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Chief Secretary instruction: बेकार जमीनें बेचकर राजस्व जुटाएगी गहलोत सरकार, मुख्य सचिव ने दिए राज्य स्तरीय नीति बनाने के निर्देश - state level policy

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने गुरुवार को बैठक कर प्रदेश में खाली और बेकार पड़ी जमीनों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं. ऐसी बेकार जमीनों को बेचकर एकत्रित राजस्व को आधारभूत ढांचे के विकास में लगाया जाएगा.

Chief Secretary instruction, list of null and void land
मुख्य सचिव निरंजन आर्य की बैठक
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Published : Nov 25, 2021, 6:56 PM IST

जयपुर. कोरोना काल से आर्थिक संकट झेल रही गहलोत सरकार (Gehlot government) अब अनुपयोगी जमीनों को बेचकर राजस्व जुटाएगी. मुख्य सचिव ने गुरुवार को बैठक के दौरान प्रबंधन के लिए राज्य स्तरीय नीति (state level policy) बनाने के निर्देश दिए हैं. साथ अधिकारीयों को अनुपयोगी, खाली पड़ी जमीन और नजूल सम्पतियों को चिन्हित कर सूची तैयार करने के लिए भी कहा है.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा है कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधीन खाली पड़ी और अनुपयोगी जमीनों और भूखण्डों के साथ नजूल सम्पतियों का चिन्हित कर सूची तैयार की जाएगी. इसके बाद एक राज्य स्तरीय नीति के तहत इन जमीनों का उपयोग और इनके बेचने की प्रक्रिया होगी. बेचान से मिलने वाली राशि का उपयोग आधारभूत ढांचे के विकास के किया जाएगा.

पढ़ें. corona in Jaipur Schools : 6 स्कूली बच्चे कोरोना पॉजिटिव, इनमें दो सरकारी स्कूल के, ऑनलाइन क्लास ले रहे दो बच्चे भी संक्रमित

उन्होंने सभी विभागों को ऐसी जमीनों को चिन्हित कर उसकी सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं. आर्य ने अनुपयोगी सरकारी जमीनों के बेहतर व्यवसायिक प्रबंधन के लिए राज्य स्तरीय नीति निर्माण के लिए हुई बैठक में यह बात कही. मुख्य सचिव ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में मौजूद ऐसी भू-सम्पदाओं की भी इन्वेंटरी रजिस्टर की जाए जो किसी-न-किसी सरकारी विभाग और राजकीय उपक्रम के अधीन हैं और वर्तमान में लम्बे समय से उपयोग में नहीं आ रही हैं.

बैठक में प्रमुख शासन सचिव शहरी विकास एवं आवासन कुंजीलाल मीणा ने प्रस्तावित भूमि प्रबंधन नीति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस विषय में पंजाब और कर्नाटक राज्यों में सरकारी भू-सम्पतियों के प्रबंधन मॉडल पर विस्तृत जानकारी ली गई है. प्रदेश में अनुपयोगी जमीनों के प्रबंधन के लिए एक राज्य स्तरीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति, जिला स्तरीय समितियां, शहरी विकास कोष आदि बनाने पर विचार किया जा सकता है.

जयपुर. कोरोना काल से आर्थिक संकट झेल रही गहलोत सरकार (Gehlot government) अब अनुपयोगी जमीनों को बेचकर राजस्व जुटाएगी. मुख्य सचिव ने गुरुवार को बैठक के दौरान प्रबंधन के लिए राज्य स्तरीय नीति (state level policy) बनाने के निर्देश दिए हैं. साथ अधिकारीयों को अनुपयोगी, खाली पड़ी जमीन और नजूल सम्पतियों को चिन्हित कर सूची तैयार करने के लिए भी कहा है.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा है कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधीन खाली पड़ी और अनुपयोगी जमीनों और भूखण्डों के साथ नजूल सम्पतियों का चिन्हित कर सूची तैयार की जाएगी. इसके बाद एक राज्य स्तरीय नीति के तहत इन जमीनों का उपयोग और इनके बेचने की प्रक्रिया होगी. बेचान से मिलने वाली राशि का उपयोग आधारभूत ढांचे के विकास के किया जाएगा.

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बैठक में प्रमुख शासन सचिव शहरी विकास एवं आवासन कुंजीलाल मीणा ने प्रस्तावित भूमि प्रबंधन नीति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस विषय में पंजाब और कर्नाटक राज्यों में सरकारी भू-सम्पतियों के प्रबंधन मॉडल पर विस्तृत जानकारी ली गई है. प्रदेश में अनुपयोगी जमीनों के प्रबंधन के लिए एक राज्य स्तरीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति, जिला स्तरीय समितियां, शहरी विकास कोष आदि बनाने पर विचार किया जा सकता है.

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