जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने गुरुवार को सचिवालय फोरम द्वारा आयोजित समारोह के दौरान सचिवालय को राज्य का पावर सेंटर बताया. साथ ही कहा कि सचिवालय कार्मिक संपूर्ण प्रशासन की रीढ़ है और उन्हें राज्य की जनता की सेवा करने का अनुपम अवसर प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि जनता अपनी अपेक्षाओं, अपनी परिसंवेदनाओं के लिए हम पर ही आशा रखती है. इसलिए हमें अपने उत्तरदायित्व का अहसास भली-भांति होना चाहिए.
मुख्य सचिव ने कोरोना संक्रमण की विषम परिस्थितियों में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कर्मचारियों को बोनस की घोषणा और वेतन कटौती को स्वैच्छिक करने के निर्णय को कर्मचारियों के हित में बहुत बड़ा फैसला बताते हुए कहा कि व्यवस्था का अंग होने का कारण कार्मिकों का यह दायित्व बनता है कि वे राज्य की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरें. मुख्य सचिव आर्य ने कार्मिकों को मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए अपना कार्य करने की सलाह देते हुए कहा कि एक आदमी किसी दूसरे आदमी की खुशी का कारण बने, यह उसके लिए सबसे बड़ा संतोष और सुख होता है.
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उन्होंने कहा कि कर्मचारियों और अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि हर पत्रावली के पीछे एक जिंदगी होती है, एक कहानी और एक दर्द होता है. हमें उस दर्द और तकलीफ को समझना चाहिए. सचिवालय फोरम के अध्यक्ष मेघराज पंवार ने राज्य सरकार द्वारा बोनस और वेतन कटौती को स्वैच्छिक करने की घोषणा करने पर कर्मचारियों की ओर से आभार प्रकट किया.
इस मौके पर राजस्थान निजी सचिव एवं निजी सहायक संघ के अध्यक्ष मुकुट बिहारी शर्मा, राजस्थान सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह शेखावत, विधि रचना संगठन के अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा, राजस्थान सचिवालय तकनीकी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राधेश्याम यादव और सचिवालय सहायक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मुकेश पारीक सहित बड़ी संख्या में शासन सचिवालय के अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे.