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एकल पट्टा प्रकरण में यूडीएच मंत्री धारीवाल सहित तीन अन्य की भूमिका नहीं- ACB - शांति धारीवाल लेटेस्ट न्यूज

एसीबी ने एकल पट्टा प्रकरण (single lease case) में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल सहित तीन अन्य अधिकारियों की भूमिका मानने से इनकार करते हुए इन्हें क्लीन चिट दे दी है. अदालत 17 अगस्त को फैसला सुनाएगी.

UDH Minister Dhariwal
यूडीएच मंत्री धारीवाल
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Published : Aug 2, 2022, 8:35 AM IST

जयपुर. प्रदेश के चर्चित एकल पट्टा प्रकरण (single lease case) में एसीबी ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल सहित तत्कालीन यूडीएच सचिव एन एल मीणा, जेडीसी ललित के पंवार और अतिरिक्त आयुक्त वीएम कपूर की भूमिका मानने से इनकार करते हुए इन्हें क्लीन चिट दे दी है. अदालत ने एसीबी की ओर से पूर्व में पेश एफआर को अस्वीकार करते हुए मामले में अग्रिम जांच के आदेश दिए थे. एसीबी क्रम-4 अदालत मामले में अब 17 अगस्त को फैसला देगी.

गौरतलब है कि गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी को वर्ष 2011 में एकल पट्टा जारी करने में धांधली को लेकर एसीबी ने वर्ष 2016 में रामशरण सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज किया था. मामले में कंपनी के प्रोपराइटर शैलेन्द्र गर्ग, तत्कालीन आईएएस जीएस संधू, जेडीए जोन दस के तत्कालीन उपायुक्त ओंकारमल सैनी, निष्काम दिवाकर और गृह निर्माण सहकारी समिति के पदाधिकारियों को आरोपी बनाया गया था. इसके अलावा शांति धारीवाल व अन्य को लेकर जांच लंबित रखी थी.

पढ़ें- Single Lease Deed Case: क्यों ना एकल पट्टा प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए-HC

एसीबी ने जून 2019 में शांति धारीवाल और एनएल मीणा व अन्य को राहत देते हुए उनके पक्ष में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी थी, जिसे परिवादी ने प्रोटेस्ट पिटीशन दायर कर चुनौती दी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गत दिनों क्लोजर रिपोर्ट खारिज करते हुए कुछ बिंदुओं पर एसपी स्तर से उच्च अधिकारी से तीन माह में जांच कराने को कहा था. इससे पहले एसीबी संधू, ओंकारमल और निष्काम दिवाकर के खिलाफ लंबित मुकदमे को वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था.

जयपुर. प्रदेश के चर्चित एकल पट्टा प्रकरण (single lease case) में एसीबी ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल सहित तत्कालीन यूडीएच सचिव एन एल मीणा, जेडीसी ललित के पंवार और अतिरिक्त आयुक्त वीएम कपूर की भूमिका मानने से इनकार करते हुए इन्हें क्लीन चिट दे दी है. अदालत ने एसीबी की ओर से पूर्व में पेश एफआर को अस्वीकार करते हुए मामले में अग्रिम जांच के आदेश दिए थे. एसीबी क्रम-4 अदालत मामले में अब 17 अगस्त को फैसला देगी.

गौरतलब है कि गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी को वर्ष 2011 में एकल पट्टा जारी करने में धांधली को लेकर एसीबी ने वर्ष 2016 में रामशरण सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज किया था. मामले में कंपनी के प्रोपराइटर शैलेन्द्र गर्ग, तत्कालीन आईएएस जीएस संधू, जेडीए जोन दस के तत्कालीन उपायुक्त ओंकारमल सैनी, निष्काम दिवाकर और गृह निर्माण सहकारी समिति के पदाधिकारियों को आरोपी बनाया गया था. इसके अलावा शांति धारीवाल व अन्य को लेकर जांच लंबित रखी थी.

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एसीबी ने जून 2019 में शांति धारीवाल और एनएल मीणा व अन्य को राहत देते हुए उनके पक्ष में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी थी, जिसे परिवादी ने प्रोटेस्ट पिटीशन दायर कर चुनौती दी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गत दिनों क्लोजर रिपोर्ट खारिज करते हुए कुछ बिंदुओं पर एसपी स्तर से उच्च अधिकारी से तीन माह में जांच कराने को कहा था. इससे पहले एसीबी संधू, ओंकारमल और निष्काम दिवाकर के खिलाफ लंबित मुकदमे को वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था.

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