जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 के प्रभाव के मद्देनजर कृषि विपणन विभाग द्वारा प्रस्तुत दो एमनेस्टी योजनाओं का अनुमोदन कर मंडी व्यापारियों और भूखंड आवंटियों को राहत प्रदान की है. सीएम अशोक गहलोत के निर्देश पर राज्य की विभिन्न कृषि उपज मंडी समितियों में मंडी शुल्क, आवंटन शुल्क और अन्य बकाया राशि की वसूली और प्रकरणों के निस्तारण के दृष्टिगत देय ब्याज पर 75 प्रतिशत ब्याज माफी हेतु 'ब्याज माफी योजना' लागू की गई है.
इस योजनान्तर्गत मंडी समितियों के वैध अनुज्ञापत्रधारी व्यापारियों के साथ-साथ गैर-अनुज्ञापत्रधारी यथा फुटकर दुकान/भूखण्ड आवंटी/कृषक भूखंड आवंटी और मंडी प्रांगण के अन्य आवंटी भी इस योजना का लाभ लेने के पात्र होंगे. इस योजना के तहत 30 सितंबर, 2019 को समस्त बकाया राशि मय 25 प्रतिशत ब्याज के 31 दिसम्बर, 2020 तक जमा करायी जा सकती है.
राज्य के बाहर से कृषि प्रसंस्करण के लिए 27 अप्रेल, 2005 से 31 दिसंबर, 2019 तक आयात की गई चीनी और कृषि जिंसों पर बकाया मंडी शुल्क पर यह योजना लागू होगी. मंडी समिति से अनुज्ञापत्र प्राप्त कृषि प्रसंस्करण इकाई इस योजना का लाभ लेने हेतु पात्र होगी. इसके तहत बकाया मूल मंडी शुल्क में छूट की सीमा 75 प्रतिशत और ब्याज और शास्ति में शत-प्रतिशत छूट के प्रावधान किए गए हैं.
पढे़ं- कृषि कानूनों पर किसान संघ ने सुझाए संशोधन, आंदोलन खत्म करने को सुप्रीम कोर्ट में याचिका
माफी योग्य बकाया मंडी शुल्क पर छूट के लिए आवेदन के साथ-साथ आयात की गई कृषि जिंसों के बिलों और अन्य दस्तावेजों की प्रति संलग्न करनी होगी. इस योजना का लाभ 31 मार्च, 2021 तक लिया जा सकता है.