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राजस्थान : होटल एवं रेस्टोरेंट बार लाइसेंस की फीस में राहत, वर्कर्स कॉन्ट्रैक्ट पर स्टाम्प ड्यूटी भी घटाई - Hotel and Restaurant Bar License Fee

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने होटल और रेस्टोरेंट बार के अनुज्ञाधारियों को बार लाइसेंस फीस में राहत दिया है. साथ ही वर्कर्स कॉन्ट्रैक्ट पर स्टाम्प ड्यूटी भी घटा दी है.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
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Published : Nov 5, 2020, 8:17 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के मद्देनजर होटल और रेस्टोरेंट बार के अनुज्ञाधारियों को बार लाइसेंस फीस में राहत देने का निर्णय लिया है. उन्होंने इस संदर्भ में वित्त विभाग के प्रस्ताव को स्वीकार कर तत्संबंधी अधिसूचना के प्रारूप को स्वीकृति दे दी है.

प्रस्ताव के अनुसार कोविड-19 महामारी और इसके चलते देशव्यापी लाॅकडाउन के कारण होटल-रेस्टोरेंट उद्योग पर दुष्प्रभाव पड़ा है. इसके चलते होटल और रेस्टोरेंट बार अनुज्ञाधारियों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए लाइसेंस फीस दो किश्तों में जमा कराने की छूट पहले ही दी जा चुकी है. अब बार लाइसेंस फीस की दूसरी किश्त बिना किसी अतिरिक्त शुल्क या पेनल्टी के 31 दिसंबर 2020 तक जमा कराने की छूट दी गई है.

पढ़ें- गुर्जर आरक्षण आंदोलन : मेनिफेस्टो ही बना गहलोत सरकार के गले की फांस...

इसके अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 30 सितंबर 2020 तक नवीनीकृत सभी होटल, क्लब एवं रेस्टोरेंट बार के अनुज्ञाधारियों को वार्षिक लाइसेंस फीस में 25 फीसदी की छूट दी जाएगी. जिसका समायोजन वित्तीय वर्ष 2021-22 में देय होगा. 30 सितंबर 2020 तक बार लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करने वाले और नई बार के लिए आवेदन के प्रकरणों में बार लाइसेंस के लिए वार्षिक फीस पर 50 फीसदी की छूट दी जाएगी.

मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव का किया अनुमोदन...

राज्य सरकार ने प्रदेश में वर्कर्स कॉन्ट्रैक्ट पर देय स्टाम्प ड्यूटी की दरों को कम करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में वित्त विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है. प्रस्ताव के अनुसार प्रदेश में 50 लाख रुपए मूल्य तक के वर्कर्स कॉन्ट्रैक्ट पर 1000 रुपए स्टाम्प ड्यूटी देय होगी. 50 लाख रुपए से अधिक मूल्य के काॅन्ट्रैक्ट पर काॅन्ट्रैक्ट की राशि का 0.15 फीसदी और अधिकतम 25 लाख रुपए स्टाम्प ड्यूटी देय होगी. इससे कोरोना काल में क्रियाशील पूंजी की कमी से जूझ रहे ठेकेदारों को राहत मिलेगी.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के मद्देनजर होटल और रेस्टोरेंट बार के अनुज्ञाधारियों को बार लाइसेंस फीस में राहत देने का निर्णय लिया है. उन्होंने इस संदर्भ में वित्त विभाग के प्रस्ताव को स्वीकार कर तत्संबंधी अधिसूचना के प्रारूप को स्वीकृति दे दी है.

प्रस्ताव के अनुसार कोविड-19 महामारी और इसके चलते देशव्यापी लाॅकडाउन के कारण होटल-रेस्टोरेंट उद्योग पर दुष्प्रभाव पड़ा है. इसके चलते होटल और रेस्टोरेंट बार अनुज्ञाधारियों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए लाइसेंस फीस दो किश्तों में जमा कराने की छूट पहले ही दी जा चुकी है. अब बार लाइसेंस फीस की दूसरी किश्त बिना किसी अतिरिक्त शुल्क या पेनल्टी के 31 दिसंबर 2020 तक जमा कराने की छूट दी गई है.

पढ़ें- गुर्जर आरक्षण आंदोलन : मेनिफेस्टो ही बना गहलोत सरकार के गले की फांस...

इसके अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 30 सितंबर 2020 तक नवीनीकृत सभी होटल, क्लब एवं रेस्टोरेंट बार के अनुज्ञाधारियों को वार्षिक लाइसेंस फीस में 25 फीसदी की छूट दी जाएगी. जिसका समायोजन वित्तीय वर्ष 2021-22 में देय होगा. 30 सितंबर 2020 तक बार लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करने वाले और नई बार के लिए आवेदन के प्रकरणों में बार लाइसेंस के लिए वार्षिक फीस पर 50 फीसदी की छूट दी जाएगी.

मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव का किया अनुमोदन...

राज्य सरकार ने प्रदेश में वर्कर्स कॉन्ट्रैक्ट पर देय स्टाम्प ड्यूटी की दरों को कम करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में वित्त विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है. प्रस्ताव के अनुसार प्रदेश में 50 लाख रुपए मूल्य तक के वर्कर्स कॉन्ट्रैक्ट पर 1000 रुपए स्टाम्प ड्यूटी देय होगी. 50 लाख रुपए से अधिक मूल्य के काॅन्ट्रैक्ट पर काॅन्ट्रैक्ट की राशि का 0.15 फीसदी और अधिकतम 25 लाख रुपए स्टाम्प ड्यूटी देय होगी. इससे कोरोना काल में क्रियाशील पूंजी की कमी से जूझ रहे ठेकेदारों को राहत मिलेगी.

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