जयपुर. लंबे समय से सरकार से नाराज श्रमिक संगठनों को मनाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद ने पहल की है. सीएम गहलोत ने श्रमिक संगठनों के साथ ना केवल चर्चा की बल्कि उन्होंने आश्वस्त किया कि श्रमिकों के कल्याण की लिए सरकार पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों के हितों को लेकर गंभीर है और इस दिशा में लगातार संवेदनशील सोच के साथ निर्णय लिए हैं. उन्होंने कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर के समय मोक्ष कलश बसों के सुचारू संचालन तथा संकट की घड़ी में प्रवासियों को गंतव्य तक पहुंचाने में निभाई भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि रीट जैसी बड़ी प्रतियोगी परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों को सुगमतापूर्वक परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचाने में भी रोडवेज ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के सफल आयोजन में भी रोडवेजकर्मी अपने दायित्व का निर्वहन करें. गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए उनकी वाजिब मांगों के सम्बन्ध में सकारात्मक रूख के साथ चरणबद्ध रूप से निर्णय लेगी. रोडवेज और जेसीटीसीएल से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी जल्द बैठक कर निर्णय लिए जाएंगे.
मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुलाकात
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से निवास पर विभिन्न मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की और अपनी विभिन्न मांगों को बताया. इन्टक के जगदीश राज श्रीमाली और घासीलाल, एटक रोडवेज के एमएल यादव और कुनाल रावत, सीटू के रामपाल सैनी और भंवरसिंह राणा, एचएमएस के मुकेश माथुर और सीपीआई के डीके छंगाणी आदि पदाधिकारी मौजूद थे. संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में लाए गए श्रम कानूनों में परिवर्तन पर पुनर्विचार किया जाए.
साथ ही, भारत सरकार की ओर से लागू होने वाले लेबर कोड को लेकर सभी श्रमिक संगठनों के साथ चर्चा की जाए. न्यूनतम मजदूरी के निर्धारण में सुधार हो. श्रमिकों के कल्याण के लिए श्रमिक कल्याण केन्द्र बनाने के साथ ही मजदूर भवन बनाया जाए. साथ ही पदाधिकारियों ने सेवानिवृत्त रोडवेज कर्मियों की ग्रेच्युटी का भुगतान करने के निर्णय पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. उन्होंने मुख्यमंत्री को रोडवेज कार्मिकों के लिए नियमित वेतन भुगतान के लिए ग्रांट व्यवस्था को सुदृढ़ करने, रोडवेज बसों की संख्या में वृद्धि करने, रिक्त पदों को भरने, सेस फण्ड सहित सेवानिवृत्ति के बकाया अन्य परिलाभ दिलाने का आग्रह किया.