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CM Gehlot Appeal: राजस्थान में बिजली और पानी संकट के बीच CM गहलोत ने की ये अपील - राजस्थान में बिजली कटौती

राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच कई शहरों में पानी की किल्लत की शिकायतें सामने आ रही है. इसी बीच सीएम अशोक गहलोत ने लोगों ने बिजली और पानी बचाने की अपील (CM Ashok Gehlot Appeal) की है. उन्होंने कहा कि सभी बिजली, पानी का सीमित और विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें.

CM Gehlot Appeal
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Published : May 2, 2022, 10:46 AM IST

जयपुर. मई-जून महीने में पड़ने वाली भीषण गर्मी (scorching heat in rajasthan) अप्रैल महीने से ही शुरू हो गई है. प्रदेश के कई शहरों में पानी की भीषण किल्लत की शिकायतें लगातार सामने आ रही है. वहीं, बिजली की बढ़ती खपत को देखते हुए सरकार ने प्रदेश भर में बिजली कटौती भी शुरू कर दी है. बिजली पानी के बढ़ते इस प्रचंड संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों से बिजली और पानी का सीमित और विवेकपूर्ण इस्तेमाल करने की अपील (CM Ashok Gehlot Appeal) की है.

सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि मई-जून महीने में पड़ने वाली भीषण गर्मी अप्रैल महीने से ही प्रारम्भ हो गई है. वर्तमान में पूरा देश बिजली संकट से जूझ रहा है. राजस्थान भी इससे अछूता (Power crisis in Rajasthan) नहीं है. मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ा है. इण्डियन एनर्जी एक्सचेंज से खरीद के लिए भी बिजली उपलब्ध नहीं है. पानी की पर्याप्त उपलब्धता के लिए भी राज्य सरकार अपना पूरा प्रयास कर रही है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी बिजली, पानी का सीमित और विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें. बिजली बचाएं-पानी बचाएं.

  • पानी की पर्याप्त उपलब्धता के लिए भी राज्य सरकार अपना पूरा प्रयास कर रही है। आप सभी से अपील है कि बिजली, पानी का सीमित और विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें।
    बिजली बचाएं - पानी बचाएं।

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- बिजली संकट गहराया : अब संभाग व जिला मुख्यालय पर भी शुरू की बिजली कटौती, कृषि आपूर्ति ब्लॉक एक घंटा घटाया...

अप्रैल महीने से भीषण गर्मी का दौर शुरू हो चुका है और पानी की किल्लत लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले दिनों चूरू, बाड़मेर, बीकानेर, जालोर, पाली, जैसलमेर, सिरोही, नागौर, जोधपुर और डूंगरपुर को आपदा प्रभावित जिला घोषित किया गया है. इन जिलों की कई तहसीलो में पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है. इन जिलों में पानी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. वाटर ट्रेन भी चलाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. साथ ही अन्य कई संसाधनों से पानी पहुंचाने के लिए जतन किया जा रहा है. करीब एक करोड़ लोग जल संकट से जूझ रहे हैं.

मई की पहली तारीख से बिजली कटौती शुरू: राजधानी जयपुर और तमाम शहरी इलाकों में नियमित बिजली कटौती (power cut in rajasthan) शुरू कर दी गई है. सरकार के मुताबिक राज्य में पिछले साल की तुलना में वर्तमान में करीब 35 प्रतिशत से अधिक की मांग होने के बाद बिजली संकट पैदा हो गया है. लिहाजा संभाग मुख्यालयों पर एक घंटे, जिला मुख्यालयों पर दो घंटे बिजली कटौती करने के आदेश जारी किए गए हैं. वहीं जयपुर में सुबह 7 से 8 बजे तक और बाकी संभाग मुख्यालयों पर सुबह 8 से 9 बजे तक बिजली काटी जाएगी. बिजली कटौती से अस्पताल और जरूरी सेवाओं को बाहर रखा गया है. इसके अलावा नगरपालिका क्षेत्रों और कस्बों में तीन घंटे कटौती रहेगी. वहीं कस्बों में सुबह 6 से 9 बजे तक बिजली कटौती होगी. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोकल शेड्यूल के हिसाब से कटौती जारी रहेगी और इंडस्ट्रियल कनेक्शन वालों को शाम 6 से रात 10 बजे तक लोड क्षमता की केवल 50 फीसदी बिजली आपूर्ति की जाएगी.

पढ़ें- CM Ashok Gehlot Review Meeting: प्रदेश में सुचारू रूप से हो बिजली और जल आपूर्ति: मुख्यमंत्री

बिजली कटौती से पानी सप्लाई बाधित- प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा ऐसे जिले हैं जहां पर पानी की भारी किल्लत ने आम जनजीवन को बुरी तरीके से प्रभावित कर दिया है. इसके साथ ही प्रदेश में शुरू हुई बिजली कटौती ने पानी की किल्लत को और ज्यादा बढ़ा दिया है. चूरू में 3 दिन से बिजली कटौती का असर पानी सप्लाई सप्लाई पर पड़ा है. 3 दिन से शहर में पानी की सप्लाई सुचारू रूप से नहीं हो पा रही है. इसी तरह से झालावाड़, जोधपुर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, पाली अलवर और जैसलमेर सहित कई जिले ऐसे हैं जहां पर बिजली कटौती ने पानी की सप्लाई को प्रभावित किया है.

वहीं, बिजली कटौती (power cut in rajasthan) के पीछे सरकार की दलील है कि मार्च-अप्रैल से ही भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग 35 फीसदी बढ़ गई है. इसके साथ सरकार का यह भी कहना है कि कोयला सप्लाई में समस्याएं हो रही है और हमारे पास सीमित स्टॉक उपलब्ध है. बिजली की बढ़ती मांग के बीच देश के 16 राज्यों में 2-10 घंटे की बिजली की कटौती हो रही है. प्रदेश में इसलिए ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में रोस्टर पद्धति के अनुसार बिजली की कटौती की जाएगी. उद्योगों में 50 फीसदी तक बिजली कटौती का निर्णय लिया गया था. हालांकि आवश्यक सेवाओं को बिजली कटौती से पूर्णतः मुक्त रखा गया है.

जयपुर. मई-जून महीने में पड़ने वाली भीषण गर्मी (scorching heat in rajasthan) अप्रैल महीने से ही शुरू हो गई है. प्रदेश के कई शहरों में पानी की भीषण किल्लत की शिकायतें लगातार सामने आ रही है. वहीं, बिजली की बढ़ती खपत को देखते हुए सरकार ने प्रदेश भर में बिजली कटौती भी शुरू कर दी है. बिजली पानी के बढ़ते इस प्रचंड संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों से बिजली और पानी का सीमित और विवेकपूर्ण इस्तेमाल करने की अपील (CM Ashok Gehlot Appeal) की है.

सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि मई-जून महीने में पड़ने वाली भीषण गर्मी अप्रैल महीने से ही प्रारम्भ हो गई है. वर्तमान में पूरा देश बिजली संकट से जूझ रहा है. राजस्थान भी इससे अछूता (Power crisis in Rajasthan) नहीं है. मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ा है. इण्डियन एनर्जी एक्सचेंज से खरीद के लिए भी बिजली उपलब्ध नहीं है. पानी की पर्याप्त उपलब्धता के लिए भी राज्य सरकार अपना पूरा प्रयास कर रही है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी बिजली, पानी का सीमित और विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें. बिजली बचाएं-पानी बचाएं.

  • पानी की पर्याप्त उपलब्धता के लिए भी राज्य सरकार अपना पूरा प्रयास कर रही है। आप सभी से अपील है कि बिजली, पानी का सीमित और विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें।
    बिजली बचाएं - पानी बचाएं।

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- बिजली संकट गहराया : अब संभाग व जिला मुख्यालय पर भी शुरू की बिजली कटौती, कृषि आपूर्ति ब्लॉक एक घंटा घटाया...

अप्रैल महीने से भीषण गर्मी का दौर शुरू हो चुका है और पानी की किल्लत लगातार बढ़ती जा रही है. पिछले दिनों चूरू, बाड़मेर, बीकानेर, जालोर, पाली, जैसलमेर, सिरोही, नागौर, जोधपुर और डूंगरपुर को आपदा प्रभावित जिला घोषित किया गया है. इन जिलों की कई तहसीलो में पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है. इन जिलों में पानी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. वाटर ट्रेन भी चलाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. साथ ही अन्य कई संसाधनों से पानी पहुंचाने के लिए जतन किया जा रहा है. करीब एक करोड़ लोग जल संकट से जूझ रहे हैं.

मई की पहली तारीख से बिजली कटौती शुरू: राजधानी जयपुर और तमाम शहरी इलाकों में नियमित बिजली कटौती (power cut in rajasthan) शुरू कर दी गई है. सरकार के मुताबिक राज्य में पिछले साल की तुलना में वर्तमान में करीब 35 प्रतिशत से अधिक की मांग होने के बाद बिजली संकट पैदा हो गया है. लिहाजा संभाग मुख्यालयों पर एक घंटे, जिला मुख्यालयों पर दो घंटे बिजली कटौती करने के आदेश जारी किए गए हैं. वहीं जयपुर में सुबह 7 से 8 बजे तक और बाकी संभाग मुख्यालयों पर सुबह 8 से 9 बजे तक बिजली काटी जाएगी. बिजली कटौती से अस्पताल और जरूरी सेवाओं को बाहर रखा गया है. इसके अलावा नगरपालिका क्षेत्रों और कस्बों में तीन घंटे कटौती रहेगी. वहीं कस्बों में सुबह 6 से 9 बजे तक बिजली कटौती होगी. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोकल शेड्यूल के हिसाब से कटौती जारी रहेगी और इंडस्ट्रियल कनेक्शन वालों को शाम 6 से रात 10 बजे तक लोड क्षमता की केवल 50 फीसदी बिजली आपूर्ति की जाएगी.

पढ़ें- CM Ashok Gehlot Review Meeting: प्रदेश में सुचारू रूप से हो बिजली और जल आपूर्ति: मुख्यमंत्री

बिजली कटौती से पानी सप्लाई बाधित- प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा ऐसे जिले हैं जहां पर पानी की भारी किल्लत ने आम जनजीवन को बुरी तरीके से प्रभावित कर दिया है. इसके साथ ही प्रदेश में शुरू हुई बिजली कटौती ने पानी की किल्लत को और ज्यादा बढ़ा दिया है. चूरू में 3 दिन से बिजली कटौती का असर पानी सप्लाई सप्लाई पर पड़ा है. 3 दिन से शहर में पानी की सप्लाई सुचारू रूप से नहीं हो पा रही है. इसी तरह से झालावाड़, जोधपुर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, पाली अलवर और जैसलमेर सहित कई जिले ऐसे हैं जहां पर बिजली कटौती ने पानी की सप्लाई को प्रभावित किया है.

वहीं, बिजली कटौती (power cut in rajasthan) के पीछे सरकार की दलील है कि मार्च-अप्रैल से ही भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग 35 फीसदी बढ़ गई है. इसके साथ सरकार का यह भी कहना है कि कोयला सप्लाई में समस्याएं हो रही है और हमारे पास सीमित स्टॉक उपलब्ध है. बिजली की बढ़ती मांग के बीच देश के 16 राज्यों में 2-10 घंटे की बिजली की कटौती हो रही है. प्रदेश में इसलिए ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में रोस्टर पद्धति के अनुसार बिजली की कटौती की जाएगी. उद्योगों में 50 फीसदी तक बिजली कटौती का निर्णय लिया गया था. हालांकि आवश्यक सेवाओं को बिजली कटौती से पूर्णतः मुक्त रखा गया है.

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