ETV Bharat / city

PM मोदी से CM गहलोत ने रिफाइनरी के लिए जैसलमेर-बाड़मेर को दो प्रमुख बंदरगाहों से जोड़ने को कहा

author img

By

Published : Jan 8, 2021, 7:33 AM IST

वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के उद्घाटन समरोह में जुड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राजस्थान की बहुप्रतिक्षित बाड़मेर रिफाइनरी के लिए जैसलमेर-बाड़मेर को कांड्ला और मुंद्र पोर्ट से जोड़ने की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने भिवाड़ी में डीएफसी स्टेशन बनाए जाने की भी मांग की है.

Western Dedicated Freight Corridor, वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
Western Dedicated Freight Corridor, वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में गुरुवार को वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के मदार (किशनगढ़) - रेवाड़ी (हरियाणा) खंड का लोकार्पण एवं इस कॉरिडोर के न्यू अटेली (हरियाणा) और न्यू किशनगढ़ (अजमेर) से डेढ़ किलोमीटर लंबी डबल स्टैक कंटेनर रेलगाड़ी का शुभारंभ किया गया. इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं रेलमंत्री पीयूष गोयल सहित अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे.

पढ़ेंः जयपुर : कौओं में मिला H5N8 स्ट्रेन...इंसानों एवं पॉल्ट्री के प्रभावित होने की संभावना न के बराबर

वर्चुअल रूप से आयोजित समारोह में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भारतीय रेल का 170 साल का इतिहास है. आजादी के समय देश में रेलवे और इससे जुड़े क्षेत्रों में निर्माण कार्य नहीं होता था और भारत दूसरे देशों पर निर्भर था. प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दूरदृष्टि रखते हुए रेलवे के विकास के लिए कई कल-कारखाने लगवाए, जिससे भारत रेलवे के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सका.

Western Dedicated Freight Corridor, वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

रेलवे का इस्तेमाल सवारियों के साथ-साथ माल ढुलाई के लिए बेहतर तरीके से किया जा सके, इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय वर्ष 2006 में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (डीएफसीसीआईएल) की स्थापना की गई. डीएफसीसीआईएल द्वारा दिल्ली से मुंबई के बीच वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और पंजाब से पश्चिम बंगाल के बीच ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है. वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का एक बड़ा हिस्सा राजस्थान से गुजरता है.

डीएफसी स्टेशन बनाया जाए

गहलोत ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि देश का पहला कंट्री स्पेसिफिक जापानीज इनवेस्टमेंट जोन, नीमराणा अलवर जिले में है. अलवर-भिवाड़ी क्षेत्र में लगभग 6521 औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं. जिस तरह न्यू धारुहेड़ा, हरियाणा में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) रेलवे स्टेशन बनाया गया है, उसी तरह डीएफसी अलाइनमेंट पर सलारपुर औद्योगिक क्षेत्र, भिवाड़ी के पास एक और डीएफसी स्टेशन स्थापित किया जाए. इससे यहां माल ढुलाई का काम अच्छे से हो सकेगा और यहां की इकाइयों को भी लाभ मिलेगा.

पढ़ेंः श्रीगंगानगर के बाद जयपुर में मिला कोरोना का नया स्ट्रेन, ब्रिटेन से लौटी लड़की निकली पॉजिटिव

नई रेल परियोजना की मांग

मुख्यमंत्री ने पश्चिमी राजस्थान की जनता की जैसलमेर-बाड़मेर को कांडला और मुंद्रा से जोड़ने के लिए लंबे समय से चली आ रही नई रेल परियोजना की मांग को प्रधानमंत्री के समक्ष रखा. गहलोत ने कहा कि जैसलमेर और बाड़मेर में तेल और गैस का उत्पादन हो रहा है. देश में कच्चे तेल के उत्पादन का लगभग 20 फीसदी यहां निकलता है. बाड़मेर में रिफाइनरी का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है. अगर जैसलमेर-बाड़मेर को कांडला और मुंद्रा बंदरगाह से जोड़ दिया जाता है तो यह राजस्थान के हित में एक बड़ी सौगात होगी.

स्वीकृत प्रोजेक्ट के बंद काम फिर शुरू किए जाएं

गहलोत ने राजस्थान में रेलवे द्वारा स्वीकृत किए गए प्रोजेक्ट जिनका काम पूर्ववर्ती सरकार के समय बंद हो गया था, उनको भी पुनः शुरू करने की मांग की. गहलोत ने सरमथुरा-गंगापुर वाया करौली रेलवे लाइन, चौथ का बरवाड़ा से अजमेर वाया टोंक रेलवे लाइन, आदिवासी क्षेत्र से निकलने वाली रतलाम से डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा रेलवे लाइन, पुष्कर-मेड़ता रोड रेलवे लाइन, मैमू रेल कोच फैक्ट्री भीलवाड़ा के काम को फिर शुरू करने और लोहारू-सीकर-रींगस रेल लाइन पर आमान परिवर्तन के पश्चात बने ब्रॉडगेज मार्ग को देश के महानगरों और बड़े शहरों से जोड़ने की मांग भी रखी.

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में गुरुवार को वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के मदार (किशनगढ़) - रेवाड़ी (हरियाणा) खंड का लोकार्पण एवं इस कॉरिडोर के न्यू अटेली (हरियाणा) और न्यू किशनगढ़ (अजमेर) से डेढ़ किलोमीटर लंबी डबल स्टैक कंटेनर रेलगाड़ी का शुभारंभ किया गया. इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं रेलमंत्री पीयूष गोयल सहित अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे.

पढ़ेंः जयपुर : कौओं में मिला H5N8 स्ट्रेन...इंसानों एवं पॉल्ट्री के प्रभावित होने की संभावना न के बराबर

वर्चुअल रूप से आयोजित समारोह में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भारतीय रेल का 170 साल का इतिहास है. आजादी के समय देश में रेलवे और इससे जुड़े क्षेत्रों में निर्माण कार्य नहीं होता था और भारत दूसरे देशों पर निर्भर था. प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दूरदृष्टि रखते हुए रेलवे के विकास के लिए कई कल-कारखाने लगवाए, जिससे भारत रेलवे के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सका.

Western Dedicated Freight Corridor, वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

रेलवे का इस्तेमाल सवारियों के साथ-साथ माल ढुलाई के लिए बेहतर तरीके से किया जा सके, इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय वर्ष 2006 में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (डीएफसीसीआईएल) की स्थापना की गई. डीएफसीसीआईएल द्वारा दिल्ली से मुंबई के बीच वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और पंजाब से पश्चिम बंगाल के बीच ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है. वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का एक बड़ा हिस्सा राजस्थान से गुजरता है.

डीएफसी स्टेशन बनाया जाए

गहलोत ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि देश का पहला कंट्री स्पेसिफिक जापानीज इनवेस्टमेंट जोन, नीमराणा अलवर जिले में है. अलवर-भिवाड़ी क्षेत्र में लगभग 6521 औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं. जिस तरह न्यू धारुहेड़ा, हरियाणा में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) रेलवे स्टेशन बनाया गया है, उसी तरह डीएफसी अलाइनमेंट पर सलारपुर औद्योगिक क्षेत्र, भिवाड़ी के पास एक और डीएफसी स्टेशन स्थापित किया जाए. इससे यहां माल ढुलाई का काम अच्छे से हो सकेगा और यहां की इकाइयों को भी लाभ मिलेगा.

पढ़ेंः श्रीगंगानगर के बाद जयपुर में मिला कोरोना का नया स्ट्रेन, ब्रिटेन से लौटी लड़की निकली पॉजिटिव

नई रेल परियोजना की मांग

मुख्यमंत्री ने पश्चिमी राजस्थान की जनता की जैसलमेर-बाड़मेर को कांडला और मुंद्रा से जोड़ने के लिए लंबे समय से चली आ रही नई रेल परियोजना की मांग को प्रधानमंत्री के समक्ष रखा. गहलोत ने कहा कि जैसलमेर और बाड़मेर में तेल और गैस का उत्पादन हो रहा है. देश में कच्चे तेल के उत्पादन का लगभग 20 फीसदी यहां निकलता है. बाड़मेर में रिफाइनरी का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है. अगर जैसलमेर-बाड़मेर को कांडला और मुंद्रा बंदरगाह से जोड़ दिया जाता है तो यह राजस्थान के हित में एक बड़ी सौगात होगी.

स्वीकृत प्रोजेक्ट के बंद काम फिर शुरू किए जाएं

गहलोत ने राजस्थान में रेलवे द्वारा स्वीकृत किए गए प्रोजेक्ट जिनका काम पूर्ववर्ती सरकार के समय बंद हो गया था, उनको भी पुनः शुरू करने की मांग की. गहलोत ने सरमथुरा-गंगापुर वाया करौली रेलवे लाइन, चौथ का बरवाड़ा से अजमेर वाया टोंक रेलवे लाइन, आदिवासी क्षेत्र से निकलने वाली रतलाम से डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा रेलवे लाइन, पुष्कर-मेड़ता रोड रेलवे लाइन, मैमू रेल कोच फैक्ट्री भीलवाड़ा के काम को फिर शुरू करने और लोहारू-सीकर-रींगस रेल लाइन पर आमान परिवर्तन के पश्चात बने ब्रॉडगेज मार्ग को देश के महानगरों और बड़े शहरों से जोड़ने की मांग भी रखी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.