जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के लिए गठित राज्य सह संचालन और मानीटरिंग समिति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में गांव विशेष की आवश्यकताओं का आकलन कर विकास कार्य करवाए जाएंगे. योजना के अंतर्गत किसी भी गांव में अनूसूचित जाति की संख्या 500 से अधिक होने पर गांवों में विकास कार्य करवाए जाते हैं. इन कार्याें में पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज सुरक्षा, डिजिटलाइजेशन, विद्युत आपूर्ति आदि शामिल हैं.
मुख्य सचिव ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत करवाए जाने वाले कार्याें का विभाजन किया जाना चाहिए जिससे गांवों में विकास कार्याें की प्राथमिकता का निर्धारण हो सके. उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि केन्द्र सरकार की ओर से आवंटित राशि तथा गांव के विकास कार्यों का संबधित विभागों में उच्च स्तर तक जानकारी दी जाए जिससे कार्याें में दोहराव न हो. इसके साथ ही सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ योजना को पूर्ण करने में अहम भूमिका निभाएं. निरंजन आर्य ने कहा कि इस योजना के बारे में अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र की ग्रामीण जनता को पूरी जानकारी हो, इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए.
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उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि जो कार्य अन्य योजनाओं में इन गांवों में नहीं हो रहे हैं, उन कार्याें के लिए इस योजना से राशि प्राप्त कर गैप फिलिंग की जाए. उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि अब इस योजना की बैठक नियमित होनी चाहिए जिससे सभी को ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिल सके. इस अवसर पर सामाजिक न्याय विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने आदर्श ग्राम योजना, इसकी प्रगति तथा कार्याें की जिलेवार प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जानकारी दी. बैठक में तमाम अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.