नौबत आई है?'

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