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कांग्रेस अधिवेशन: ब्यूरोक्रेसी पर फूटा सीएम सलाहकार राजकुमार शर्मा का गुस्सा, बोले- इतने प्रलोभन मिले कि लोग पत्नी छोड़ दें फिर भी विधायक साथ रहे

जयपुर में चल रहे कांग्रेस के अधिवेशन (Rajasthan Congress Session) के दौरान सीएम सलाहकार डॉ. राजकुमार शर्मा और मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाते हुए कार्यकर्ताओं को तवज्जो देने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार अफसरों से नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं से बनती है. राजकुमार शर्मा बोले विधायकों को इतने प्रलोभन मिले कि पति-पत्नी को छोड़ दें लेकिन विधायकों ने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा.

CM Advisor Rajkumar Sharma speaks in Congress Session
सीएम सलाहकार राजकुमार शर्मा बोले
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Published : Feb 19, 2022, 4:58 PM IST

Updated : Feb 19, 2022, 6:43 PM IST

जयपुर. कांग्रेस के अधिवेशन (Rajasthan Congress Session) में शनिवार को कई मुद्दे छाए रहे. मंत्री गोविंद राम मेघवाल के साथ ही सीएम के सलाहकार डॉ. राजकुमार शर्मा ने ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार अफसरों से नहीं बनती बल्कि कार्यकर्ताओं से बनती है. इसलिए हमें कार्यकर्ताओं को अहमियत देनी चाहिए.

राजकुमार शर्मा ने अधिवेशन में (CM Advisor Rajkumar Sharma speaks in Rajasthan Congress Session) कार्यकर्ताओं की पीड़ा उठाते हुए कहा कि विधायकों से चर्चा खूब हो चुकी. अब कार्यकर्ताओं की सुननी चाहिए. इसलिए यह अधिवेशन 3 दिन का होना चाहिए था. वहीं मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने भी कहा कि चुनाव में अधिकारियों को टिकट नहीं देना चाहिए. यह जिंदगी भर नौकरी करते हैं और बाद में राजनीतिक दल उन्हें टिकट दे देते हैं. राजकुमार शर्मा बोले विधायकों को इतने प्रलोभन दिए गए थे कि पति-पत्नी को छोड़ दें लेकिन विधायकों ने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा.

सीएम सलाहकार राजकुमार शर्मा बोले

पढ़ें. Rajasthan Congress Session: डोटासरा की कांग्रेस नेताओं को सलाह... कोई भी बात ऐसी न बोलें जिसे भाजपा मुद्दा बनाए

राजनीतिक नियुक्तियों में देरी पर उठे सवाल
मुख्यमंत्री के सलाहकार विधायक राजकुमार शर्मा ने राजनीतिक नियुक्तियों में हुई देरी पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर राजनीतिक नियुक्तियों में कार्यकाल 3 साल का होता है. लेकिन देरी होने से इसका फायदा नहीं मिल पाएगा. अगर समय पर राजनीतिक नियुक्तियां होतीं तो एक ही पद पर दो कार्यकर्ताओं को मौका मिल जाता. शर्मा ने कहा कि कार्यकर्ताओं के भी निजी काम होते हैं. उनके भी घर-परिवार होते हैं. राजकुमार शर्मा ने कहा कि कार्यकर्ता मंत्री के पास अपने कार्य लेकर आते हैं तो उन्हें शंका की नजर से नहीं देखना चाहिए. बल्कि उनके काम को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

पढ़ें. प्रदेश कांग्रेस का एक दिवसीय अधिवेशन शुरू, पहली बार बजट पर पार्टी देगी सरकार को सुझाव

महाराणा प्रताप-अकबर युद्ध धार्मिक लड़ाई नहीं
अधिवेशन में मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने महाराणा प्रताप-अकबर युद्ध मामला उठाते हुए कहा कि यह धार्मिक लड़ाई नहीं थी. संघ और भाजपा इसे धार्मिक रंग देते हैं जबकि यह स्वाभिमान की लड़ाई थी.

सीएम की मौजूदगी के बाद भी कई नेता हुए रवाना
बिरला ऑडिटोरियम में चल रहे अधिवेशन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस के बड़े नेता मंच पर बैठे रहे. लेकिन इसी दौरान बड़ी संख्या में मंत्री विधायक पहले ही इस कार्यक्रम से निकल गए. मंत्री शांति धारीवाल, राजेंद्र यादव ,सुभाष गर्ग, चेतन डूडी ,महादेव सिंह खंडेला , इंदिरा मीणा, गोपाल सिंह जैसे नेता निकल गए . वहीं ज्यादातर नेता और विधायक अधिवेशन से उठ कर बाहर खाना खाने चले गए जो माकन, डोटासरा और मुख्यमंत्री के भाषण से पहले ही वापस लौटे.

जयपुर. कांग्रेस के अधिवेशन (Rajasthan Congress Session) में शनिवार को कई मुद्दे छाए रहे. मंत्री गोविंद राम मेघवाल के साथ ही सीएम के सलाहकार डॉ. राजकुमार शर्मा ने ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार अफसरों से नहीं बनती बल्कि कार्यकर्ताओं से बनती है. इसलिए हमें कार्यकर्ताओं को अहमियत देनी चाहिए.

राजकुमार शर्मा ने अधिवेशन में (CM Advisor Rajkumar Sharma speaks in Rajasthan Congress Session) कार्यकर्ताओं की पीड़ा उठाते हुए कहा कि विधायकों से चर्चा खूब हो चुकी. अब कार्यकर्ताओं की सुननी चाहिए. इसलिए यह अधिवेशन 3 दिन का होना चाहिए था. वहीं मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने भी कहा कि चुनाव में अधिकारियों को टिकट नहीं देना चाहिए. यह जिंदगी भर नौकरी करते हैं और बाद में राजनीतिक दल उन्हें टिकट दे देते हैं. राजकुमार शर्मा बोले विधायकों को इतने प्रलोभन दिए गए थे कि पति-पत्नी को छोड़ दें लेकिन विधायकों ने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा.

सीएम सलाहकार राजकुमार शर्मा बोले

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राजनीतिक नियुक्तियों में देरी पर उठे सवाल
मुख्यमंत्री के सलाहकार विधायक राजकुमार शर्मा ने राजनीतिक नियुक्तियों में हुई देरी पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर राजनीतिक नियुक्तियों में कार्यकाल 3 साल का होता है. लेकिन देरी होने से इसका फायदा नहीं मिल पाएगा. अगर समय पर राजनीतिक नियुक्तियां होतीं तो एक ही पद पर दो कार्यकर्ताओं को मौका मिल जाता. शर्मा ने कहा कि कार्यकर्ताओं के भी निजी काम होते हैं. उनके भी घर-परिवार होते हैं. राजकुमार शर्मा ने कहा कि कार्यकर्ता मंत्री के पास अपने कार्य लेकर आते हैं तो उन्हें शंका की नजर से नहीं देखना चाहिए. बल्कि उनके काम को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

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महाराणा प्रताप-अकबर युद्ध धार्मिक लड़ाई नहीं
अधिवेशन में मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने महाराणा प्रताप-अकबर युद्ध मामला उठाते हुए कहा कि यह धार्मिक लड़ाई नहीं थी. संघ और भाजपा इसे धार्मिक रंग देते हैं जबकि यह स्वाभिमान की लड़ाई थी.

सीएम की मौजूदगी के बाद भी कई नेता हुए रवाना
बिरला ऑडिटोरियम में चल रहे अधिवेशन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस के बड़े नेता मंच पर बैठे रहे. लेकिन इसी दौरान बड़ी संख्या में मंत्री विधायक पहले ही इस कार्यक्रम से निकल गए. मंत्री शांति धारीवाल, राजेंद्र यादव ,सुभाष गर्ग, चेतन डूडी ,महादेव सिंह खंडेला , इंदिरा मीणा, गोपाल सिंह जैसे नेता निकल गए . वहीं ज्यादातर नेता और विधायक अधिवेशन से उठ कर बाहर खाना खाने चले गए जो माकन, डोटासरा और मुख्यमंत्री के भाषण से पहले ही वापस लौटे.

Last Updated : Feb 19, 2022, 6:43 PM IST
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